चिंता से परेशान हैं तो ठीक से बैठना सीखिए, मानसिक स्वास्थ्य पर जानें सद्गुरु से बड़े काम की बात

Mental Health Tips by Sadhguru: सद्गुरु ने आराम से बैठने के कारण बताए हैं। हम हमेशा भागदौड़ मोड में ही क्यों रहते हैं, अगर हम कुछ पल आराम से बैठेंगे तो खुद को काम और आराम दोनों के लिए ठीक से तैयार कर पाएंगे। वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे पर मानसिक स्वास्थ्य पर जानें सद्गुरु से बड़े काम की बात।

Sadhguru on Mental Health

Mental Health Tips by Sadhguru: मानसिक स्वास्थ्य एक संवेदनशील चीज है... जब बात शारीरिक स्वास्थ्य की आती है, तो जब तक आपको किसी तरह का संक्रमण न लगे जो बाहर से आता है, बाकी सारी बीमारियां हमारे भीतर से पैदा हो रही हैं। जो आपके भीतर से आ रहा है, क्या वह आपकी जिम्मेदारी है? अगर आपका शरीर भीतर से बीमारी पैदा कर रहा है, तो क्या उसे ठीक करने की जिम्मेदारी आपकी है?

क्या यह सच नहीं है कि तमामों लोग जो दोपहर तक बिस्तर में आलू की तरह लेटे रहते हैं, वे कई बीमारियों से पीड़ित नहीं हैं? वे सोचते हैं कि दूसरे लोग जो सुबह पांच बजे उठ जाते हैं और दौड़ते, तैरते, खेलते, या कुछ और करते हैं, वे मूर्ख हैं। उनको लगता है कि बस खाते हुए, सोते हुए वही जीवन का वाकई मजा ले रहे हैं। लेकिन कुछ समय बाद, इसका दुष्प्रभाव सिस्टम पर पड़ता है। तब वे सोचते हैं कि अच्छा स्वास्थ्य इंसान के सौभाग्य से होता है, जबकि उनका स्वास्थ्य खराब है। नहीं! स्वास्थ्य भीतर से पैदा होता है। अगर संक्रमण के रूप में बाहर से हमला होता है, वो अलग बात है।

जब बात मानसिक स्वास्थ्य की आती है, तो ऐसा कहना कहीं ज्यादा संवेदनशील है, लेकिन फिर भी - अगर आपके शरीर के साथ जो होता है वह आपकी जिम्मेदारी है, तो आपके मन के साथ जो होता है, क्या वह आपकी जिम्मेदारी नहीं है? इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। शारीरिक अस्वस्थता भी कई कई कारणों से हो सकती है। यही मानसिक स्वास्थ्य के साथ भी सच हो सकता है। लेकिन हमें दुख को मनोवैज्ञानिक बीमारी से अलग करने की जरूरत है। आप डॉक्टर के पास जाकर अपने दुख को ठीक नहीं कर सकते; वह भी एक दुखी इंसान हो सकता है।

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