भारत में 2023 में अब तक डेंगू से सबसे ज्यादा मौतें, रिपोर्ट में हुआ खुलासा, जानें इसके लक्षण
भारत में हर साल डेंगू के मामले देखने को मिलते हैं। हर साल हजारों लोग डेंगू के शिकार होते हैं और सैकड़ों लोगों को इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ती है। इस साल भी डेंगू ने देशभर में कोहराम मचाया है। डेंगू बुखार भी मच्छरों के काटने से फैलता है। इन मच्छरों को 'एडीज मच्छर' कहते है। ये मच्छर बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा होते हैं। इसलिए डेंगू के मरीजों की संख्या भी बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा होते हैं।
dengue symptoms
भारत में हर साल डेंगू के मामले देखने को मिलते हैं। हर साल हजारों लोग डेंगू के शिकार होते हैं और सैकड़ों लोगों को इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ती है। इस साल भी डेंगू ने देशभर में कोहराम मचाया है। डेंगू बुखार भी मच्छरों के काटने से फैलता है। इन मच्छरों को 'एडीज मच्छर' कहते है। ये मच्छर बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा होते हैं। इसलिए डेंगू के मरीजों की संख्या भी बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा होते हैं।
डेंगू के लक्षण
डेंगू के लक्षण हल्के और गंभीर दोनों हो सकते हैं। संक्रमित होने के बाद डेंगू के हल्के लक्षण चार से सात दिनों के अंदर नजर आने लगते हैं। जानिए लक्षण-
- सिरदर्द
- मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द
- उल्टी
- जी मिचलाना
- आंखों में दर्द होना
- त्वचा पर लाल चकत्ते होना
- ग्लैंड्स में सूजन होना
भारत इस साल सबसे अधिक डेंगू के मामलों और मौतों वाले शीर्ष 20 देशों में शामिल है। रविवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच वर्षों की तुलना में 2023 में अधिक मामले दर्ज किये गये हैं। एड एजेंसी सेव द चिल्ड्रेन की रिपोर्ट से पता चला है कि इस साल नवंबर 2023 तक सबसे अधिक प्रभावित 20 देशों में डेंगू बुखार के 50 लाख मामले दर्ज किए गए - जो 2022 की तुलना में 30 प्रतिशत और 2019 के आंकड़ों से 18 फीसदी अधिक है।
इसमें यह भी पाया गया कि भारत सहित 20 देशों में डेंगू से कम से कम पाँच हजार 500 लोग मारे गए जो 2022 से 32 प्रतिशत अधिक और 2019 की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मौतों और मामलों की वास्तविक संख्या कहीं अधिक होने की संभावना है क्योंकि कई मामले रिपोर्ट नहीं किए गए हैं। बांग्लादेश ने, जिसमें वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक मौतें हुई थीं, 2023 में अब तक के सबसे खराब डेंगू बुखार के प्रकोप का सामना किया। जनवरी से तीन लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए, जो 2022 में बीमारी से पीड़ित 62 हजार लोगों की तुलना में एक बड़ी छलांग है।
इस प्रकोप के परिणामस्वरूप एक हजार 598 मौतें हुईं जो 2022 के मुकाबले पाँच गुना से अधिक हैं। इनमें 160 से अधिक बच्चे शामिल थे जिनमें से अधिकतर 10 वर्ष से कम उम्र के थे। सेव द चिल्ड्रेन के एशिया के वरिष्ठ स्वास्थ्य और पोषण सलाहकार यासिर अराफात ने एक बयान में कहा, पूरे एशिया में, चरम मौसम की घटनाओं ने 2023 को डेंगू से होने वाली मौतों के लिए एक विनाशकारी वर्ष बनाने में योगदान दिया है, जिससे बच्चों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बच्चे न केवल डेंगू के शिकार के रूप में प्रभावित होते हैं, बल्कि उनकी शिक्षा में व्यवधान, उन पर और उनके परिवार पर आर्थिक और भावनात्मक दबाव भी बढ़ता है। उनकी देखभाल करने वाले बीमारी से ग्रस्त हो जाते हैं और मर जाते हैं।
उन्होंने कहा, हमें डेंगू से लड़ने के लिए स्थानीय योजनाओं की आवश्यकता है - गांव और शहर स्तर पर - और समुदायों की भागीदारी के साथ मच्छरों पर नियंत्रण, बीमारी का निदान और उपचार एक सरकारी प्रयास होना चाहिए न कि केवल स्वास्थ्य विभागों का काम। चरम मौसम और जलवायु के झटकों का बेहतर अनुमान लगाने के लिए फंडिंग की जरूरत है ताकि सिर्फ संकट ही नहीं, जोखिम को भी प्रबंधित किया जा सके।
डेंगू बुखार एक वायरल संक्रमण है जो मच्छर के काटने से फैलता है और फ्लू जैसे लक्षण पैदा कर सकता है। इसमें तेज बुखार, आंखों के पीछे दर्द, दाने, गंभीर सिरदर्द और शरीर में दर्द शामिल है। सबसे गंभीर मामलों में यह डेंगू रक्तस्रावी बुखार या डेंगू शॉक सिंड्रोम में बदल सकता है, जो घातक हो सकता है। रिपोर्ट में डेंगू बुखार के प्रकोप में वृद्धि के लिए जलवायु संकट के साथ-साथ इस साल की अल नीनो घटना को जिम्मेदार ठहराया गया है। जुलाई में, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि डेंगू केवल दो दशकों में आठ गुना बढ़ गया है, जो वर्ष 2000 में लगभग पाँच लाख मामलों से बढ़कर 2022 में 42 लाख से अधिक हो गया है।
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शुरुआती शिक्षा बिहार के मुजफ्फरपुर से हुई। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन पूरा किया। इसके बाद पत्रकारिता की पढ़ाई के लिए नोएडा आय...और देखें
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