kidney Inflammation: ये लक्षण बताते हैं खतरे में है आपकी किडनी, शरीर में सूजन आने का न करें इंतजार
Kidney Inflammation Symptoms: किडनी में सूजन का मतलब है कि किडनी में सामान्य से अधिक तरल पदार्थ है, जो एक या दोनों किडनी में हो सकता है। यह असामान्य लिक्विड गुर्दे के स्वस्थ कार्य को प्रभावित कर सकती है, जिससे मूत्र में प्रोटीन, ब्लड या अन्य विजिबल एलिमेंट्स का हाई लेवल हो सकता है।
Kidney Inflammation in Hindi- किडनी में सूजन का कारण और इलाज
Symptoms of
हाई ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल के मरीज किडनी की जांच के बाद असहज महसूस करते हैं। कई मरीज कहते हैं कि शरीर में सूजन नहीं है, फिर किडनी की जांच क्यों कराएं। मरीजों को जागरूक किया जाना चाहिए कि किडनी खराब होने पर शरीर में सूजन आ जाती है। इसलिए किडनी में सूजन का इंतजार किए बिना साल में कम से कम एक बार शुगर , ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल की जांच करानी चाहिए। इस प्रकार, रोगियों को किडनी संबंधी बीमारियों के गंभीर जोखिम से बचाया जा सकता है।
इसमें सी पैप मशीन कारगर है। इस यंत्र की मदद से शरीर में जमा हुई कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकल जाती है। यह सुस्ती को दूर करता है, खर्राटों को दूर करता है और मोटापा, रक्तचाप, शुगर को नियंत्रित रखता है। डॉक्टरों ने किडनी की बीमारी में भी सावधानी बरतने की सलाह दी है।
गुर्दे की बीमारी के लक्षण - Symptoms of Kidney Disease
- यूरिनरी रिटेंशन
- जल्दी पेशाब आना
- पेशाब में मवाद आना
- पेट में लगातार दर्द
- चेहरे पर सूजन
किडनी विकार कैसे होता है? - Chronic Kidney Disease Basics
किडनी विकारों के कई कारण और प्रकार हैं। ये सभी पेशाब की मात्रा को कम करते हैं। रक्तचाप बढ़ जाता है। शरीर में पानी और नमक की मात्रा बढ़ने से हर जगह सूजन आ जाती है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, गुर्दे का संक्रमण आदि किडनी के कार्य को प्रभावित कर सकते हैं।
अगर तुरंत इलाज न किया जाए तो किडनी पूरी तरह से काम करना बंद कर सकती है। यदि किडनी पर प्रभाव अस्थायी है, तो इसका तुरंत इलाज किया जा सकता है और इसके कार्य को बहाल किया जा सकता है। हालांकि किडनी की कार्यक्षमता धीरे-धीरे प्रभावित होती है और अगर इसे नजरअंदाज किया जाए तो किडनी को बचाना नामुमकिन हो जाता है।
किडनी विकारों को रोकने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं, खूब सारा पानी पीओ, अपने आप कोई भी दवा लेने से बचें, खाने में नमक की मात्रा कम कर दें, फास्ट फूड से परहेज करें, धूम्रपान और शराब पीने से बचें, ब्लड प्रेशर-मधुमेह है तो अतिरिक्त सावधानी बरतें, नियमित अंतराल पर पेशाब-खून की जांच कराएं।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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