Mental health: मेंटल हेल्थ, अब बनती जा रही है चुनौती, समय पर पहचानें और उठाएं ये जरूरी कदम

मेंटल हेल्थ चुनौती का रूप धारण करती जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अनुमान के अनुसार भारत में 90 मिलियन लोग मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से जूझ रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि हम समय पर अपनी मानसिक स्थिति को पहचानें और उसे ठीक करने के लिए जरूरी कदम भी उठाएं।

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काम का दबाव और नींद की कमी बन रही है मानसिक परेशानी का कारण

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • भारत में 90 मिलियन लोग मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से जूझ रहे हैं
  • कोविड का व्यापक असर पड़ता है लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर
  • बढ़ रही है अकेलापन और अलग थलग महसूस करने वालों की संख्या

Mental health become challenge : विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अनुमान के अनुसार भारत में 90 मिलियन लोग मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से जूझ रहे हैं। यह आबादी का 7.5 प्रतिशत है। संगठन के इस आंकड़े की पुष्टि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आंकड़ों से भी होती है। हालांकि ये आंकड़े कोविड काल के पहले के हैं। जाहिर है स्थिति और खराब हुई होगी। कोविड का व्यापक असर लोगों की सेहत पर पड़ा है। इसमें मानसिक और शारीरिक दोनों शामिल हैं। जाहिर है मानसिक स्वास्थ्य का मुद्दा तेजी से चुनौती बनने की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में ये जरूरी है कि इसकी गंभीरता को नजरअंदाज न किया जाए। कुछ पॉजिटिव आदतें और जीवन के प्रति नजरिये में बदलाव से हमें मेंटल हेल्थ को बेहतर रखने में काफी मदद मिल सकती है।

पर्याप्त नींद न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक सेहत के लिए भी जरूरी है। हर व्यक्ति के लिए 6 से 8 घंटे सोना जरूरी है। अपर्याप्त नींद, नींद में बार-बार खलल मेंटल हेल्थ को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में नींद का पैटर्न बिगाड़ने वाली चीजों से बचना जरूरी है। बिस्तर पर जाने के कुछ समय पहले मोबाइल से दूरी इसमें मददगार साबित हो सकती है।

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निगेटिव लोगों से रहें दूर

दोस्तों और लोगों से मेलजोल हमेशा खुशी देते हैं। यह मेंटल हेल्थ के लिए भी काफी अच्छा है। मजबूत और सकारात्मक रिश्ते अकेलेपन और असुरक्षा की भावना नहीं पनपने देते हैं। लेकिन कोई करीबी व्यक्ति निगेटिव सोच वाला हो तो उसका भी गहरा असर पड़ सकता है। हमेशा निगेटिव सोचने और बातें करने वाले आपकी सोच पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। बेहतर है ऐसे लोगों से दूर ही रहा जाए।

इसके साथ ही एक्सरसाइज, पर्याप्त आराम, सही खानपान खुद के प्रति नरम व्यवहार, मनपसंद एक्टिविटीज से स्वयं को सुकून प्रदान करें।

क्या है मेंटल हेल्थ

इमोशनल, साइकोलॉजिकल और सोशल स्तर पर हम क्या सोचते हैं, कैसे व्यवहार करते हैं, यह हमारे मेंटल हेल्थ को बताता है। मेंटल हेल्थ हमारी जिंदगी की हर चीज को प्रभावित करता है। मेंटल हेल्थ के लिए आप अच्छी पॉजिटिव बुक्स पढ़ें। बुक्स पढ़ना न सिर्फ एक अच्छी आदत है, बल्कि ये हमारे मस्तिष्क पर गहरी छाप भी छोड़ती हैं। अगर आपका मूड खराब है या फिर आप लो फील कर रहे हैं तो आप मनपसंद म्यूजिक भी सुन सकते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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