सिर्फ एक हफ्ते नींद न पूरी होने से बढ़ सकता है शुगर की बीमारी का खतरा, स्टडी में हुआ चौंका देने वाला खुलासा

Irregular Sleep Pattern Increase Risk Of Diabetes: जो लोग रात में देर से सोते हैं और सुबह जल्दी उठते हैं, या रात में पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो ऐसे लोगों को आज से सावधान हो जाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इसकी वजह से आपके स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। यह डायबिटीज की बीमारी को भी ट्रिगर कर सकता है।

Irregular Sleep Pattern Increase Risk Of Diabetes

Irregular Sleep Pattern Increase Risk Of Diabetes: आपने हमेशा हेल्थ एक्सपर्ट से सुना होगी कि रात में 8-9 घंटे नींद जरूर लेनी चाहिए। यह स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। साथ ही, यह भी आपने अक्सर सुना होगा कि रोज एक ही समय पर सोना व उठना चाहिए। अगर आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, रात में देर से सोते हैं और सुबह जल्दी उठते हैं तो यह आदत लंबे समय में आपको बीमार बना सकती है। आपको बता दें कि इसकी वजह से आप कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार भी हो सकते हैं। यह आपको मोटापा, हृदय रोग, डिप्रेशन, तनाव, कैंसर और डिप्रेशन जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे में डाल सकता है। आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि एक नई स्टडी में यह बात सामने आई है कि अगर कोई व्यक्ति सिर्फ 1 हफ्ते पर्याप्त नींद न लें या उसके नींद के पैटर्न में बदलाव होता है, तो इसकी वजह से उन्हें टाइट 2 डायबिटीज होने का खतरा बहुत बढ़ जाता है। यहां जानें स्टडी में क्या कुछ पाया गया है...

अनियमित नींद से 34 प्रतिशत तक बढ़ सकता है डायबिटीज का खतरा

डायबिटीज केयर जर्नल में हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात सामने आई है, कि यदि कोई व्यक्ति 7 दिनों तक अनियमित नींद लेता है या खराब स्लीपिंग पैटर्न को फॉलो करता है, तो ऐसे में मध्यम से लेकर वृद्ध वर्ग के लोगों में टाइप 2 मधुमेह डायबिटीज के विकास का खतरा 34 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। हालांकि, शोधकर्ताओं ने यह भी स्वीकार किया 7 दिनों से अधिक नींद की अवधि का आकलन दीर्घकालिक नींद के पैटर्न को नहीं पकड़ सकता है। लेकिन इस जीवनशैली से जुड़ी स्थिति में सुधार करने से टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को कम करने में बहुत मदद मिल सकती है।

कैसे किया गया अध्ययन

अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने यूके बायोबैंक डेटासेट से 84,000 से अधिक प्रतिभागियों का अनुसरण किया। इन प्रतिभागियों की औसतन उम्र लगभग 62 वर्ष थी। ये ऐसे लोग थे जिनमें डायबिटीज की शुरुआत नहीं हुई थी। उन्होंने मेडिकल रिकॉर्ड के माध्यम से मेटाबॉलिज्म रोग के विकास की 7 सालों तक मॉनिटरिंग की। अध्ययन में शोधकर्ता यह देखना चाहते हैं कि आखिर शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक में बदलाव कैसे डायबिटीज के बढ़ते खतरे से जुड़ा हुआ है।

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