डेंगू को लेकर डरने की नहीं, सतर्क रहने की जरूरत, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Dengue treatment: डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है। एक्सपर्ट की सलाह है कि घबराएं नहीं और संयम से दवा खाते रहें।

डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कई बार जरा से वायरल बुखार को भी लोग डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी से जोड़कर देख रहे हैं। और कई बार डेंगू जैसे लक्षण होने के बावजूद भी लोग घर में दवाई को लेकर ही खुद को स्वस्थ करने में लगे रहते हैं। क्या क्या होते हैं इनके लक्षण और क्या सावधानी और समझदारी बरतनी चाहिए इस पर आईएएनस से खास बातचीत की है डॉ अमित कुमार ने। जिला डिस्ट्रिक्ट पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डा. अमित कुमार ने बताया है कि डेंगू को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है न कि डरने की। हर बुखार डेंगू नहीं होता। डेंगू जैसे लक्षण नजर आने पर तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर चिकित्सक से परामर्श करें।

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डा. अमित ने बताया- जनपद में डेंगू मरीजों को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। जनपद में विभाग ने डेंगू से लड़ने के लिए अस्पतालों में पूरे बंदोबस्त किए हैं। डेंगू को लेकर विभाग किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहता है। उन्होंने बताया यदि किसी को बुखार हो रहा है। घुटनों में दर्द है। आंख में जलन है, तो तुरंत जांच कराएं, क्योंकि बुखार प्लेटलेट्स को कम कर सकता है। आमतौर पर रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या का कम होना डेंगू का सबसे बड़ा लक्षण माना जाता है लेकिन, प्लेटलेट्स कम होने का मतलब सिर्फ यह नहीं कि मरीज को डेंगू ही है। ऐसा दूसरी बीमारियों के कारण भी हो सकता है। उन्होंने कहा आम जनमानस में प्लेटलेट्स को लेकर बड़ा भ्रम है, प्लेटलेट्स कम होते ही लोग इसे डेंगू समझ लेते हैं लेकिन वास्तविकता में ऐसा नहीं है। टाइफाइड बुखार व अन्य कई बीमारियां ऐसी होती हैं, जिनमें प्लेटलेट्स घट जाती हैं। ऐसे में जरूरत है कि बुखार आने पर तुरंत जांच करवाएं और नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सक से परामर्श करें और किसी झोलाछाप डाक्टर के चक्कर में न पड़ें।

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