एल्युमिनियम फॉइल या बटर पेपर? रोटी रखने के लिए क्या है बेहतर, किस तरह की पैकिंग सेहत के लिए है जहर, जान लें सभी जरूरी बातें

आप रोटी पैक करने के लिए पैकिंग पेपर ढूंढते वक्त इस बात को अक्सर सोचते होंगे कि फॉइल पेपर या बटर पेपर किसमें रोटी पैक करना हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होता है। हालांकि रोटी को पैक करते समय इस बात का ध्यान भी रखना होता है, कि रोटी किस पैकिंग में ज्यादा देर तक ताजा बनी रहेगी। आइए जानते हैं रोटी के लिए फॉइल पेपर बेहतर या बटर पेपर?

Best option of Food packaging

Best option of Food packaging

घर से बाहर सफर करते या ऑफिस जाते समय हम हमेशा खाना पैक करके ले जाते हैं। जिसका कारण है कि भारतीय घरों की ये आम धारणा है कि हमें बाहर का पैकेज्ड फूड खाने से परहेज करना चाहिए। इसलिए हम ज्यादातर समय घर से टिफिन पैक करके साथ मे ले जाते हैं। लेकिन क्या आपने टिफिन पैक करते समय कभी सोचा है कि जिस पैकिंग पेपर में आप अपना खाना पैक कर रहे हैं, वह आपकी सेहत के लिए कितना फायदेमंद है। हम अक्सर फॉइल पेपर या बटर पेपर का इस्तेमाल खाने को पैक करने के लिए करते हैं। तो हम अक्सर सोचते हैं कि हमारा पैक किया हुआ खाना क्या हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक तो नहीं हो जाएगा। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आपकी सेहत के लिए एल्यूमीनियम पेपर या बटर पेपर दोनों में से क्या बेहतर है?

एल्युमिनियम फॉइल पैकेजिंग - Aluminum Foil Packaging

आज ज्यादातर लोग खाने को पैक करने के लिए एल्युमीनियम फॉइल पेपर का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें खाने को पैक करना बेहद ही आसान काम है। इसके अलावा एल्युमिनियम में खाने को पैक करने से इसके ज्यादा सुरक्षित रहने की संभावना होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका ये पसंदीदा खाना पैक करने का ऑप्शन आपकी सेहत को बिल्कुल पसंद नही है। आइए जानते हैं विस्तार से..

एल्युमिनियम फॉइल में कैसा खाना पैक नहीं करना चाहिए?

एसिडिक फूड को पैक न करें

हेल्थ लाइन की रिपोर्ट के अनुसार, एल्युमिनियम फॉइल में अम्लीय फूड्स को पैक करना हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। जिसका कारण है कि एल्युमिनियम एसिड के साथ तेजी से क्रिया करता है इससे खाना खराब हो सकता है।

गर्म चीज पैक न करें

कई लोग गर्म खाने को एल्युमिनियम फॉयल में पैक कर देते हैं, जो हमारी सेहत के लिए काफी नुकसानदायक है। गर्म खाना पैक करने के एल्युमिनियम फॉइल में मौजूद केमिकल खाने में मिल जाते हैं। जिससे अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है।

एल्युमिनियम फॉइल में खाना पैक करने के नुकसान - Disadvantages of packing food in aluminum foil

अल्जाइमर का खतरा

हेल्थ रिपोर्ट्स की मानें तो मस्तिष्क में एल्युमिनियम की मात्रा बढ़ने पर अल्जाइमर का खतरा काफी बढ़ जाता है। अल्जाइमर एक याद्दाश्त संबंधी रोग है, जिसमें व्यक्ति की याद करने की क्षमता कमजोर होती जाती है।

कमजोर हड्डियां

एल्युमिनियम में खाना पकाने पर यह खाने से आयरन और कैल्शियम जैसे तत्वों को सोख लेता है। यही कारण है कि यदि एल्युमिनियम हमारे खाने के साथ शरीर में चला जाए तो यह हमारे शरीर में कैल्शियम की कमी का कारण बन जाता है। जिससे लंबे समय में हमारी हड्डियां कमजोर होती चली जाती हैं।

इंफर्टिलिटी की समस्या

एल्युमिनियम में रखा खाना खाने पर हमारे शरीर में एल्युमिनियम जिंक की जगह ले लेता है, जिससे पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या बढ़ जाती है। क्योंकि शरीर में मौजूद जिंक हमारी फर्टिलिटी के लिए जिम्मेदार होती है।

बटर पेपर पैकेजिंग - Butter paper Packaging

एल्युमिनियम फॉइल पैकेजिंग के इतने नुकसान को देखते हुए लोग बटर पेपर में खाना पैक करने लगे हैं। नॉन स्टिक परत और सेल्युलोज से बना बटर पेपर फूड पैकेजिंग के लिए कही ज्यादा सेफ ऑप्शन है। इसका इस्तेमाल आप सॉलिड फूड को पैक करने में कर सकते हैं। यह आपके खाने को लंबे समय तक ताजा बनाए रखता है। इसके अलावा इससे आपके स्वास्थ्य को भी कोई हानि नहीं पहुंचती है। आप बटर पेपर में नमकीन, मसालेदार और एसिडिक सभी तरह का खाना आसानी से पैक कर सकते हैं।

रोटी पैकिंग की भारतीय परंपरा - Indian Tradition of Roti Packing

परंपरागत रूप से भारत में रोटियों को सूती या मलमल के कपड़े में पैक किया जाता रहा है, जिसमें रोटी लंबे समय तक ताजा और हेल्दी बनी रहती है। यदि आप अपनी रोटियों को ताजा और सेहत को दुरुस्त रखना चाहते हैं तो आपको सूती या मलमल के कपड़े में रोटियों को लपेटकर रखना चाहिए। इस तरह के कपड़ों का इस्तेमाल हमारे घरों में लंबे समय से खाना पैक करने के लिए होता हुआ आया है। लेकिन आज बढ़ते बाजार बाद को देखते हुए लोग खाना पैक करने के तरह तरह के ऑप्शन बाजार से पिक कर रहे हैं। जिसके हेल्थ पर पड़ने वाले प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

बटर पेपर या एल्युमिनियम फॉइल कौन सा बेहतर है? - What is better aluminum foil or butter paper?

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो एल्युमिनियम फॉइल में खाना पैक करना हमारी सेहत के लिए हानिकारक होता है। वहीं बटर पेपर इसकी तुलना में सेहत के लिए ज्यादा हेल्दी विकल्प है। एल्युमिनियम में गर्म खाना पैक करने पर इसमें में कई तरह के केमिकल मिल जाते हैं, जो इसे सेहत के लिए हानिकारक बना देते हैं। इसके अलावा एसिडिक फूड को एल्युमिनियम में पैक करना खाने के स्वाद को खराब कर सकता है। और इससे हमारा पाचन तंत्र भी खराब हो सकता है।
इसके अलावा बटर पेपर में खाना पैक करना हमारी सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है। क्योंकि सेल्युलोज से बना ये पेपर हमारे खाने के साथ किसी तरह की क्रिया नहीं करता है। हालांकि आपको बटर पेपर का चुनाव करते समय आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपका बटर पेपर रंगीन न हो। क्योंकि पेपर पर लगा रंग हमारे खाने के साथ मिक्स हो जाता है। जो हमारी सेहत को कई तरह के नुकसान पहुंचा सकता है।
एल्युमिनियम फॉइल या बटर पेपर जब बात चॉइस की आती है तो बिना किसी संकोच के कहा जा सकता है कि एल्युमिनियम फॉइल की तुलना में बटर पेपर में खाना पैक करना हमारी सेहत के लिए कहीं ज्यादा फायदेमंद रहता है। लेकिन यदि संभव है तो आपको अपने खाने को सूती या मलमल के कपड़े में पैक करना चाहिए। क्योंकि इस विकल्प को चुनते ही आप केमिकल के दुष्प्रभाव से पूरी तरह बच सकते हैं।
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गुलशन कुमार author

पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर खुर्ज़ा शहर का रहने वाला हूं। हेल्थ, लाइफस्टाइल और राजनीति से जुड़े विषयों पर लिखने-पढ़ने का शौक है। Timesnowhindi.com में ...और देखें

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