सिर्फ इंजेक्शन के नाम पर चढ़ जाता है बुखार? अब नहीं चिंता की बात, वैज्ञानिकों ने बना ली है बिना सुई वाली सिरिंज
सुई का नाम भर सुनकर डर जाने वाले लोगों के लिए एक राहतभरी खबर आई है। आईआईटी बॉम्बे (IIT Bombay) के जानकारों ने एक अनोखी ‘शॉक सिरिंज’ (Shockwave Based Needle-Free Syringe) विकसित की है, जो दवा को शरीर में पहुंचाने के लिए सुई के बजाय हाई एनर्जी वाली शॉक वेव्स का इस्तेमाल करती है। ये तरंगें साउंड की स्पीड से भी तेज होती हैं और बिना दर्द के त्वचा के अंदर दवा पहुंचा सकती हैं। आइए जानते हैं इस बिना नीडल वाली सिरिंज के बारे में।
IIT bombay made needle free syringe
सिर्फ सुई का नाम भर सुनकर बहुत से लोगों को बुखार चढ़ जाता है, और इसमें बच्चों से लेकर बूढ़े तक शामिल हैं। ऐसे लोगों के लिए एक अच्छी खबर है ये है कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बॉम्बे के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी सिरिंज विकसित कर ली है, जिसमें नीडल है ही नहीं। यानी अब बिना किसी चुभन की चिंता किए आराम से इंजेक्शन लगवाया जा सकता है। इसका नाम शॉक सिरिंज रखा गया है। IIT बॉम्बे के वैज्ञानिकों का यह आविष्कार चिकित्सा जगत में एक क्रांतिकारी कदम है, जो भविष्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सरल, सुरक्षित और किफायती बना सकता है। आइए जानते हैं, इस खास इंजेक्शन के बारे में
कैसे काम करती है शॉक सिरिंज?
IIT बॉम्बे की यह नई तकनीक, प्रोफेसर वीरेन मेनेजेस के नेतृत्व में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग द्वारा विकसित की गई है। इसे पहली बार 2021 में उनके लैब में बनाया गया था। इस सिरिंज का आकार एक साधारण बॉलपॉइंट पेन से थोड़ा बड़ा है।
शॉक सिरिंज में दबाव के लिए नाइट्रोजन गैस इस्तेमाल होती है। यह दवा को माइक्रो-जेट के रूप में तेजी से त्वचा में प्रवेश करवाता है। ये नाइट्रोजन गैस का दबाव बनाकर दवा को तेजी से बाहर निकालता है। यह माइक्रो-जेट, साउंड की स्पीड से लगभग दो गुना तेज होता है। इस तेजी से दवा की धार, सिरिंज के नोजल (जो केवल 125 माइक्रोन की है) से बाहर निकलती है और त्वचा में बिना किसी दर्द के अंदर चली जाती है। पूरी प्रक्रिया तेज और बेहद आसान है, जिससे अधिकांश मरीज इसे महसूस भी नहीं करते।
पारंपरिक सुइयों से बेहतर विकल्प
शोधकर्ता प्रियंका हंकारे, जो इस अध्ययन की मुख्य लेखिका हैं, बताती हैं कि सामान्य सिरिंज से सुई लगाने पर त्वचा के टिश्यू को नुकसान हो सकता है, जो दर्द का कारण बनता है। इसके विपरीत, शॉक सिरिंज दर्द मुक्त और त्वचा को बिना नुकसान पहुंचाए दवा को भीतर पहुंचाने में सक्षम है।
संभावनाएं और लाभ
शॉक सिरिंज का आविष्कार केवल इंजेक्शन को दर्द मुक्त बनाने तक ही सीमित नहीं है। इसके कई और फायदे हैं:
- तेज और प्रभावी टीकाकरण: यह तकनीक बच्चों और वयस्कों के बड़े स्तर पर टीकाकरण अभियानों को तेज और सुविधाजनक बना सकती है।
- ज्यादा सुरक्षित: पारंपरिक सुई से होने वाले और खून से फैलने वाली बीमारियों का खतरा इस नई तकनीक से खत्म हो सकता है।
- कई बार इस्तेमाल लायक: शॉक सिरिंज 1000 से अधिक बार दवा देने में सक्षम है, हालांकि इसे समय-समय पर नोजल बदलने की आवश्यकता होती है।
- लागत के लिहाज से बेहतर: बार-बार उपयोग करने की क्षमता इसे स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए किफायती बनाती है।
शोधकर्ताओं ने अपने स्टडी में यह दिखाया कि शॉक सिरिंज लैब में चूहों पर सामान्य इंजेक्शन के मुकाबले अधिक प्रभावी साबित हुई। यह तकनीक न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार ला सकती है, बल्कि लोगों के मन से इंजेक्शन का डर भी खत्म कर सकती है।
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पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर खुर्ज़ा शहर का रहने वाला हूं। हेल्थ, लाइफस्टाइल और राजनीति से जुड़े विषयों पर लिखने-पढ़ने का शौक है। Timesnowhindi.com में ...और देखें
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