Purple Day of Epilepsy 2023: मिर्गी के दौरे की ऐसे करें पुष्टि, देखें कारण और लक्षण क्या हैं
Purple Day of Epilepsy 2023: एपिलेप्सी यानी की मिर्गी का दौरा पड़ने की बीमारी, एक बहुत ही गंभीर मस्तिष्क का रोग है। मिर्गी में मरीज की दिमागी प्रक्रिया हिल जाती है, तथा पेशेंट समय समय पर अपनी चेतना खा बैठता है। इस लाइलाज बीमारी की पुष्टि करना बहुत मुश्किल होता है, इसलिए मिर्गी के इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें। देखें एपिलेप्सी के कारण और लक्षण
Purple Epilepsy day 2023
Purple Day of Epilepsy 2023: मिर्गी यानी की एपिलेप्सी (Epilepsy) एक ऐसी गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें व्यक्ति के दिमाग की हालत बहुत खराब हो जाती है। इस असंक्रामक लेकिन लाइलाज बीमारी से पीड़ित लोगों में असामान्य व्यवहार, अचेत हो जाना, बेहोश हो जाना, अनियंत्रित आंतरिक गतिविधियों की शिकायत आम होती है। मिर्गी की बीमारी किसी भी प्रकार की मानसिक कमजोरी नहीं के कारण नहीं होती है। इसके होने के पीछे सिर पर चोट लगना, ट्यूमर, एड्स समेत अन्य कारण शामिल होते हैं। बता दें कि मिर्गी एक ऐसी बीमारी है, जो हर उम्र के व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकती है तथा स्थिति बिगड़ने पर मिर्गी के दौरे से जान जाने का भी खतरा अत्यधिक रहता है।
मिर्गी को एक संक्रामक बीमारी मानने वाले लोगों को बता दें कि, ये दिमाग के तंतुओ से संबंधित एक ऐसी बीमारी है जो छूने से नहीं फैलती है। मिर्गी का दौरा पड़ने से दिमाग पर बार बार कोई बुरे प्रभाव नहीं पड़ते हैं। लेकिन कई मामलों में मिर्गी का दौरा पड़ने पर दिमागी हालत खराब होने की उम्मीद अत्यधिक रहती है। मिर्गी वैसे तो एक लाइलाज बीमारी है, लेकिन इसके असर को नियंत्रण में रखने के लिए मेडिटेशन, सर्जरी और दवा आदि शामिल है। हालांकि एक बार में मिर्गी के दौरे की पुष्टि नहीं का सकती है, लेकिन समय रहते इसे नियंत्रण में करना अनिवार्य है अथवा जान जोखिम में जा सकती है। मिर्गी का दौरा पहचानने के लिए इन लक्षणों के बारे में जागरुक होना जरूरी है, देखें मिर्गी के लक्षण और कारण -
कैसे होती है मिर्गी के दौरे की पुष्टि?मिर्गी का दौरा पड़ने पर मरीज अचानक से ही बेहोश हो जाता है, या फिर मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ने से किसी प्रकार का असामान्य व्यवहार करने लगता है। इस लाइलाज बीमारी का निदान और नियंत्रण करना कई स्थितियों में ट्रिकी हो सकता है। अब क्योंकि मिर्गी के दौरे बहुत ही अप्रत्याशित और बिना ठोस वजह से पड़ते हैं, तो ऐसे एपिलेप्सी के दौरे की पुष्टी करना कई मामलों में बहुत मुश्किल हो सकता है। मिर्गी के दौरे की पुष्टि एक बार में नहीं की जा सकती है। मेडिकल की भाषा में जब तक एक जैसा दौरा 2-3 बार से ज्यादा बार नहीं पड़ जाता है, तब तक स्थिति को मिर्गी का नाम नहीं दिया जा सकता है। यहां देखें मिर्गी के लक्षण क्या है, जिन्हें ध्यान में रखकर बीमारी का बहुत हद तक अंदाजा लगाया जा सकता है।
Symptoms of Epilepsy, मिर्गी के दौरे के लक्षण क्या हैं- बार बार अस्थायी रूप से बेहोश हो जाना
- चेहरे, गर्दन और हाथ कीमांसपेशियों में मरोड़ और झटके आना
- मेमोरी लॉस या ब्लैकआउट
- आवाज की गति धीमी हो जाना
- अस्थायी रूप से भ्रम की कोई स्थिति पैदा होना
- सोचने समझने की शक्ति कम हो जाना
- शरीर में झुनझुनी या सून्नपन महसूस करना
- बोलने में बहुत दिक्कत होना
- दिल की धड़कन और सांसो का बढ़ जाना
- भय, चिंता और अचानक गुस्से जैसा महसुस होना
- बोवेल और ब्लैडर का कंट्रोल खो देना
Causes of Epilepsy, क्यों पड़ता है मिर्गी का दौरामिर्गी के दौरे पड़ने के पीछे कई सारे कारण हो सकते हैं, यहां देखें मिर्गी का दौरा पड़ने के कुछ मुख्य कारण। जिन्हें नजरअंदाज करने या हल्के में लेने की स्थिति में दिमाग पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता है -
- जन्म से पहले या जन्म के बाद सिर में कोई घातक चोट लगना
- ब्रेन ट्यूमर या मस्तिष्क में कोई ट्यूमर होना
- एड्स
- मेनिन्जाइटिस
- अल्जाइमर्स की बीमारी
- शराब या अत्यधिक नशीली दवाओं का सेवन
- ब्रेन स्ट्रोक
- जन्म के वक्त बच्चे के दिमाग में ऑक्सीजन की कमी होना
- परिफेरल वैस्कुलर या आर्टरी डिजीज
- जन्म के वक्त पैदा हुआ कोई विकार या दिमाग संबंधित रोग
इन बातों का रखें ध्यान
मिर्गी का दौरे पड़ने के कई कारण होते हैं, लेकिन इस लाइलाज बीमारी को कुछ हद तक नियंत्रण में रखा जा सकता है। हालांकि स्थिति को हल्के में लेने से जान जा सकती है। मिर्गी के कारण और लक्षण के साथ साथ इन निम्न बातों का ध्यान रखना भी आवश्यक है, जो मिर्गी का खतरा बहुत हद तक बढ़ा सकते हैं।
- नशीली दवाओं का अत्यधिक सेवन और उससे होने वाले साइड इफेक्ट्स
- तनाव
- बुखार
- तेज रोशनी
- नींद की कमी
- अत्यधिक कैफीन का सेवन
- लंबे समय तक भोजन नहीं करना
- अधिक या जरूरत से कम खाना खाना
- ब्लड शुगर का कम होना
- विशिष्ट आहार का सेवन करना
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर ट्रेनी कॉपी राइटर कार्यरत हूं। मूल रूप से मध्य प्रदेश के उज्जैन की रहने वाली लड़की, जिसे कविताएं लिखना, महिलाओं से ज...और देखें
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