Sawan 2023: क्या सावन के महीने में दूध पीना चाहिए ? जानिए आयुर्वेद के नियम
Foods And Drinks To Avoid During Shravan Maas: शास्त्रों में सावन के महीने को बहुत पवित्र माना गया है। यह महीना महादेव को समर्पित माना जाता है। लेकिन शास्त्रों में सावन माह के कुछ नियम भी बताए गए हैं। इनमें से कुछ नियम खान-पान को लेकर बताए गए हैं। आइए जानते हैं इसके पीछे का धार्मिक और वैज्ञानिक कारण।
सावन में दूध का सेवन क्यों नहीं करना चाहिए? (Image: Canva)
Sawan 2023: श्रावण मास यानी सावन माह की शुरुआत होते ही सड़कों पर 'बोल बम' के नारे लगने शुरू हो जाते हैं। इस महीने को बेहतर पवत्र माह माना जाता है इसलिए इस मास में कई चीजों को खाने से मना किया जाता है। अधिकतर इस महीने मांसाहार यानि की नॉनवेज को खाने से बचते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्रावण मास कुछ फूड्स के खाने पर मनाही होती है। बता दें कि मांसाहार के अलावा हरी सब्जियां, बैंगन आदि खाना और यहां तक कि दूध पीना भी वर्जित है। लेकिन क्यों? आइए आज हम इसी बारे में बात करते हैं और समझते हैं कि इस महीने में दूध का सेवन करना क्यों वर्जित है।
धार्मिक मान्यता है कि महादेव को दूध बहुत प्रिय है और पूरे सावन महीने में उनका अभिषेक किया जाता है, इसलिए सावन के महीने में दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं साग न खाने के बारे में कहा जाता है कि महादेव को प्रकृति बहुत प्रिय है, सावन का महीना बारिश का महीना होता है और इस महीने में प्रकृति बेहद खूबसूरत दिखती है। ऐसे में पेड़-पौधों को कोई नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। साग भी पौधों का ही रूप है, इसलिए पूरे मानसून में इन्हें न खाने की सलाह दी जाती है।
सावन में क्यों नहीं खाना चाहिए साग ?
दूध न पीने का कारण साग यानि हरी सब्जियों से जुड़ा हुआ है। पहले हम जानेंगे साग क्यों नहीं खाना चाहिए ? साग न खाने के पीछे का वैज्ञानिक कारण देखें तो सावन के महीने में खूब बारिश होती है। बारिश के मौसम में हमारा पाचन तंत्र बेहद ख़राबहोता है। ऐसे में बरसात के दिनों कीड़े-मौकोड़ों की संख्या में इजाफा होता है और खेत में फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके साथ ही कई खरपतवार भी उगे हुए होते हैं जो साग के बीच में कटकर आ जाते हैं। इसलिए जब हम बारिश में साग का सेवन कर करते हैं तो कुछ हानिकारक चीजें भी पेट में चली जाती हैं और पेट के पाचन तंत्र में गड़बड़ी के कारण वे चीजें ठीक से पच नहीं पाती हैं और हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं। वहीं आयुर्वेद के अनुसार सावन में साग का सेवन शरीर में पित्त की मात्रा बढ़ाने वाला बताया गया है। ऐसे में पित्त संबंधी रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। इसीलिए कहा गया है कि पूरे सावन भर साग-सब्जियां नहीं खानी चाहिए।
सावन में क्यों नहीं पीना चाहिए दूध ?
दूध पीने से मना करने के पीछे का कारण यह है कि सावन के महीने में गाय, भैंस या अन्य मवेशियों को जो चारा या घास खिलाया जाता है उसमें हरी पत्तियां भी शामिल होती हैं। ऐसे में मवेशी उस चारे के साथ-साथ बरसात के मौसम में पनपने वाले हानिकारक तत्वों को भी खा लेते हैं। इनके दूध के जरिए वो हानिकारक तत्व हमारे पेट में भी पहुंच जाते हैं और हमें नुकसान पहुंचाते हैं। वहीं आयुर्वेद के अनुसार दूध को भारी प्रकृति का माना जाता है।
बारिश के दौरान पाचन तंत्र पहले से ही कमजोर होता है, ऐसे में वह भारी प्रकृति के दूध को पचा नहीं पाता है। इससे कई तरह की परेशानियां होने की आशंका रहती है। यही कारण है कि सावन में दूध न पीने की सलाह दी जाती है। हालांकि दूध को अच्छे से उबालने के बाद उसका दही बनाकर खाया जा सकता है। लेकिन कुछ लोग इससे भी परहेज करते हैं।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | हेल्थ (health News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
End of Article
टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना च...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited