H3N2 Vs Covid: क्या Covid-19 से खतरनाक है H3N2 वायरस, जानें सांस के मरीजों को कितना खतरा, इसके लक्षण व बचाव के तरीके

H3N2 Vs Covid: इंफ्लुएंजा वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि ने लोगों के माथे पर चिंता की लकीर खींच दी है। वहीं बीते दिन 2 लोगों की मौत से पूरे देश में दहशत का माहौल है। ऐसे में हर किसी के मन में सवाल है कि, इंफ्लुएंजा वायरस कोरोना वायरस से कितना खतरनाक है तथा इसके लक्षण, बचाव और इलाज। यहां हम आपको इन सभी सवालों के जवाब देंगे।

H3N2 symptoms, treatment In Hindi

Covid Vs H3N2: क्या कोरोना वायरस से खतरनाक है H3N2, जानें इसके लक्षण

मुख्य बातें
  • एच3एन2 वायरस एक प्रकार का गैर मानव इंफ्लुएंजा वायरस है।
  • यह सुअरों से फैलने वाली बीमारी है।
  • यह फेफड़े से संक्रमित मरीजों व अस्थमा के मरीजों के लिए अधिक खतरनाक है।

H3N2 Symptoms, Treatments In India: कोरोना वायरस के बाद H3N2 वायरस के दस्तक से दहशत का (Influenza Virus) माहौल है। स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट पर नजर डालें तो 100 से अधिक लोग एच3एन2 वायरस के चपेट में आ चुके हैं, जिसमें से बीते दिन 2 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवा (H3N2 Symptoms) दी है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एक रिपोर्ट पर नजर डालें तो, बीते एक से दो महीनों में इंफ्लुएंजा के कारण सर्दी, जुकाम, बुखार से पीड़ित मरीजों के तादाद में तेजी से वृद्धि (H3N2 Virus Cases In Delhi) हुई है। खासकर बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं तेजी से इस वायरस के चपेट में आ रही हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो यदि आप लगातार सर्दी, खांसी या जुकाम की समस्या से ग्रस्त रहते हैं, तो जल्द से जल्द अपने किसी डॉक्टर से सलाह लें, जरा सी लापरवाही आपके लिए (H3N2 Virus Treatment) घातक सिद्ध हो सकती है।

एच3एन2 से संक्रमित मरीजो में सर्दी, जुकाम, बुखार, गले में खरास जैसे शुरुआती लक्षण देखने को मिलते हैं। यह सबसे पहले सांस लेने की नली और फेफड़ो को संक्रमित करता है। यदि सही समय पर इसका इलाज ना करवाया जाए तो व्यक्ति अपनी जान गंवा (H3N2 VS Covid-19) सकता है। डॉक्टर्स की मानें तो इंफ्लुएंजा वायरस के संक्रमण का असर 5 से 7 दिनों तक रहता है। यह फेफड़े से संक्रमित मरीजों व अस्थमा के मरीजों के लिए अधिक खतरनाक है।

इंफ्लुएंजा के दस्तक से दहशत, क्या है H3N2 वायरस? जानें इसके लक्षण व बचाव के तरीके

आईसीएमआर की एक रिपोर्ट के मुताबिक सांस या फेफड़े से संक्रमित करीब 10 फीसदी मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। हालांकि इस वायरस के चपेट में आने के बाद लोग ठीक हो जाते हैं, वहीं रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर व्यक्ति लंबे समय से इससे संक्रमित रहता है। ऐसे में इस लेख के माध्यम से आइए जानते हैं, क्या कोरोना वायरस से खतरनाक है H3N2 वायरस तथा सांस के मरीजों के लिए कितना खतरनाक है ये और इसके लक्षण व बचाव के तरीके।

क्या कोरोना से खतरनाक है H3N2 Virus

एच3एन2 वायरस के लक्षण लगभग कोरोना वायरस की तरह हैं। हालांकि यह कोरोना वायरस की तुलना में कम संक्रामक है। यह एक प्रकार का गैर मानव इंफ्लुएंजा वायरस है, यह आमतौर पर सुअरों से फैलने वाली बीमारी है। यह फेफड़े से संक्रमित मरीजों व अस्थमा के मरीजों के लिए अधिक खतरनाक है। साल 2011 में पहली बार इंफ्लुएंजा वायरस का पहला मामला सामने आया था। यह कोरोना वायरस की तरह फेफड़ों व सांस की नली को प्रभावित करता है, यदि सही समय पर इसका इलाज ना करवाया जाए तो व्यक्ति अपनी जान गंवा सकता है।

H3N2 Virus Symptoms, H3N2 वायरस के लक्षण

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो, इंफ्लुएंजा वायरस से संक्रमित मरीजों में शुरुआत में सर्दी, जुकाम, बुखार, गले में खरास, सूखी खांसी, थकान, नाक से पानी आना आना आम बात है। वहीं कुछ मामलों में उल्टी, दस्त और तेज बुखार जैसे लक्षण भी देख जा रहे हैं। आमतौर पर ये वायरस 5 से 7 दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। लेकिन यदि आप लंबे समय से इस भयावह वायरस से संक्रमित रहते हैं तो ये आपके फेफड़ों को संक्रमित कर सकता है। जिससे आपको सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। यदि सही समय पर इसका इलाज ना करवाया जाए, तो व्यक्ति एक के बाद एक सांस लेने वाली बीमारी से संक्रमित होता जाता है।

सांस के मरीजों के लिए कितना खतरनाक

बता दें सांस संबंधी बीमारियों से ग्रस्त मरीजों, बच्चों व बुजुर्गों को ये वायरस जल्द अपने चपेट में लेता है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, H3N2 से संक्रमित मरीज जो पहले से सांस संबंधी या किसी अन्य बीमारी से संक्रमित हैं उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। यह वायरस सबसे ज्यादा 60 वर्ष से अधिक और 5 वर्ष से कम बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है।

कैसे फैलता है H3N2 वायरस

H3N2 यानी इंफ्लुएंजा वायरस भी कोरोना वायरस की तरह अधिक संक्रामक है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने, छींकने, हांथ मिलाने से फैलता है। वहीं बच्चे, 60 वर्ष से अधिक लोगों व गर्भवती महिलाओं को इस वायरस से अधिक खतरा है। यहां जानें इससे बचाव के तरीके।

H3N2 Virus, Do's And Dont's, H3N2 वायरस से बचाव के तरीके, इन बातों का रखें ध्यान

  • सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें तथा भीड़भाड़ वाले स्थान पर जाने से बचें।
  • मास्क और सैनेटाइजर का इस्तेमाल करें।
  • आंख और नाक को बार-बार छूने से बचें।
  • सार्वजनिक स्थानों पर थुकने से बचें।
  • खांसते और छींकते समय मुंह को रुमाल से अच्छी तरह ढक लें।
  • खुद को हमेशा हाइड्रेट रखें।
  • तरल पदार्थ का अधिक सेवन करें।
  • बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक दवाएं लेने से बचें।

आपको बरतनी चाहिए ये सावधानियां

  1. 5 से 7 दिनों से अधिक समय तक सर्दी, जुकाम से ग्रस्त होने पर चेकअप करवाएं।
  2. यदि आप इस वायरस के चपेट में आ जाते हैं, तो लगातार अपना ऑक्सीजन लेवल चेक करवाते रहें।
  3. ऑक्सीजन लेवल 95 प्रतिशत से कम होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना जरूरी।

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आदित्य सिंह author

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी अयोध्या का रहने वाला हूं। लिखने-पढ़ने का शौकीन, राजनीति और शिक्षा से जुड़े मुद्दों में विशेष रुचि। साथ ही हेल्...और देखें

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