मरीज को न दिखाएं उसकी मेडिकल रिपोर्ट, तुरंत बिगड़ने लगती है अच्छी-भली सेहत, शोध में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
डॉक्टर की राइटिंग को लेकर तो हमेशा चर्चा होती है लेकिन इस बार डॉक्टरों की मेडिकल शब्दावली को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। एक रिसर्च कहती है कि मेडिकल रिपोर्ट्स को देखकर मरीज की तबियत बिगड़ सकती है। जी हां आज हम आपको इससे जुड़े एक शोध के बारे में बताने जा रहे हैं।



पूरे दुनिया में इस बात पर मजाक होता है कि डॉक्टर का लिखा आम व्यक्ति को समझ नहीं आता, लेकिन एक शोध बता रहा है कि मेडिकल रिपोर्ट्स के भारी भरकम शब्द रोगी की सेहत के लिए जटिल समस्याएं पैदा कर सकते हैं। मिशिगन यूनिवर्सिटी की ये स्टडी बताती है कि मेडिकल रिपोर्ट्स की आसान भाषा होने की वजह से मरीजों की स्थिति को बेहतर तरीके से उन्हें समझाने में मदद करती हैं, जिससे उन्हें मानसिक संतुष्टि मिलती है। स्टडी ये भी कहती है कि अगर मेडिकल रिपोर्ट्स को मरीजों के लिए सरल और समझने लायक तरीके से लिखा जाए, तो उनकी चिंता कम हो सकती है। आइए जानते हैं इस रिसर्च के बारे में।
क्या कहती है स्टडी?
मिशिगन यूनिवर्सिटी की डॉक्टर कैथरीन लैपेडिस और उनके सहयोगियों ने एक स्टडी की जिसमें उन्होंने ये जानने की कोशिश की कि क्या मरीज सामान्य पैथोलॉजी रिपोर्ट्स को समझ सकते हैं और क्या मरीजों के लिहाज से बनाई रिपोर्ट्स उनके समझने में सुधार ला सकती हैं। इसमें 55 से 84 साल के 2,238 लोगों को शामिल किया गया और उन्हें पेशाब से जुड़ी समस्याओं के लिए एक काल्पनिक बायोप्सी रिपोर्ट दी गई। ये रिपोर्ट सामान्य मेडिकल शब्दावली में और मरीजों के समझ में आने वाली भाषा में लिखे गए थे। लोगों से ये पूछे जाने पर कि उनकी चिंता का स्तर क्या है, परिणाम में आया कि अधिकतर लोग सामान्य मेडिकल रिपोर्ट को नहीं समझ पाए और इस कारण उनकी चिंता का स्तर अधिक हो गया। वहीं, मरीजों के लिहाज से बनाई गईं रिपोर्ट पढ़ने वाले 93% लोगों ने अपनी स्थिति को सही तरीके से समझ लिया और उनकी चिंता का स्तर उतना नहीं बढ़ा।
रोगी की सेहत पर रिपोर्ट्स का असर
मिशिगन यूनिवर्सिटी की इस स्टडी में ये बात सामने आई कि जब मरीजों को जटिल मेडिकल शब्दावलियों का सामना करना पड़ता है, तो वे घबराते हैं और अपनी स्थिति को लेकर परेशान भी होते हैं। स्टडी में यह भी पाया गया कि रिपोर्ट पढ़ने के बाद मरीजों की चिंता का स्तर उनके सेहत से संबंधित होता है।
एक्सपर्ट की राय
स्टडी में शामिल विशेषज्ञो का कहना है कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालने वाली रिपोर्ट्स के लिए इसे बदलने की आवश्यकता है। उनकी ये राय है कि अस्पतालों को अपनी मेडिकल रिपोर्ट्स को रोगियों के लिहाज बनानी चाहिए, इससे मरीजों को अपने सेहत से जुड़ी समस्याओं को समझने में आसानी होगी, और उनके चिंता में कमी आएगी।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। हेल्थ (Health News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर खुर्ज़ा शहर का रहने वाला हूं। हेल्थ, लाइफस्टाइल और राजनीति से जुड़े विषयो...और देखें
क्यों मनाया जाता है World Autism Awareness Day, क्या है इतिहास, जानें इसका महत्व और 2025 की थीम
कैंसर का अंत करने के लिए रूस ने तैयार की वैक्सीन, बीमारी को जड़ से खत्म करने का दावा, जानें कितना कारगर होगा टीका
गर्मियों में छाछ में मिलाकर पिएं ये देसी प्रोटीन पाउडर, कड़ाके की गर्मी में भी बॉडी रहेगी कूल, रग-रग में भर जाएगी ताकत
कितना कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर आ सकता है हार्ट अटैक? जान बचाने के लिए पहले ही जान ले ये जरूरी बात
World Idli Day: टेस्टी भी.. हेल्दी भी, ये साउथ इंडियन डिश है स्वाद और सेहत का परफेक्ट कॉम्बिनेशन, फायदे कर देंगे हैरान
Who Won Yesterday IPL Match (31 March 2025), MI vs KKR: कल का मैच कौन जीता? Mumbai Indians vs Kolkata Knight Riders, मुंबई इंडियंस बनाम कोलकाता नाइट राइडर्स मैच में मुंबई ने मारी बाजी, देखें मैच हाइलाइट्स,अवार्ड्स की सभी डिटेल्स
Important Days in April 2025: अंबेडकर जंयती से लेकर राम नवमी तक, अप्रैल 2025 में रहेंगे ये दिन खास
West Bengal: दक्षिण 24 परगना के एक घर में गैस सिलेंडर फटने से बड़ा धमाका, 4 बच्चों समेत 7 की मौत
Optical Illusion: एक मिनट की बजाय ले लीजिए 1 घंटा, तस्वीर में कौन-कौन से जीव? बता दिए तो कहलाएंगे तीस मार खां
MI vs KKR: मुंबई के खिलाफ करारी हार के बाद बल्लेबाजों पर फूटा कप्तान रहाणे का गुस्सा, ऐसे लगाई क्लास
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited