दिल की बीमारियों अधिक सामना करती हैं जुड़वां बच्चों को जन्म देने वाली महिलाएं, रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Mothers Of Twins Face Higher Risk Of Heart Disease: एक नई रिसर्च में पता चला है कि जिन महिलाओं के जुड़वां बच्चे होते हैं, उन्हें एक बच्चा होने वाली महिलाओं के मुकाबले दिल की बीमारी होने का खतरा अधिक होता है। अध्ययन के निषर्ष चौंकाने वाले हैं। यहां जानें इसके बारे में विस्तार से।

Mothers Of Twins Face Higher Risk Of Heart Disease

Mothers Of Twins Face Higher Risk Of Heart Disease

तस्वीर साभार : IANS

Mothers Of Twins Face Higher Risk Of Heart Disease: हाल में हुई एक नई रिसर्च में पता चला है कि जिन महिलाओं के जुड़वां बच्चे होते हैं, उन्हें एक बच्चा होने वाली महिलाओं के मुकाबले दिल की बीमारी होने का खतरा दुगना होता है। मतलब, अगर किसी मां के दो बच्चे एक साथ हुए हैं, तो उनके दिल को ज्यादा खतरा है। ये रिसर्च यूरोपियन हार्ट जर्नल में छपी है और इसमें ये भी सामने आया है कि जुड़वां बच्चों की मां को डिलीवरी के एक साल के अंदर ही दिल की बीमारी के चलते हॉस्पिटल में भर्ती होने की नौबत आ सकती है। और अगर प्रेगनेंसी के टाइम पर ब्लड प्रेशर भी बढ़ा हुआ था (जिसे प्री-एक्लेम्पसिया कहते हैं), तो खतरा और भी बढ़ जाता है!

बढ़ रही है जुड़वा बच्चों की संख्या

आजकल जुड़वां बच्चे ज्यादा हो रहे हैं, क्योंकि कई लोग बच्चे पैदा करने के लिए दवाइयां लेते हैं (फर्टिलिटी ट्रीटमेंट) और कई महिलाएं ज्यादा उम्र में मां बनती हैं। इस वजह से भी जुड़वां बच्चों की संख्या बढ़ी है।

डिलीवरी के एक साल तक दिल की बीमारी का खतर

रिसर्च करने वाली डॉक्टर रूबी लिन का कहना है कि जब जुड़वां बच्चे पेट में होते हैं, तो मां के दिल को ज्यादा काम करना पड़ता है। डिलीवरी के बाद भी दिल को नॉर्मल होने में हफ्ते लग जाते हैं। उन्होंने ये भी बताया कि जिन महिलाओं का ब्लड प्रेशर प्रेगनेंसी में ठीक था, उन्हें भी डिलीवरी के बाद एक साल तक दिल की बीमारी का खतरा रहता है।

रिसर्च में दिखे चौंकाने वाले परिणाम

अमेरिका में 2010 से 2020 के बीच हुए 3.6 करोड़ डिलीवरी के आंकड़ों पर रिसर्च की गई। इसमें पता चला कि जुड़वां बच्चों की माँओं में हर 1 लाख डिलीवरी में से 1,105 माँओं को दिल की बीमारी के कारण हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा, जबकि एक बच्चा होने वाली माँओं में ये आंकड़ा 734 प्रति 1 लाख था।

मतलब, अगर किसी मां का ब्लड प्रेशर प्रेगनेंसी में नॉर्मल भी था, तब भी जुड़वां बच्चे होने पर दिल की बीमारी का खतरा डबल था। और अगर ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ था, तो खतरा आठ गुना बढ़ गया!

हालांकि, एक अच्छी बात ये भी सामने आई कि जिन महिलाओं का ब्लड प्रेशर प्रेगनेंसी में बढ़ा हुआ था और एक बच्चा हुआ था, उनकी डिलीवरी के एक साल बाद मरने की संभावना ज्यादा थी। जबकि जुड़वां बच्चों की मांओं में ऐसा नहीं था। शायद जुड़वां बच्चों की माँओं का खतरा लम्बे समय तक कम हो सकता है।

डिलीवरी के बाद एक साल तक रेगुलर चेकअप

डॉक्टर लिन कहती हैं कि जो महिलाएं फर्टिलिटी ट्रीटमेंट करवा रही हैं, खासकर ज्यादा उम्र वाली, मोटी, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या दिल की बीमारी वाली महिलाओं को जुड़वां प्रेगनेंसी से होने वाले खतरों के बारे में जानना चाहिए। डॉक्टरों को भी ऐसी महिलाओं की डिलीवरी के बाद एक साल तक रेगुलर चेकअप करना चाहिए, ताकि अगर कोई दिक्कत हो तो टाइम पर पता चल सके।

सीधे शब्दों में कहें तो, जुड़वां बच्चे होने पर मांओं को अपने दिल का ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। अपने डॉक्टर से बात करें और जरूरी चेकअप करवाती रहें।

Source: IANS

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Vineet author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं। हेल्थ और फिटनेस जुड़े विषयों में मेरी खास दिलचस्पी है।...और देखें

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