प्रदूषण की वजह से अस्थमा मरीजों की जा सकती है जान, विशेषज्ञ से जानें बचाव के उपाय

लखनऊ में खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) को लेकर चिकित्सा विशेषज्ञों ने चिंता जताई है। चिकित्सकों ने कहा है कि सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित लोगों में स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं का खतरा बढ़ गया है।राज्य भर के अस्पतालों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि उनके पास आने वाले दिनों में होने वाली सांस की बीमारी और अन्य मौसमी समस्याओं के इलाज के लिए सुविधाएं तैयार हों।

pollution dangerous for asthma patients

लखनऊ में खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) को लेकर चिकित्सा विशेषज्ञों ने चिंता जताई है। चिकित्सकों ने कहा है कि सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित लोगों में स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं का खतरा बढ़ गया है।राज्य भर के अस्पतालों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि उनके पास आने वाले दिनों में होने वाली सांस की बीमारी और अन्य मौसमी समस्याओं के इलाज के लिए सुविधाएं तैयार हों।

प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने अधिकारियों से कहा है कि वे सांस की बीमारी और जलने से घायल मरीजों के लिए बिस्तर आरक्षित रखें। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में श्वसन चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ संकाय राजीव गर्ग ने कहा, "ओपीडी में हमें एक या दो फॉलो-अप मरीज मिलते थे जो अपनी नियत तारीख से पहले हमें रिपोर्ट करते थे। लेकिन आज एक दर्जन ऐसे मरीज सामने आए जो यह संकेत दे रहे हैं कि वायु प्रदूषण का स्तर मरीजों पर असर डालने लगा है।''

उन्होंने कहा, "वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से सांस की बीमारी के रोगियों में लक्षण बढ़ रहे हैं। यही कारण है कि उनमें से कई अपनी नियत तारीख से बहुत पहले आ गए।" लखनऊ में मुख्य प्रदूषण के रूप में पीएम 2.5 के साथवायु गुणवत्ता सूचकांक251 दर्ज किया गया।

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