डेंगू-मलेरिया फैलाने वाले मच्छर खुद ही करेंगे इन बीमारियों इलाज, वैज्ञानिकों ने खोज निकाली नई तकनीक, नई स्टडी में आया सामने

Dengue Vaccines New Study: मच्छरों के काटने से सबसे अधिक संक्रमित होने वाली बीमारियां डेंगू और मलेरिया की वैक्सीन पर अभी हाल ही में एक शोध किया गया है, जिसके निष्कर्ष जान आप हैरान रह जाएंगे। शोध में यह सामने आया कि जो मच्छर आपको बिमार करता है वही अब आपकी जान भी बचाएगा। चलिए जानते हैं इस रिसर्च के बारे में।

Mosquitoes Deliver Vaccines Against Dengue Malaria

Mosquitoes Deliver Vaccines Against Dengue Malaria

Mosquitoes Deliver Vaccines Against Dengue Malaria: मच्छरों का आतंक हर मौसम में बना रहता है, खासकर गंदगी की वजह से। इनके काटने से डेंगू और मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन, एक नई रिसर्च ने चौंकाने वाला खुलासा किया है—अब मच्छर ही इन बीमारियों का इलाज कर सकते हैं। वैज्ञानिकों ने ऐसी वैक्सीन विकसित की है जो मच्छरों के जरिए दी जा सकती है।

नई तकनीक से डेंगू मलेरिया का इलाज

नीदरलैंड की रैंडबाउंड यूनिवर्सिटी और लीडन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने मिलकर इस वैक्सीन को तैयार किया है। इसके तहत मच्छरों को इस तरह प्रशिक्षित किया गया है कि वे प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम नामक परजीवी के कमजोर स्ट्रेन का इस्तेमाल कर मलेरिया से लड़ने के लिए शरीर में इम्युनिटी विकसित करें।

लीडन यूनिवर्सिटी के वैक्सीनोलॉजी विशेषज्ञ, प्रोफेसर मेटा रोस्टेनबर्ग बताते हैं, “हमने मलेरिया परजीवी के एक महत्वपूर्ण जीन को हटा दिया है। इससे यह परजीवी शरीर को संक्रमित तो कर सकता है, लेकिन बीमार नहीं करता। जीन हटने के बाद, परजीवी न तो इंसान के लीवर में विकसित हो पाता है और न ही खून में फैल सकता है।”

कैसे हुआ परीक्षण?

पहले चरण में वैज्ञानिकों ने PfSPZ GA1 नामक आनुवंशिक रूप से संशोधित परजीवी से बनी वैक्सीन का परीक्षण किया। इसमें पाया गया कि यह वैक्सीन सुरक्षित है, लेकिन इससे मलेरिया की शुरुआत को केवल देर से रोका जा सका।

दूसरे चरण में, वैज्ञानिकों ने GA2 नामक वैक्सीन का परीक्षण किया। इस वैक्सीन से बेहतर परिणाम सामने आए—GA1 से केवल 13% प्रतिभागियों में प्रतिरक्षा विकसित हुई, जबकि GA2 से यह आंकड़ा 89% तक पहुंच गया।

GA1 और GA2 में अंतर

GA1 परजीवी 24 घंटे में विकसित होता है, जबकि GA2 को विकसित होने में एक सप्ताह तक का समय लगता है। यह देरी प्रतिरक्षा प्रणाली को परजीवी को पहचानने और उसके खिलाफ सक्रिय होने का पर्याप्त समय देती है।

डेंगू-मलेरिया पर प्रभाव

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 2023 में मलेरिया से 5,97,000 मौतें हुईं, जिनमें से 95% अफ्रीकी देशों में दर्ज की गईं। हर साल करीब 240 मिलियन मलेरिया के मामले सामने आते हैं। इस वैक्सीन के जरिए वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि मलेरिया को जड़ से खत्म किया जा सकेगा।

भविष्य की राह

यह नई तकनीक बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी क्रांति साबित हो सकती है। मच्छरों के माध्यम से वैक्सीन देना न केवल आसान है, बल्कि बड़े स्तर पर मलेरिया जैसी बीमारियों को खत्म करने का प्रभावी समाधान भी हो सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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मेधा चावला author

हरियाणा की राजनीतिक राजधानी रोहतक की रहने वाली हूं। कई फील्ड्स में करियर की प्लानिंग करते-करते शब्दों की लय इतनी पसंद आई कि फिर पत्रकारिता से जुड़ गई।...और देखें

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