Eye Health: क्या हर समय आपका बच्चा मोबाइल फोन में लगा रहता है ? हो सकती है मायोपिया नामक गंभीर बीमारी
Eye Health: हाल के दिनों में युवा कई तरह की बीमारियों की चपेट में आते देखे जा रहे हैं। इन्हीं में से एक है मायोपिया आंखों की समस्या। अगर आपके बच्चों के हाथ में लगातार मोबाइल फोन रहता है तो अब सावधान हो जाएं। नहीं तो मायोपिया जैसी बीमारी का सामना करना पड़ सकता है। आइये जानते हैं इसके लक्षण और बचाव के तरीके-
Mayopia Causes in Hindi: बच्चों को बीमारी का शिकार बना रही स्मार्ट फोन की लत, जानिए बच्चों को मोबाइल चलाने से क्या नुकसान होता है?
Myopia (Nearsightedness) in Children & Teens: मोबाइल, कंप्यूटर या अन्य तकनीकों के अत्यधिक उपयोग के कारण आँखों की समस्याएँ बढ़ रही हैं। हाल के दिनों में युवा कई तरह के विकारों का शिकार होते देखे जा रहे हैं। इनमें मायोपिया (Mayopia) एक ऐसी आंखों की समस्या (Eyes Problem) है, जिसका छोटे बच्चे भी शिकार होते देखे जा रहे हैं। जीवनशैली में गड़बड़ी, लंबे समय तक कंप्यूटर और मोबाइल स्क्रीन देखने की आदत के कारण इस समस्या का खतरा बढ़ रहा है। 20 से 40 साल की उम्र के लोगों में मायोपिया की समस्या का खतरा ज्यादा देखा जा रहा है।
ज्यादातर बच्चे खुद भी नहीं समझ पाते कि उनकी आंखें कमजोर हो रही हैं। ऐसे में कुछ शुरुआती लक्षणों को देखकर आप पता लगा सकते हैं कि आपके बच्चे को आंखों की समस्या है। कई बार आंखो में जलन और खुजली होने लगती है। ऐसे में बच्चे बार-बार आंखें मलने लगते हैं। यदि आपका बच्चा भी ऐसा ही कुछ कर रहा है तो उसे डॉक्टर के पास जरूर ले जाएं।
मायोपिया के लक्षण क्या हैं? | What are the symptoms of myopia?
मायोपिया दूर की वस्तुओं को धुंधला दिखने का कारण बनता है। चीजों को ठीक से देखने के लिए आपको अपनी पलकों को आंशिक रूप से बंद करना पड़ता है। इस प्रकार की आंखों की समस्याएं अक्सर सिरदर्द का कारण बनती हैं। ऐसी दिक्कतें महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना और समय पर इलाज कराना जरूरी है। जो बच्चे लंबे समय तक कंप्यूटर या स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं उनमें मायोपिया का खतरा ज्यादा होता है। बढ़ा हुआ स्क्रीन टाइम मायोपिया के अलावा आंखों को कई तरह से प्रभावित कर सकता है। इसके ज्यादा इस्तेमाल से आंखों में जलन, लालपन, धुंधला दिखना जैसी समस्याओं का खतरा ज्यादा होता है।
मायोपिया के खतरे को कैसे कम करें ? | How to reduce the risk of myopia?
मायोपिया के खतरे को कम करने के लिए बच्चे को बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित करें। घर के अंदर और बाहर के समय में संतुलन बनाना बच्चे के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। बाहर समय बिताने से मायोपिया से बचाव होता है। आंखों को स्वस्थ रखने के लिए हरियाली देखना ज्यादा फायदेमंद होता है।
आंखों को स्वस्थ रखने के लिए क्या करें ? | What to do to keep eyes healthy?
मायोपिया जैसे विकारों से बचाव और आंखों को स्वस्थ रखने के लिए दैनिक जीवन में कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। आंखों की नियमित जांच जरूरी है। आंखों को भी धूप से बचाएं। खेल या काम के दौरान सुरक्षात्मक चश्मा पहनें। पढ़ते और काम करते समय अच्छी रोशनी का प्रयोग करें। कंप्यूटर या अन्य स्क्रीन पर 20 मिनट तक देखने के बाद 20 फीट दूर किसी वस्तु को 20 सेकंड के लिए देखें। स्वस्थ खाएं और नियमित व्यायाम करें।
बच्चों के खान-पान का ध्यान रखें | Take care of children's diet
बच्चों की डाइट में पोषक तत्वों की कमी से आंखों की रोशनी कम हो सकती है। ऐसे में बच्चों के आहार में विटामिन ए, सी, ई और जिंक एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए। आंखों के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए ओमेगा -3 फैटी एसिड भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसके लिए आप आहार में गाजर, ब्रोकली, पालक, स्ट्रॉबेरी और शकरकंद शामिल कर सकते हैं।
बच्चों की आंखों की जांच कराएं | Eye tests for children
आंखें मानव शरीर के महत्वपूर्ण और नाजुक अंगों में से एक हैं। आंखो का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। ऐसे में आंखो की नियमित जांच जरूरी है और आंखो में कोई भी समस्या आने दिखाई देने पर उसका निदान और उपचार किया जा सकता है। नेत्र विशेषज्ञों के मुताबिक हर छह महीने में आंखों की जांच करवाना चाहिए। इसलिए बच्चों की आंखों के साथ माता-पिता को भी अपनी जांच करानी चाहिए।
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