Blood Cancer: लगातार कमर दर्द को न करें नजरअंदाज, यह घातक ब्लड कैंसर का हो सकता है संकेत

Multiple myeloma - Symptoms and causes: मल्टीपल मायलोमा ब्लड कैंसर का एक खतरनाक रूप है। शोध के अनुसार, मल्टीपल मायलोमा आमतौर पर वृद्ध वयस्कों में होता है। 40 साल से कम उम्र के लोगों में इसके बहुत कम मामले देखने को मिलते हैं। इसके लक्षण, कारण और उपचार के बारे में और जानें-

Blood Cancer

Multiple Myeloma क्या होता है? जानें इस बीमारी के लक्षण, कारण (Image: istockphoto)

Multiple myeloma Symptoms and Causes: कैंसर का नाम सुनते ही लोग सहम जाते हैं। कैंसर कई प्रकार के होते हैं, जिनमें ब्लड कैंसर भी बहुत खतरनाक होता है। मल्टीपल मायलोमा भी एक प्रकार का ब्लड कैंसर है जिसमें प्लाज्मा कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं। प्लाज्मा कोशिकाएं एक प्रकार की रक्त कोशिकाएं होती हैं जो अस्थि मज्जा (Bone marrow) में पाई जाती हैं। वे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का एक अभिन्न अंग हैं। उनका काम संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबॉडी या इम्युनोग्लोबुलिन का उत्पादन करना है। आइए जानते हैं मल्टिपल मायलोमा के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी-
मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (Max Super Specialty Hospital), के सेंटर फॉर बोन मैरो ट्रांसप्लांट के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. पवन कुमार सिंह टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल से बातचीत में बताया कि ब्लड कैंसर कई अन्य कैंसर की तरह अनुवांशिक नहीं होता है। जब हम कहते हैं कि कैंसर की उत्पत्ति अनुवांशिक है तो इसका मतलब है कि रोगी में पहले से ही आनुवंशिक असामान्यता मौजूद है जो किसी भी रोगी को रक्त कैंसर के प्रति अधिक संवेदनशील होने का पूर्वाभास देती है। उदाहरण के लिए TP53 म्यूटेशन कई ब्लड कैंसर के लिए प्रीडिस्पोज़ फैक्टर हैं।
कैंसर जेनेटिक्स अलग है और इसका मतलब है कि किसी भी मरीज को जो ब्लड कैंसर हुआ है उसमें कुछ जेनेटिक असामान्यता मौजूद पाई गई है।
कई ब्लड कैंसर रोगियों में आनुवंशिक असामान्यताएं पाई जाती हैं और कुछ अच्छी हो सकती हैं और कुछ बुरी। आजकल इन आनुवंशिक असामान्यताओं (Genetic Abnormalities) को NGX (नेक्स्ट जनरेशन सीक्वेंसिंग) तकनीकों द्वारा आसानी से और प्रभावी ढंग से उठाया जा सकता है।

मल्टीपल मायलोमा क्या है? | What is Multiple Myeloma?

मायो क्लिनिक के मुताबिक मल्टीपल मायलोमा प्लाज्मा कोशिकाओं से संबंधित एक विकार है। इस बिमारी में प्लाज्मा कोशिकाओं में कैंसर हो जाता है। जिससे स्वस्थ एंटीबॉडी बनाने के बजाय कैंसर प्रोटीन बनाने लगते हैं, जिसे एम प्रोटीन या मोनोक्लोनल प्रोटीन या एम बैंड भी कहा जाता है। एम प्रोटीन शरीर के विभिन्न अंगों जैसे हड्डियों, गुर्दे, अस्थि मज्जा (Bone Marrow) को प्रभावित करता है और मायलोमा के लक्षणों का कारण बनता है।

मल्टीपल मायलोमा होने का कारण क्या है? | Cause of Multiple Myeloma?

यह स्पष्ट नहीं है कि मायलोमा का क्या कारण है। लेकिन मायलोमा कोशिकाएं एंटीबॉडी का उत्पादन करने की कोशिश करती रहती हैं, जैसा कि स्वस्थ प्लाज्मा कोशिकाएं करती हैं, लेकिन मायलोमा कोशिकाएं असामान्य एंटीबॉडी उत्पन्न करती हैं जिनका शरीर उपयोग नहीं कर सकता है। इसके बजाय, असामान्य एंटीबॉडी (मोनोक्लोनल प्रोटीन, या एम प्रोटीन) शरीर में बनते हैं और गुर्दे को नुकसान जैसी समस्याएं पैदा करते हैं। कैंसर कोशिकाएं हड्डियों को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं जिससे हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ जाता है।

मल्टीपल मायलोमा के लक्षण क्या हैं? | Symptoms of Multiple Myeloma?

मल्टिपल मायलोमा के संकेत और लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं या बिमारी की शुरुआत में कोई संकेत नहीं भी हो सकता है। हालांकि मल्टीपल मायलोमा आमतौर पर वृद्ध वयस्कों में होता है। 40 साल से कम उम्र के लोगों में इसके बहुत कम मामले देखने को मिलते हैं। इसके लक्षण इस प्रकार हैं-
  • हड्डी का दर्द, विशेष रूप से आपकी रीढ़ या छाती में
  • जी मिचलाना
  • कब्ज़
  • भूख में कमी
  • मानसिक भ्रम
  • थकान
  • बार-बार संक्रमण होना
  • वजन घटना
  • आपके पैरों में कमजोरी या सुन्नता
  • अधिक प्यास
इसके अलावा एम प्रोटीन शरीर के प्रमुख अंगों को नुकसान पहुंचाता है। साथ ही प्लाज्मा कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के कारण बोन मैरो काम करना बंद कर देता है, जिससे रोगी एनीमिक हो जाता है। कई बार वाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स की संख्या भी कम हो जाती है। बिना किसी स्पष्ट कारण के रोगी को लगातार पीठ दर्द या हड्डी में फ्रैक्चर हो सकता है। इससे किडनी फेलियर (Kidney Damage) भी हो सकता है, जिसे कास्ट नेफ्रोपैथी भी कहा जाता है।
मायलोमा के मरीजों में कैल्शियम का स्तर बहुत अधिक होता है, जो न्यूरोलॉजिकल लक्षण पैदा कर सकता है। इसके लिए शीघ्र निदान और उपचार आवश्यक है। मल्टीपल मायलोमा से मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी रोगों से लड़ने की क्षमता कमजोर हो जाती है और संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।

मायलोमा का डायग्नोज कैसे किया जाता है? | Multiple Myeloma Diagnosis

मल्टिपल मायलोमा को डायग्नोज रक्त परीक्षणों से किया जाता है। इनमें एम प्रोटीन का पता लगाने के लिए कंप्लीट बल्ड काउंट, यकृत और किडनी के कार्य परीक्षण, सीरम प्रोटीन इलेक्ट्रोफोरेसिस के साथ इम्युनोफिक्सेशन शामिल हैं। हालांकि, यह समझना महत्वपूर्ण है कि कभी-कभी एम प्रोटीन की उपस्थिति को मायलोमा नहीं माना जाता है, क्योंकि 5% स्वस्थ लोग 50 वर्ष की आयु के बाद एम प्रोटीन विकसित कर सकते हैं, जिससे मल्टीपल मायलोमा नहीं होता है।
डॉक्टर मैरो में असामान्य प्लाज्मा कोशिकाओं को देखने के लिए बोन मैरो की भी जांच करते हैं। इसके अलावा, विभिन्न हड्डियों के रेडियोग्राफ या एक्स-रे यह जांचने के लिए किए जाते हैं कि कहीं मायलोमा से हड्डियों को नुकसान तो नहीं हुआ है। आजकल मायलोमा के कारण हड्डियों के नुकसान की जांच के लिए पूरे शरीर का पीएटी-सीटी भी किया जाता है। कुछ मामलों में प्लाज्मा कोशिकाओं के ठोस द्रव्यमान-प्लास्मेसिटोमास (solid mass-plasmacytomas) का पता लगाया जाता है।

मायलोमा के लिए उपचार क्या हैं? | Multiple Myeloma Treatment

मल्टीपल मायलोमा के इलाज के लिए दो या तीन दवाओं का कॉम्बिनेशन साप्ताहिक रूप से दिया जाता है। 65 वर्ष से कम आयु के रोगी जो चिकित्सकीय रूप से स्वस्थ हैं और अच्छी स्थिति में हैं; वह कीमोथेरेपी के 4-6 महीने बाद ऑटोलॉगस बोन मैरो ट्रांसप्लांट करवा सकते हैं। विभिन्न प्रकार के मामलों के इलाज के लिए नए टारगेट ट्रीटमेंट और इम्यूनोथेरेपी दवाएं भी उपलब्ध हैं। जिससे रोगियों को लंबे समय तक माइलोमा-मुक्त जीवन जीने में मदद मिल सकती है।
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प्रणव मिश्र author

मीडिया में पिछले 5 वर्षों से कार्यरत हैं। इस दौरान इन्होंने मुख्य रूप से टीवी प्रोग्राम के लिए रिसर्च, रिपोर्टिंग और डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए काम किया...और देखें

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