पुरुषों में तेजी से बढ़ रहा ये खतरनाक कैंसर, सालों तक नहीं दिखते लक्षण, डॉक्टर से जानें कैसे करें साइलेंट बीमारी की पहचान
Early Signs Of Prostate Cancer In Hindi: पुरुषों को एक खतरनाक कैंसर लगातार अपना शिकार बना रहा है। भारत में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस कैंसर को डॉक्टर साइलेंट बीमारी कहते हैं, क्योंकि इसके लक्षण आमतौर पर तब तक नजर नहीं आते जब तक कि स्थिति गंभीर न हो जाए। डॉक्टर से जानें इसकी पहचान कैसे करें।
Early Signs Of Prostate Cancer In Hindi
Early Signs Of Prostate Cancer In Hindi: पुरुषों के स्वास्थ्य और कल्याण, साथ ही उनके स्वास्थ्य मुद्दों को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 19 नवंबर को विश्व पुरुष दिवस मनाया जाता है। आजकल पुरुषों में एक खतरनाक प्रकार का कैंसर काफी तेजी से फैल रहा है। इसे डॉक्टर साइलेंट किलर कहते हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि इस बीमारी के लक्षण आमतौर पर तब तक नजर नहीं आते हैं, जब तक कि स्थिति बहुत गंभीर नहीं हो जाती है। यह एक ऐसी बीमारी जो सालों तक बिना कोई खास लक्षण दिखाए शरीर में चुपचाप बढ़ती रहती है।
जब तक व्यक्ति को इसका पता चलता है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। यह पुरुषों में होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है। हर साल हजारों पुरुष इसकी चपेट में आते हैं और इसकी वजह से अपनी जान गंवाते हैं। पुरुषों में होने वाला ये खतरनाक कैंसर क्या है और समय रहते इसकी पहचान कैसे की जा सकती है, इसके बारे में जानने के लिए हमने डॉ. जेहान बी. धाभर से बात की, जो मुंबई के बीएनडी ओन्को सेंटर और जसलोक अस्पताल में कैंसर चिकित्सक हैं। यहां जानें इस खतरनाक बीमारी से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी..
पुरुषों में तेज से फैल रहा है ये खतनाक कैंसर
डॉ. जेहान बी. के अनुसार, आजकल पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। प्रोस्टेट कैंसर हर साल भारत में हजारों पुरुषों को प्रभावित करता है। ग्लोबोकॉन रिपोर्ट 2020 के अनुसार, प्रोस्टेट कैंसर दुनिया भर में पुरुषों को होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है। भारत में हर साल अनुमानित 33,000 से 42,000 नए मामले दर्ज किए जाते हैं। यह देश में कुल कैंसर मामलों का लगभग 3% है, जो एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता को दर्शाता है।
अंतरराष्ट्रीय कैंसर रिसर्च एजेंसी की मानें तो 2040 तक भारत में प्रोस्टेट कैंसर के नए मामलों की संख्या लगभग दोगुनी होकर सालाना 71,000 तक पहुंच सकती है। यह बीमारी की गंभीरता, तुरंत बचाव और इलाज के विकल्पों की आवश्यकता को दर्शाता है। हालांकि, शुरुआत में ही इसके कुछ साइलेंट लक्षणों को पहचानकर इससे बचाव संभव है। शुरुआत में ही पकड़ में आने पर इसका सफलतापूर्वक इलाज भी किया जा सकता है।
प्रोस्टेट कैंसर की शुरुआत में दिखते हैं ये लक्षण - Early Signs Of Prostate Cancer In Men In Hindi
1. बार-बार या अचानक पेशाब आना
प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआत में बार-बार पेशाब आने की समस्या देखने को मिलती है, खासकर रात के समय। यह लक्षण प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने (BPH) का संकेत भी हो सकता है। अचानक इस तरह की समस्या होने पर इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
2. पेशाब करने या रोकने में परेशानी
कैंसर की शुरुआत में व्यक्ति को रुक-रुक कर पेशाब आने की समस्या देखने को मिल सकती है। यह प्रोस्टेट में होने वाले बदलावों का संकेत हो सकता है।
3. पेशाब के दौरान दर्द या असुविधा
पुरुषों को पेशाब या इजेकुलेशन के दौरान जलन या दर्द का अनुभव हो सकता है। ये लक्षण अक्सर संक्रमण जैसी अन्य स्थितियों से भी हो सकते हैं, लेकिन यह प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याओं का संकेत भी हो सकते हैं।
4. पेशाब या वीर्य के साथ खून आना
पेशाब या वीर्य में खून आना भले ही कम देखने को मिलता हो, लेकिन यह एक गंभीर चेतावनी संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
5. निचली पीठ, कूल्हों या पेल्विस में लगातार दर्द
जैसे-जैसे प्रोस्टेट कैंसर बढ़ता है, यह आसपास के क्षेत्रों में फैल सकता है, जिससे निचली पीठ, कूल्हों या पेल्विस में लगातार दर्द या असुविधा हो सकती है। इसे नजरअंदाज न करें।
प्रोस्टेट कैंसर से बचाव कैसे करें - How To Prevent Prostate Cancer In Hindi
डॉ. जेहान सुझाव देते हैं कि प्रोस्टेट कैंसर से बचाव के लिए यह नियमित जांच बहुत जरूरी है। शुरुआती लक्षणों के प्रति जागरूकता जरूरी है, लेकिन नियमित जांच भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। प्रोस्टेट-स्पेसिफिक एंटीजन (पीएसए) टेस्ट एक सामान्य टेस्ट है, जो प्रोस्टेट कैंसर को शुरुआती चरण में पहचानने में मदद कर सकता है। भारत में पीएसए परीक्षण नियमित रूप से नहीं किया जाता, जिससे अक्सर देर से निदान होता है। खासतौर पर जिन पुरुषों के परिवार में इस बीमारी का इतिहास है या जो अन्य जोखिम कारकों से प्रभावित हैं, उनके लिए पीएसए परीक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है।
डॉक्टर क्या सलाह देते हैं
प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती लक्षणों के प्रति जागरूकता परिणामों को बेहतर बनाने के लिए बेहद जरूरी है। भारत में पुरुषों को पेशाब की आदतों में किसी भी बदलाव पर ध्यान देने, लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से सलाह लेने और उम्र बढ़ने के साथ नियमित जांच करवाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। शुरुआती पहचान से जीवित रहने की संभावना काफी बढ़ सकती है, जिससे इलाज के अधिक विकल्प और बेहतर जीवन मिल सकता है। भारत में, जहां प्रोस्टेट कैंसर के प्रति जागरूकता अभी भी कम है, शिक्षा और जांच तक पहुंच को बढ़ावा देने वाले सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयास इस बढ़ती स्वास्थ्य समस्या का सामना करने के लिए आवश्यक हैं।
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मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं। हेल्थ और फिटनेस जुड़े विषयों में मेरी खास दिलचस्पी है।...और देखें
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