Causes of Women Getting Angry
Causes of Women Getting Angry: बढ़ती उम्र के साथ क्या आपकी मम्मी भी अब अधिक चिड़चिड़ा रहने लगी हैं? उन्हें बात-बात पर गुस्सा आता है और वे छोटी-छोटी बातों पर नाराज हो जाती हैं? तो आपको बता दें कि इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। आपको बता दें कि ये संकेत हो सकता है कि अब आपकी मम्मी किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रही हैं। क्योंकि मूड स्विंग और बार-बार नाराजगी महिलाओं में होने वाली कई आम समस्याओं की ओर इशारा करता है। आपको बता दें कि महिलाओं की उम्र जैसे-जैसे बढ़ती है, उनके शरीर में कई बदलाव होते हैं। उनके शरीर में हार्मोन्स के स्तर में भी काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। इसकी वजह से उन्हें बढ़ती उम्र के साथ कुछ स्थितियों से भी जूझना पड़ता है, जो उनके मूड को प्रभावित करती हैं। इसलिए बढ़ती उम्र के साथ आपकी मम्मी को अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है। बहुत से लोग अक्सर यह सवाल पूछते हैं कि आखिर मम्मियों के साथ चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग जैसी समस्याएं आखिर किन-किन बीमारियों के कारण देखने को मिलती है? अगर आप भी इसका जवाब ढूंढ रहे हैं, तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं। इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
इस बीमारी का लक्षण हो सकता है आपकी मम्मी की बार-बार नाराज होना
मेनोपॉज
यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें एक उम्र होने के बाद महिलाओं के पीरियड्स आना पूरी तरह से बंद हो जाते हैं। इस दौरान महिलाओं के मूड में बड़े परिवर्तन देखने को मिलते हैं। उनकी मनोदशा इसकी वजह से काफी प्रभावित होती है। उनके शरीर में लगातार एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर गिरने लगता है। इसकी वजह से उन्हें कई तरह की समस्याएं जैसे चिड़चिड़ापन, हॉट फ्लैश, नींद न आने जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं।
हार्मोनल असंतुलन
महिलाओं के शरीर में जब एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर में जब उतार-चढ़ाव होते हैं, तो इससे मूड में परिवर्तन देखने को मिलते हैं। इस तरह की समस्या थायराइड की बीमारी में देखने को मिलती है। जब थायराइड ग्रंथि अपना काम ठीक से नहीं करती है, तो इसकी वजह से तो इसकी वजह से पर्याप्त हार्मोन्स का उत्पादन नहीं होता है, यह एक सामान्य हार्मोनल रोग है। इसकी वजह से पेट और कमर में ऐंठन जैसी समस्याएं भी देखने को मिल सकती हैं।
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम
यह वह स्थिति होती है, जब किसी महिला को पीरियड्स आने का शुरुआत से पहले देखने को मिलती है। यह एक तरह से पीरियड्स आने के संकेत के रूप में काम करता है। इस दौरान चिड़चिड़ापन, मूड में बदलाव, थकान, कमर और पेट दर्द जैसी समस्याएं काफी देखने को मिलती हैं। इसकी वजह से महिलाओं में तनाव और चिंता जैसी स्थितियां भी देखने को मिलती हैं, जो उनमें मूड स्विंग का कारण बन सकती हैं।
पीरियड्स का समय
मासिक धर्म के दौरान भी महिलाओं में काफी बदलाव देखने को मिलती हैं। हार्मोनल स्तर भी इस दौरान खूब बदलाव होते हैं। पीएमएस की तरह पीरियड्स के दौरान भी उनके काफी मूड स्विंग होते हैं। इसकी वजह से उन्हें काफी दर्द और तकलीफ भी होती है। यह गंभीर दर्द और ऐंठन का भी कारण बनता है।
मानसिक स्थितियां
अगर कोई महिला तनाव, एंग्जायटी या अवसाद जैसी स्थितियों से जूझ रही हैं, तो ऐसे में चिड़चिड़ापन और बार-बार पर गुस्सा आना बहुत सामान्य बात है। मूड स्विंग की वजह से वे नाराज भी हो सकती हैं।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।