What is Kaizen: मिनटों में ऐसे दूर होता है जापानियों का सारा आलस, देखें सुस्ती भगाने का रामबाण उपाय

Japanese technique Kaizen meaning (काइज़ेन सुस्ती भगाने का उपाय): स्कूल-ऑफिस या कहीं किसी मीटिंग में काम करते हुए आपको भी सुस्ती या आलस का अनुभव होता है। तो चिंता का विषय हो सकता है, आलस आने से किसी भी काम में मन लगना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि, जापानी लोग दिन भर काम करते चुस्त दुरुस्त कैसे रहते हैं? यहां देखें जापानी लोगों का फुर्ती का रामबाण तरीका क्या है?

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How to get rid of laziness (काइज़ेन सुस्ती भगाने का उपाय): दिन भर काम या पढ़ाई में पूरा ध्यान और मन लगाना मुश्किल हो सकता है। अक्सर ही आपने भी ये महसुस किया होगा कि, एक निश्चित समय के बाद आपको अपने आप आलस व सुस्ती का अनुभव होने लग जाता है। ऑफिस, पढ़ाई या कोई और काम करते वक्त बहुत आलस आना चिंता का विषय हो सकता है, इसकी वजह से आपके काम खराब हो सकते हैं। सोचने की बात है कि, अक्सर ही जहां चुस्ती, फुर्ती और काम की बात आती है, वहां जापानी लोग हमेशा आगे रहते हैं। अगर आपके दिमाग में भी ये सवाल उछल कूद करता है कि, आखिर जापानी थकते कैसे नहीं हैं? तो इसका जवाब है 'काइज़ेन' जो आलस भगाने की असरदार तकनीक है। देखें काइज़ेन क्या है और इसके क्या होता है।

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क्या है काइज़ेन? किसी काम को करते वक्त अगर आलस, सुस्थी, थकान या सिरदर्द का अनुभव हो और उससे छुटकारा पाना है। तो जापान की खास काइज़ेन तकनीक बहुत असरदार मानी जाती है। काइज़ेन को आप एक मिनट का सिद्धांत या खुद को बेहतर बनाने के लिए अपनाई गई तकनीक भी मान सकते हैं। जापानी लोग इसी तकनीक को फॉलो कर झटपट बिना थके अपना सारा काम समाप्त कर लेते हैं। जापान में ये तकनीक लोग अपनी मेनेजमेंट स्किल्स को अच्छा बनाने के लिए यूज करते हैं। काइज़ेन का अर्थ ज्ञान की प्राप्ति से जुड़ा होता है, जिसे हासिल करने में लोगों को लंबा समय लगता है। जापानी लोग काइज़ेन की कला को नियमित रूप से फॉलों कर इसमें माहिर हो जाते हैं।

कैसे करें इस्तेमाल?

अगर आप भी काम या पढ़ाई के बीच में आलस और सुस्ती आने की वजह से परेशान हैं। तो आपकी ये परेशानी जापानियों जैसे काइज़ेन की तकनीक को फॉलों कर दूर की जा सकती है। हालांकि बेशक ही इसके परिणाम आपको एक दो दिन में नहीं ही दिखने लगेंगे। लेकिन नियमित रूप से प्रयास करने पर आप भी काम को चुस्ती से पूरा करेंगे, एवं आपकी मेनेजमेंट स्किल्स बेहतरीन बनेंगी।

  • आलस की आदत को पहचाने
आलस दूर करने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि, आप इस समस्या को पहचाने। समस्या का निवारण करने के लिए जरुरी है कि, आप समस्या को स्वीकार करें कि आप आलसी हो गए हैं। इस बात का पता आपको अपने काम के तरीके से, बर्ताव से और पैटर्न पर नज़र रख आसानी से पता चल जाएगा।
  • छोटे छोटे टार्गेट
अगर आप अपना आलस और सुस्ती की समस्या को जापानी लोगों की तरह दूर करना चाहते हैं। तो ऐसे में आपको अपने लिए हर दिन छोटे छोटे टार्गेट सेट करने चाहिए। क्योंकि एकदम से हर चीज़ आपके हिसाब से बदल जाए। ऐसा हो पाना मुश्किल ही है, इसलिए काइज़ेन की तकनीक आपके लिए काम की होगी। काइज़ेन में आप अपने लिए छोटे और प्राप्त करने योग्य लक्ष्य तय करते हैं। जो आसानी से पूरे हो सकते हैं और उन्हें पूरा कर आपका मन लगाकर बिना आलस के और काम करने का मन करेगा।
  • एक मिनट वाले नियम को ध्यान रखें
काइज़ेन का एक मिनट वाला सिद्धांत बहुत ही कारगर उपाय है, जिसमें आपको अपना एक पूरा मिनट उस काम को देना होता है। जिसे आप लंबे समय से एवॉइड कर रहे हैं, क्योंकि अक्सर ही आपने भी ये अनुभव किया होगा कि, काम करना नहीं बल्कि काम को शुरु करना कठिन होता है। इसलिए काइज़ेन के मुताबिक दिए गए एक मिनट में आपको अपना सबसे कठिन वाला काम शुरु करना होता है।
  • एक रूटीन बनाएं
परेशानी का पता करने के बाद आपको अपने लिए एक ऐसा रूटीन तैयार करना होगा, जो आपके और आपके काम के लिए एकदम बेस्ट हो। रूटीन बनाने के बाद उसको नियमित रूप से फॉलों करें ताकि आपका आलस भी नियंत्रण में रहे। रूटीन के मुताबिक आपको अपने काम, एक्सरसाइज़, घूमने फिरने से लेकर आराम करने तक का समय अलग निकालना होगा।
  • पोमोडोरो तकनीक का करें पालन
जापानी लोग काइज़ेन के साथ साथ पोमोडोरा तकनीक का भी पालन करते हैं, जिसके मुताबिक टाइम मेनेजमेंट पर खासा ध्यान दिया जाता है। समय का सदुपयोग कर किसी भी व्यक्ति के काम पर बहुत ही अच्छा परिणाम मिलता है।
  • लक्ष्य याद करते रहे
अपने आस पास इस तरह के लोग और संदेश लिखकर रखें, जो आपको बार बार आपके लक्ष्य के बारे में याद दिलाते रहें। और आप आसानी से अपने लक्ष्य से भटके न और प्रेरणा का स्तर भी कम न हो।

इसी के साथ आप काइज़ेन तकनीक का पालन करते वक्त सेल्फ डिसीप्लिन, सफलता और कामयाबी का जश्न मनाना, सफर में अच्छे लोग तलाशना, अच्छी मानसिकता को बढ़ावा देना आदि जैसे कामों का भी पालन कर सकते हैं। इन सब चीज़ों को नियमित रूप से ध्यान में रखकर जब भी आप काम करेंगे, तब आपकी और आपके काम की स्थिति बहुत सुधर सकती है।

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अवनि बागरोला author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर ट्रेनी कॉपी राइटर कार्यरत हूं। मूल रूप से मध्य प्रदेश के उज्जैन की रहने वाली लड़की, जिसे कविताएं लिखना, महिलाओं से ज...और देखें

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