रिसर्च में खुलसा, बच्चे के दिमागी विकास में खतरा है मोटापा, जानिए कैसे होता है पढ़ाई पर बुरा असर

Obesity in Kids: मोटापा हर उम्र के लोगों के लिए हानिकारक होता है। हालांकि, बच्चों में इसका रिस्क काफी ज्यादा होता है। मोटापे से डायबिटीज, हार्ट अटैक से लेकर ब्लड प्रेशर का खतरा होता ही है। वहीं, ये बच्चों में यदि मोटापा है तो ये उनकी मेंटल हेल्थ पर असर डालता है। जानिए क्या कहती है रिसर्च।

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Obesity in Kids

मुख्य बातें
  • मोटापा हर उम्र के लोगों के लिए खतरनाक।
  • बच्चों के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है मोटापा।
  • बच्चों की मेंटल हेल्थ पर मोटापे से होता है बुरा असर।
Obesity and Mental Health Risk: मोटापे से हार्ट अटैक का रिस्क है! बढ़ा हुआ वजन डायबिटीज, ब्लड प्रेशर के पीछे का बड़ा कारण है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि, बच्चों में मोटापा दिमागी विकास होने में भी बाधक बनता है। दरअसल यूनाइटेड स्टेट्स में MRI टेस्ट के एक डेटा का इस्तेमाल करके बच्चों के दिमागी विकास और हेल्थ पर एक शोध किया गया। जिसमें साफ तौर पर इस बात का पता चला है कि, जिन बच्चों का वेट ज्यादा है उनके दिमाग की हेल्थ दूसरों की तुलना में खराब है।
कनेक्टिकट के येल स्कूल ऑफ मेडिसिन के पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्चर सिमोन कल्टेनहॉसर के मुताबिक, मोटा होने का सीधी संबंध खराब ब्रेन हेल्थ से है। साथ ही ये बच्चों के साथ साथ वयस्कों पर भी लागू होता है। 9 से 10 साल के बच्चों पर की गई रिसर्च में कुल 21 राज्यों से कुल 11,878 बच्चों के डेटा की जांच हुई थी। जो एडोलिसेंट ब्रेन कॉग्निटिव डेवलपमेंट (ABCD) स्टडी से लिया गया था। रिसर्च में स्ट्रक्चरल MRI और रेस्टिंग स्टेट फंक्शनल MRI को एनालाइज किया गया। ताकि ब्लड फ्लो में आने वाले बदलावों से ब्रेन की सही एक्टिविटी का पता लग सके।
वजन और बीएमआई स्कोर के बीच के रिश्ते को पता लगाने के लिए टीम ने लीनियर मॉडल्स का इस्तेमाल किया। ऐसा उम्र, लिंग, धर्म, जाति और सोशियो इकोनॉमिक लेवल को एडजस्ट करने के बाद किया गया।
रिसर्च में हुआ ये खुलासा
शोधकर्ताओं ने देखा कि जिन बच्चों का वजन और BMI z-स्कोर ज्यादा बढ़ा हुआ है। उनके दिमाग में एनाटॉमिकल अब्नोर्मलिटीज हैं। साथ ही कॉर्पस कैलोसम के सफेद पदार्थ में गिरावट पाई गई थी, जो दिमाग के दोनो हिस्सों के बीच की मुख्य लिंक का काम करता है। कॉर्टेक्स जो ब्रेन का सबसे बाहरी हिस्सा होता है और दिमाग की नलीयों में भी बदलाव और हानि नोट की गई थी।
रिसर्चर्स का कहना है कि, बचपन में इस तरह की कमियों का अल्टरेशनंस का इतने साफ तौर पर दिखना काफी हैरान करने वाली स्थिति है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मोटापा और बीएमआई z-स्कोर का सीधा कनेक्शन दिमाग के उन हिस्सों से है। जो कॉग्निटिव कंट्रोल, मोटिवेशन और डिसीजन मेकिंग में मदद करते हैं।
फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर हावी होता है मोटापा
शोध के मुताबिक वजन और बढ़े हुए बीएमआई का संबंध उन नकारात्मक प्रभावों से भी है। जो आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर भारी पड़ते हैं। इन बच्चों का दिमागी विकास बहुत हद तक धीमा हो जाता है या रुक जाता है।
येल स्कूल ऑफ मेडिसिन के रेडियोलॉजी और बायो मेडिकल इमेजिंग के MD, असिस्टेंट प्रोफेसर न्यूरो रेडियोलॉजिस्ट सैम पायाबवश ने बताया कि, ये शोध पहले की गई उन स्टडीज का एक मैकेनिस्टिक एक्सप्लेनेशन है। जो इस बात को साबित करता है कि, मोटापे और हाई बीएमआई का नकारात्मक असर बच्चों के दिमाग पर, उनके कॉग्निटिव फंक्शन्स पर और एकेडमिक परफॉर्मेंस पर भी पड़ता है।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)
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