World Obesity Day 2025: केवल फूला शरीर नहीं है मोटापा, BMI भी हो गया पुराना तरीका, जानिए क्या है जानकारों की राय
WHO के हिसाब से शरीर में अत्यधिक फैट के जमा होने की स्थिति को मोटापा कहते हैं। इससे कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। अब तक इसे बीएमआई से नापा जाता था लेकिन एक्सपर्ट्स की राय है कि इसे बदला जाना चाहिए। आइए जानते हैं मोटापे के नए मानक क्या हैं।

definition of obesity
मोटापे और वजन कम करने के इस दौर में मोटापा नापने की दशकों पुराने तरीके मे बदलाव की बात हो रही है। लैंसेट ग्लोबल कमीशन (Lancet Global Commission) की एक रिपोर्ट ने मोटापे की पहचान के लिए एक नया तरीका सुझाया है, रिपोर्ट का मानना है कि दुनिया में लोग जिस तरह तेजी से मोटापे का शिकार हो रहे हैं, उसे देखते हुए एक ज्यादा सटीक मानदंड की जरूरत है। सिर्फ BMI (बॉडी मास इंडेक्स) के पैमाने पर मोटापे को नापने से अधूरी जानकारी मिलती है। ये रिपोर्ट लांसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुई है और इसे दुनिया भर के 50 से ज्यादा मेडिकल एक्सपर्ट्स का समर्थन मिला है। आइए जानते हैं क्या है बीएमआई और क्या हैं मोटापे को लेकर नए सुझाव।
बॉडी मास इंडेक्स क्या है (What is body mass index in Hindi)
बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) एक ऐसी वैल्यू है जो बताती है कि किसी व्यक्ति का वजन उसकी ऊंचाई के तुलना में कितना है। यह मोटापे, कम वजन या अधिक वजन की जांच करने का तेज और आसान तरीका है। कई दशकों से मोटापे का स्तर तय करने के लिए बॉडी मास इंडेक्स (BMI) का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके लिए किसी व्यक्ति के वजन को (किलोग्राम में) की व्यक्ति की लंबाई के वर्ग से (मीटर में) विभाजित किया जाता है। इसका रिजल्ट अगर 30 से ऊपर आता है तो व्यक्ति को मोटा माना जाता है। जातीयता और नस्ल (ethnicity and race) के आधार पर इसमें अंतर आता है, साथ ही 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों, गर्भवती महिलाओं और एथलीटों के लिए ये तरीका ठीक नहीं है।
क्या हो नया तरीका (How to determine obesity in Hindi)
लैंसेट के रिपोर्ट ने सुझाया है कि सिर्फ बॉडी मास इंडेक्स नापने के बजाए अब मोटापे की पहचान के लिए कमर की माप (Waist Circumference), कमर और लंबाई का अनुपात (Waist-to-Height Ratio) और पेट की फैट के आधार पर की जाएगी। इन मापदंडों का उपयोग भी वैकल्पिक ही है, लेकिन इनसे मोटापे की बेहतर पहचान संभव है। लैंसेट कहता है कि बीएमआई से मरीज के पूरे सेहत के बारे में जानकारी नहीं मिलती है, ये शरीर की मांसपेशियों और फैट के बीच अंतर नहीं कर पाता है। साथ ही यह कमर और शरीर के दूसरे अंगों पर जमा हुए फैट के बारे में कुछ नहीं बता पाता है। मोटापे से शिकार व्यक्ति में हृदय संबंधी बीमारी, सांस लेने में दिक्कत, डायबिटीज और जोड़ों में दर्द जैसी शिकायतों पर भी ध्यान देना होगा।
मोटापे के खतरे (What are the risks of obesity in Hindi)
WHO के अनुसार 2022 में, 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के 2.5 बिलियन लोगों का वजन जरूरत से अधिक था, जिनमें 890 मिलियन से अधिक लोग मोटापे का शिकार थे। साल 2019 में हृदय रोग, डायबिटीज, कैंसर, तंत्रिका संबंधी समस्याओं, पुरानी सांस संबंधी बीमारियां और पाचन विकार से अनुमानित 5 मिलियन लोगों की मौतें हुईं, जिसमें मूल कारण हाई बीएमआई था। मोटापा जीवन की गुणवत्ता पर असर डालता है, ये चलने-फिरने से लेकर सांस लेने तक में दिक्कत पैदा कर सकता है। शरीर का अतिरिक्त वजन जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे ऑस्टियोआर्थराइटिस हो सकता है। यह स्लीप एपनिया जैसी सांस की समस्याओं और कुछ कैंसर के खतरों से भी इसका संबंध है।
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