Kidney Care: किडनी और रीनल सिस्टम को कैसे मजबूत बनाएं, एक्सपर्ट से जानिए आयुर्वेद के मंत्र

Kidney Health: गुर्दे की विफलता के शुरुआती लक्षणों में से एक सुबह मतली और उल्टी है, और इसका पता तब चलता है जब रोगी सुबह बाथरूम में अपने दांत ब्रश करता है। इससे व्यक्ति की भूख भी कम हो जाती है। गुर्दे की विफलता के अंतिम चरण में रोगी को बार-बार उल्टी और भूख न लगना होता है।

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Kidney Test: किडनी का रामबाण इलाज क्या है?

Tips For Kidney Health: क्रोनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) या उससे भी गंभीर स्थिति, किडनी फेल होने के बारे में पता चले, तो यह बहुत डरावना हो सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों की राय के अनुसार, यदि इस बीमारी के बारे में शुरुआती अवस्था में पता चल जाए, तो किडनी की कार्यक्षमता को बेहतर करने के लिए कुछ कदम उठाए जा सकते हैं। एक अनुमान के अनुसार, दुनियाभर में लगभग 85 करोड़ लोगों को विभिन्न कारणों से किडनी की बीमारियां होने की आशंका है। किडनी खराब होने के दो प्रमुख कारणों में डायबिटीज और ब्लड-प्रेशर शामिल हैं।
कर्मा आयुर्वेद के संस्थापक एवं निदेशक डॉ. पुनीत ने टाइम्स नाउ नवभारत से बातचीत में बताया कि हालांकि, रीनल ट्रांसप्लांट और किडनी डायलिसिस, किडनी फेल होने या क्रोनिक किडनी डिजीज के मामलों में दो सबसे सामान्य रूप से उपलब्ध उपचार हैं। लेकिन उनके दुष्प्रभाव भी हैं। संभव है कि ट्रांसप्लांट के दौरान शरीर नई किडनी को स्वीकार करने से मना कर दे या डायलिसिस के दौरान किडनी में कोई संक्रमण हो जाए। किडनी की बीमारियों के लिए प्राकृतिक और सुरक्षित उपचार की बात होती है, तो आयुर्वेद एक आश्चर्यजनक तरीके के रूप में हमेशा उपलब्ध रहा है। आपकी किडनी को स्वस्थ और युवा रखने एवं रीनल सिस्टम को मजबूत बनाए रखने के लिए आयुर्वेद के कुछ मंत्र इस प्रकार हैं :

पानी की कमी न होने दें

आप ज्यादा से ज्यादा पानी या दूसरे तरल पदार्थ पीकर किडनी के रोग पैदा होने की आशंका कम कर सकते हैं। तरल पदार्थ शरीर से सोडियम, यूरिया और दूसरे जहरीले तत्वों को बाहर निकालने में सहायता करते हैं। साथ ही, जरूरत से ज्यादा तरल पदार्थ लेने से भी बचना चाहिए, क्योंकि इसके दुष्प्रभाव भी सामने आ सकते हैं। ज्यादा तरल लेने पर किडनी को अतिरिक्त जहरीले तत्वों को छानने का जरूरत से ज्यादा काम करना पड़ सकता है। स्वस्थ रहने के लिए औसत रूप से प्रतिदिन कम से कम डेढ़ लीटर पानी पीना चाहिए।

किडनी से जहरीले तत्व निकालना

आयुर्वेद के अनुसार, कुछ शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों की सहायता से किडनी की समय-समय पर सफाई की जा सकती है। मूत्रवर्धक जड़ी-बूटियां जैसे - अजवायन, गोखरू, वरुण, पुनर्नवा और अजमोदा किडनियों और मूत्र-मार्ग की सफाई में सहायक हैं और शरीर में जहरीले तत्वों का स्तर भी कम करती हैं। आप इनकी सहायता से हर्बल टी भी तैयार कर सकते हैं। इसके लिए इनमें से किसी भी जड़ी-बूटी को दो कप पानी में उबालकर 15 मिनट के लिए भिगोना चाहिए।

संतुलित और पोषक भोजन लेना

किडनी की अच्छी सेहत बनाए रखने और शरीर का वजन आदर्श स्थिति में रखने के लिए आपको संतुलित और पोषक भोजन लेना चाहिए, जो तंतुदार फलों और सब्जियों से भरपूर हो। इसके अतिरिक्त, प्रोसेस्ड या फास्ट फूड से बचना चाहिए। नमक भी कम खाना चाहिए। ज्यादा प्रोटीन की बजाय कम कैलोरी वाला भोजन खाना चाहिए, क्योंकि ज्यादा प्रोटीन से किडनियों पर बोझ बढ़ सकता है। अंगूर, सेब, ब्लूबेरी, लहसुन और पत्तागोभी जैसे 'सुपरफूड' भी किडनी की सेहत सुधारते है। जहरीले तत्वों को निकालने और किडनी में पथरी का निर्माण रोकने के लिए आंवले का रस जरूर पीने की सलाह दी जाती है।

ब्लड-प्रेशर और शुगर का स्तर नियंत्रित करें

डायबिटीज, ज्यादा कोलेस्ट्रोल के साथ-साथ हाई ब्लड-प्रेशर और कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों से किडनी को नुकसान पहुंचने का डर बढ़ जाता है। कुछ ही लोग इस बारे में जागरूक होते हैं कि हाई ब्लड-प्रेशर किडनी को नुकसान पहुंचने का सबसे आम कारण है, क्योंकि इसका संबंध स्ट्रोक या दिल के दौरे से होता है। किडनी की स्थिति जानने या समझने के लिए नियमित जांच कराने से किडनी को नुकसान पहुंचने का डर कम या खत्म हो जाता है।
डॉ. पुनीत ने बताया कि आयुर्वेद, लंबे समय में किडनी की सेहत सुधारने का असाधारण तरीका साबित होता है, क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से शरीर के दोषों (असंतुलन) का उपचार करता है। उदाहरण के लिए, आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां और उपचार शरीर में पित्त (अग्नि ऊर्जा) स्तर के असंतुलन को दूर करते हैं और प्राकृतिक रूप से किडनी को स्वस्थ बनाते हैं। उधर, एलोपैथिक दवाइयों इसके विपरीत काम करती हैं और उनके दुष्प्रभाव भी होते हैं। कुछ मामलों में, आयुर्वेदिक उपचार से किडनी के मरीजों में डायलिसिस की जरूरत खत्म करने में भी मदद मिली है।
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प्रणव मिश्र author

मीडिया में पिछले 5 वर्षों से कार्यरत हैं। इस दौरान इन्होंने मुख्य रूप से टीवी प्रोग्राम के लिए रिसर्च, रिपोर्टिंग और डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए काम किया...और देखें

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