भोजन करते समय गांठ बांध लें आयुर्वेद के ये 5 नियम, शरीर को मिलेगा खाने का पूरा फायदा, छू भी नहीं पाएंगी गंभीर बीमारियां

Khana Khane Ke Niyam In Ayurveda In Hindi: अगर आप भी हमेशा सेहतमंद रहना चाहते हैं, तो आयुर्वेद के बताए गए इन नियमों को अपने दैनिक रूटीन का हिस्सा बनाएं। ये आपके शरीर को भोजन का पूरा लाभ प्रदान करने में मदद करते हैं। साथ ही, आपको भोजन के कारण शरीर में बनने वाले रोगों से बचाने में मदद करते हैं।

Khana Khane Ke Niyam In Ayurveda In Hindi

Khana Khane Ke Niyam In Ayurveda In Hindi

Khana Khane Ke Niyam In Ayurveda In Hindi: आपने देखा होगा कि बहुत से लोग अक्सर यह शिकायत करते हैं कि उनका खानपान तो बहुत स्वस्थ है, लेकिन फिर भी वे आए दिन बीमार पड़ते रहे हैं। इसके अलावा, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सेहत बनाने के लिए अच्छी डाइट लेते हैं, लेकिन उनके स्वास्थ्य को इसका कोई लाभ नहीं मिलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं, आखिर ऐसा क्यों होता है? आपको बता दें कि इसका अर्थ यह हो सकता है कि आप भोजन तो कर रहे हैं, लेकिन गलत तरीके से। भोजन करने का अर्थ सिर्फ यह नहीं होता है कि आप अपनी डाइट में अच्छी-अच्छी हेल्दी चीजें शामिल कर लें। आप भोजन किस तरह करते हैं, यह उसके भी अधिक मायने रखता है। आपने अक्सर सुना होगा कि भले ही कम खाओ, लेकिन अच्छा और सही तरीके से खाओ। आयुर्वेद भी ऐसा ही करने की सलाह देता है।

आयुर्वेद के अनुसार, अगर आप भोजन को पूरा लाभ लेना चाहते हैं तो इसके लिए यह बहुत जरूरी है कि आप सही तरीके से भोजन करें। भोजन को माइंडफुल तरीके से करना बहुत आवश्यक होता है। आयुर्वेद की संहिताओं में भोजन करने को लेकर कई नियमित बताए गए हैं। अगर आप भोजन के समय इन आयुर्वेदिक नियमों का पालन करें, तो आपके द्वारा खाया गया भोजन स्वास्थ्य के लिए अमृत का काम करेगा। हेल्थ इन्फ्लूएंसर और आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. चैतली राठौर ने भोजन करने के कुछ आयुर्वेदिक नियम शेयर किए हैं। इस लेख में हम आपको इनके बारे में विस्तार से बता रहे हैं...

भोजन करने के आयुर्वेदिक नियम क्या हैं - Khana Khane ke Ayurvedic Niyam kya Hai

डॉ. चैतली राठौर के अनुसार, माइंडफुल तरीके से खाने के सबसे सरल और सबसे महत्वपूर्ण नियम दिए आयुर्वेदिक संहिताओं में बताए गए हैं, जिन्हें आप अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बना सकते हैं। हमारा शरीर पंचमहाभूत और प्रकृति से बना है, और भोजन हमारे शरीर के निर्माण, दोष को संतुलित करने और सभी पहलुओं में स्वस्थ रहने में सबसे महत्वपूर्ण योगदान देता है। आप खुद को रोगों से मुक्त करने के लिए इन सरल नियमों का पालन कर सकते हैं,

मोबाइल यूज न करें

बहुत से लोग मोबाइल यूज करते या टीवी देखते हुए भोजन करते हैं। लेकिन भोजन करते समय आपका पूरा ध्यान आपके भोजन पर होना चाहिए। भोजन को देखते हुए चबा-चबाकर खाएं।

दुखी होने पर न खाएं

दुखी या तनावग्रस्त होने पर व्यक्ति को भोजन नहीं करना चाहिए। शरीर उस भोजन का प्रतिरूप है जिसे हम ग्रहण करते हैं। यदि आप भावनात्मक रूप से अस्थिर होकर खाना खा रहे हैं, तो यह ओवरईटिंग का कारण बनेगा और सभी समस्याएं यहीं से शुरू होती हैं।

धीरे-धीरे चबा-चबाकर खाएं

खाना न तो बहुत तेजी से और न ही बहुत धीमी गति से खाना चाहिए। इससे आपके शरीर में वात दोष पर असर पड़ेगा। इसलिए धीरे-धीरे चबाएं और ठंडा होने से पहले इसका आनंद लें। भोजन हल्का गर्म ही खाना चाहिए।

सभी स्वाद शामिल करें

व्यक्ति को हमेशा ऐसा भोजन करना चाहिए, जिसमें मीठा, नमक, खट्टा, तीखा, कड़वा और कसैला सभी स्वाद शामिल हों। दोपहर का भोजन हमारी दिनचर्या में सभी स्वादों को शामिल करने का सबसे अच्छा समय है।

भूख लगने से पहले न खाएं

आयुर्वेद में इसे विषमाशन कहा जाता है। यदि आप अपनी भूख का ध्यान नहीं रखते हैं और भूखे न होने पर भी भोजन करते हैं, तो यह अधिक अपच पैदा करता है। यह शरीर को फायदे से अधिक नुकसान पहुंचा सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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Vineet author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं। हेल्थ और फिटनेस जुड़े विषयों में मेरी खास दिलचस्पी है।...और देखें

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