सर्दी-खांसी में करते हैं कफ सिरप का सेवन, तो अभी हो जाएं सावधान, रिपोर्ट में हुआ चौकाने वाला खुलासा, हो चुकी है इतने बच्चों की मौत
सर्दी-खांसी या फिर किसी भी तरह की बीमारी होने पर ज्यादातर लोग कफ सिरप का सेवन करते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि ये कफ सिरप सेहत के लिए कितने हानिकारक हैं। कफ सिरफ पीने की वजह से अब तक दुनियाभर में 141 बच्चों की मौत हो चुकी है। यह चौंकाने वाला खुलासा हाल ही में सामने आई सीडीएससीओ की एक रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक देश में कफ सिरप बनाने वाली 40 से अधिक कंपनियां गुणवत्ता परीक्षण में विफल रही हैं।
सर्दी-खांसी या फिर किसी भी तरह की बीमारी होने पर ज्यादातर लोग कफ सिरप का सेवन करते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि ये कफ सिरप सेहत के लिए कितने हानिकारक हैं। कफ सिरफ पीने की वजह से अब तक दुनियाभर में 141 बच्चों की मौत हो चुकी है। यह चौंकाने वाला खुलासा हाल ही में सामने आई सीडीएससीओ की एक रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक देश में कफ सिरप बनाने वाली 40 से अधिक कंपनियां गुणवत्ता परीक्षण में विफल रही हैं।
सीडीएससीओ की एक रिपोर्ट में विभिन्न राज्यों में किए गए प्रयोगशाला परीक्षणों का हवाला देते हुए कहा गया है कि विश्व स्तर पर भारत निर्मित कफ सिरप को 141 बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, परीक्षण किए गए 1,105 नमूनों में से 59 नमूने 'मानक गुणवत्ता पर खड़े नहीं' घोषित किए गए।
सीडीएससीओ द्वारा नवंबर में दवाओं, चिकित्सा उपकरणों और सौंदर्य प्रसाधनों की एक सूची के तहत रिपोर्ट जारी की गई थी, जिन्हें 'मानक गुणवत्ता पर खड़े नहीं' या 'नकली' या 'मिलावटी' या 'गलत ब्रांडेड' घोषित किया गया था। ये आंकड़े सरकारी परीक्षण प्रयोगशालाओं की परीक्षण रिपोर्ट से आए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोई भी नमूना नकली या गलत ब्रांड वाला नहीं पाया गया।
यह कदम भारत में निर्मित कफ सिरप के सेवन के बाद विश्व स्तर पर कई मौतों की सूचना मिलने के बाद उठाया गया है। इन मौतों के बाद विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने निर्यातकों के लिए कफ सिरप की गुणवत्ता पर सरकारी मंजूरी लेना अनिवार्य कर दिया था। डीजीएफटी की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, सीडीएससीओ कफ सिरप के उन सभी बैचों का परीक्षण कर रहा है जो निर्यात की अनुमति चाहते हैं।
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