दिनभर मोबाइल स्क्रीन से चिपका रहता है बच्चा, ये टिप्स छुड़ाएंगी स्क्रीन की लत - जानें बच्चों को कैसे सिखाएं इसका सही इस्तेमाल

side effects of screen time for kids : बच्चों का बढ़ता स्क्रीन टाइम आज माता-पिता के लिए एक बड़ी समस्या बनकर सामने आ रहा है। रॉयल चिल्ड्रन हॉस्पिटल मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया ने साल 2021 में किए एक सर्वे में बताया कि बच्चों का स्क्रीन टाइम ऑस्ट्रेलिया के माता-पिता के लिए एक सबसे बड़ी समस्या बनकर सामने आ रहा है। आइए जानते हैं, कुछ ऐसे तरीके जो आपके बच्चे की स्क्रीन टाइम के सही इस्तेमाल में मदद कर सकते हैं।

Screen time of child

Screen time of child

रॉयल चिल्ड्रन हॉस्पिटल मेलबर्न (ऑस्ट्रेलिया) ने बताया कि हमारे पिछले शोध में यह बात सामने आई है कि पेरेंट्स बच्चों के स्क्रीन टाइम को लेकर खुद को दोषी महसूस करते हैं। हालांकि इस समस्या से बचने के लिए अभिभावकों को क्या करना चाहिए इस बात पर किसी ने विस्तार से चर्चा नहीं की है। ऑस्ट्रेलिया के हॉस्पिटल में साल 2021 में किए एक सर्वे में सामने आया कि बच्चों का स्क्रीन टाइम ऑस्ट्रेलियाई माता-पिता के लिए एक सबसे बड़ी समस्या बनकर सामने आ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 2-5 साल के बच्चों के लिए 1 घंटे से ज्यादा का स्क्रीन टाइम नहीं होना चाहिए। जबकि 2 साल से कम आयु के बच्चों के लिए तो स्क्रीन के संपर्क में आना भी खतरनाक साबित होता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...

क्या हैं शोध के आंकड़े?

जामा पीडियाट्रिक्स में प्रकाशित शोध के आंकड़ों के अनुसार, इस शोध में जन्म से लेकर 5 साल के बच्चों का अध्ययन किया गया। जिसमें बच्चों के ऊपर स्क्रीन के प्रभाव के लगभग 100 अलग-अलग अध्ययन किए गए। इन अध्ययनों में लगभग 30 देश के 1 लाख 76 हजार बच्चों को शामिल किया गया। जिसमें सभी तरह के स्क्रीन (जैसे- टीवी, मोबाइल, कंप्यूटर, टैबलेट) शामिल थे।

बच्चों के स्क्रीन टाइम के सही इस्तेमाल के टिप्स

1. अपने साथ कराएं गैजेट्स का इस्तेमाल

अध्ययनों से पता चलता है कि जिन बच्चों को माता-पिता के साथ मोबाइल या टीवी देखने को मिलता है वह ऐसा न करने वाले बच्चों की तुलना में ज्यादा तर्कशील और कौशल वाले होते हैं। इससे उनकी भाषा पर पकड़ भी अच्छी होती है। इसलिए जरूरी है कि आप बच्चे को अपना साथ में मोबाइल या टीवी दिखाएं।

2. उम्र के हिसाब से विषय वस्तु का करें चयन

मोबाइल या टीवी का इस्तेमाल हमेशा बच्चों के लिए बुरा नहीं होता है, लेकिन इस बात पर नजर रखने की जिम्मेदारी आपकी है कि आपका बच्चा उस स्क्रीन पर क्या देख रहा है। क्योंकि यह दृश्य सामग्री आपके बच्चे के विकास और व्यवहार में बाधा बन सकती है। इस शोध में इस बात की भी पुष्टि होती है कि यदि बच्चा अनुचित दृश्य देखता है, तो इसका असर उसके व्यवहार पर भी देखने को मिलता है।

3. बातचीत में बाधा न बने गैजेट्स

बच्चों के साथ-साथ यह बात पेरेंट्स को भी सीखनी होगी कि मोबाइल या टीवी आपके और आपके बच्चों के बीच बातचीत में बैरियर तो नहीं बन रहा है। इस अध्ययन में यह बात सामने आई है कि जो लोग खाना खाते समय मोबाइल या टीवी स्क्रीन से दूर रहते हैं वह अधिक सामाजिक कौशल और व्यवहार में अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर पाते हैं।

4. बिना वजह टीवी चालू न रखें

शोध के आंकड़ों में सामने आया है कि जिन घरों में बिना वजह टीवी कम चलता है, उनके बच्चों की सोचने, तर्क करने और भाषा को बेहतर बनाने की क्षमता अधिक होती है। वहीं यदि वैकग्राउड में टीवी चलता है तो बच्चों और पेरेंट्स के बीच बातचीत कम होती है। जो उनके विकास में काफी बाधा साबित होती है।
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गुलशन कुमार author

पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर खुर्ज़ा शहर का रहने वाला हूं। हेल्थ, लाइफस्टाइल और राजनीति से जुड़े विषयों पर लिखने-पढ़ने का शौक है। Timesnowhindi.com में ...और देखें

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