PCOS Symptoms: पीरियड्स के इन संकेतों को ना करें अनदेखा, हो सकते हैं इस बीमारी के लक्षण

पीसीओएस (PCOS) का असर प्रेग्नेंसी पर पड़ता है। इसके कारण रीप्रोडक्टिव ऑर्गन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यह ऑर्गन ही शरीर में एस्ट्रोजन व प्रोजेस्ट्रोन हार्मोंस को बनाते हैं और पीरियड्स को भी बैलेंस रखते हैं। पीसीओएस के लक्षण अलग-अलग महिला में भिन्न प्रकार के हो सकते हैं। चलिए PCOS से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी आपके साथ शेयर करते हैं।

PCOS Symptoms

इस गंभीर बीमारी के लक्षण हो सकते हैं अनियमित पीरियड्स

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • पीसीओएस की वजह से अनियमित पीरियड्स भी होते हैं
  • PCOS के कारण बढ़ सकता है शरीर का वजन
  • रीप्रोडक्टिव ऑर्गन पर पीसीओएस के कारण बुरा प्रभाव पड़ता है
PCOS Symptoms: पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम और पॉलिसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर की समस्या महिलाओं में तेजी से बढ़ रही है। पीसीओएस (PCOS) के कारण महिलाओं को अनियमित पीरियड्स, पीरियड्स में ज्यादा दर्द, मेटाबॉलिक व प्रजनन संबंधी समस्या का सामना करना पड़ता है। यह एक हार्मोनल समस्या है, जो कई महिलाओं में पाई जाती है व इसके बारे में बहुत कम लोगों को ही पता है। पीसीओएस में महिलाओं के शरीर में सामान्य की अपेक्षा अधिक हार्मोंस बनते हैं, जिसके कारण ऑव्युलेशन होता है और अनियमित पीरियड्स की प्रॉब्लम होती है।
पीसीओएस के लक्षण-
  1. इसके बारे में पता लगाने का पहला तरीका पीरियड्स में आने वाले बदलाव हैं, हालांकि, कभी-कभी बढ़ती उम्र के साथ वजन बढ़ने के कारण भी यह समस्या हो देखने को मिलती है।
  2. अनियमित मासिक धर्म या मासिक धर्म की अनुपस्थिति इसके आम लक्षण हैं।
  3. पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में आमतौर पर वजन की समस्या होती है।
  4. कुछ मामलों में महिलाओं में कई बार हार्मोन के असंतुलन की वजह से चेहरे और शरीर पर जरूरत से ज्यादा बाल आ जाते हैं।
  5. इसके साथ ही चेहरे पर अत्यधिक कील-मुंहासे भी पीसीएस के लक्षण में से एक है।
  6. अगर परिवार में किसी को मोटापा या मधुमेह की समस्या है तो पीसीओएस होने की संभावना बढ़ जाती है। यह अनुवांशिक भी हो सकता है।
  7. बांझपन बार-बार मिसकैरेज या प्रीमेच्योर बर्थ जैसी समस्याएं भी पीसीओएस के लक्षण और रिजल्ट में शामिल होते हैं।
  8. पीसीओएस के कारण उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, हार्ट संबंधी बीमारियां, हाई कोलेस्‍ट्रॉल स्तर, गर्भाशय का कैंसर या डिप्रेशन की समस्या आ सकती है।
पीरियड्स अगर ससय पर नहीं आता है तो इसके चलते मोटापा अधिक बढ़ सकता है, जिसकी वजह से दिल के सेहत पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है। वहीं ज्यादा मोटापा होने के बाद आर्टरीज में ब्‍लॉकेज की समस्‍या भी पायी जाती है।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)
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