Saif Ali Khan की स्पाइन में हुआ गहरा घाव, जानें कितनी खतरनाक हो सकती है रीढ़ की हड्डी में लगी चोट

Saif Ali Khan Spine Injury: 15-16 जनवरी की रात एक्टर सैफ अली के घर में उन पर हमला हो गया, जिसमें उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट आई। सर्जरी के बाद उन्हें आईसीयू में रखा गया है, आइए इसी बहाने जानते हैं कि रीढ़ की हड्डी हमारे शरीर के लिए कितनी जरूरी होती है और ये रीढ़ पर लगी चोट कितनी खतरनाक हो सकती है।

how dangerous is spine injury

Spinal Injury In Hindi: मशहूर अभिनेता सैफ अली खान पर उनके बांद्रा के घर में 15 जनवरी की देर रात उन पर धारदार हथियार से हमला हुआ, जिसमें सैफ को कई चोटें आईं। सैफ को लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी सर्जरी हुई। अभी वो खतरे से बाहर हैं। लीलावती अस्पताल के डॉ. नितिन डांगे ने मीडिया को बताया कि सैफ अली खान को सुबह 2 बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रीढ़ की हड्डी में चाकू फंसने के कारण उनकी छाती से जुड़ी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आई थी। चाकू को निकालने और लीक हो रहे स्पाइनल फ्लूइड को ठीक करने के लिए सर्जरी की गई। प्लास्टिक सर्जरी टीम ने उनके बाएं हाथ पर दो और गर्दन पर एक और गहरे घाव का इलाज किया। उनकी हालत में सुधार हो रहा है और वे अब खतरे से बाहर हैं। डॉक्टर ने बताया कि सैफ के शरीर पर कुल 6 घाव थे, जिसमें से दो गहरे थे और एक रीढ़ की हड्डी के करीब था। आइए जानते हैं रीढ़ की हड्डी के बारे में और क्यों रीढ़ की चोट कितनी खतरनाक हो सकती है।

रीढ़ की हड्डी

रीढ़ की हड्डी पीठ के बीचों बीच कई हड्डियों का समूह होता है, जो गर्दन से शुरू होकर कमर तक जाती है। इन हड्डियों को वर्टिब्रे कहते हैं, जो कई लिगामेंट और मांसपेशियों से जुड़ी होती हैं। रीढ़ की हड्डी के बीच में एक लंबी नर्व टिश्यू की ट्यूब जैसी संरचना होती है, जो खोपड़ी और गर्दन से लेकर कमर के निचले हिस्से तक रहती है, इसे स्पाइनल कॉर्ड या मेरुरज्जु कहते हैं। ये यह केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र (Central Nervous System) का बहुत जरूरी हिस्सा है। ये दिमाग और शरीर के बाकी हिस्सों के बीच संदेश पहुंचाता है।

कितनी खतरनाक होती है रीढ़ के हड्डी की चोट

रीढ़ की हड्डी की चोट बहुत गंभीर हो सकती हैं, क्योंकि यह शरीर की केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (central nervous system) का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह दिमाग से शरीर के बाकी हिस्सों तक संदेश पहुंचाने और शरीर के पूरे नियंत्रण की जिम्मेदार होती है। रीढ़ की हड्डी की चोट का खतरा इसकी गंभीरता पर निर्भर करते हैं। अगर रीढ़ की हड्डी पूरी तरह चोटिल हो जाती है, तो शरीर का वह हिस्सा जो चोट के नीचे है, पैरालाइज हो सकता है। अगर रीढ़ की हड्डी की चोट कम हो, तो शरीर के प्रभावित अंगों में कुछ हद तक संवेदनशीलता और मोशन बना रह सकता है। स्पाइनल कॉर्ड के चोटिल होने से लकवा मार सकता है, सांस लेने के लिए वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ सकती है, चोट के नीचे के हिस्से की संवेदनशीलता खत्म हो सकती है।

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