Sawan 2024: सावन शुरू होने से पहले बदल लें ये आदतें, आयुर्वेद के अनुसार ऐसा होना चाहिए लाइफस्टाइल- जानें क्या करें और क्या नहीं

Ayurvedic Lifestyle To Incorporate During: आयुर्वेद हमेशा यह सुझाव देता है कि हमें अपनी जीवनशैली मौसम के अनुसार बदल लेनी चाहिए। यह हमें सेहतमंद रखने और गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद करता है। सावन के महीने में भी आपको कैसी जीवनशैली फॉलो करनी चाहिए, यहां जानें क्या सलाह देता है आयुर्वेद।

Ayurvedic Lifestyle To Incorporate During Monsoon

Ayurvedic Lifestyle To Incorporate During Monsoon: सावन का महीना शुरू होने वाला है। हिन्दुओं के लिए यह यह महीना बहुत खास मायने रखता है। इस महीने का अध्यात्मिक महत्व भी बहुत अधिक है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है। हिन्दु मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव का प्रसन्न करने के लिए यह सबसे उत्तम समय माना जाता है। इस पूरे महीने लोग सात्विक भोजन करते हैं और अंडा, मांस, मछली आदि से परहेज करते हैं। लेकिन इस दौरान स्वस्थ रहना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। सावन के महीने में सेहतमंद रहने के लिए हमें अपनी जीवनशैली को मौसम के अनुसार बदलना बहुत जरूरी है। अगर आप सामान्य जीवनशैली फॉलो करते हैं, तो यह आपको बीमार बना सकता है।

आयुर्वेद क्यों देता है जीवनशैली बदलने की सलाह

हेल्थ इन्फ्लूएंसर और आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. दीक्षा भावसार की मानें तो आयुर्वेद के अनुसार, जब सावन शुरू होता है, तो शरीर की ऊर्जा कम और पाचन क्रिया मंद होती है। गर्मियों के दौरान पृथ्वी पर जो गर्मी एकत्रित होती है वह मानसून में सूर्य के अस्त होने पर निकल जाती है और बारिश के रूप में बरसती है। यह एक ऐसा मौसम है जिसमें शरीर के सभी दोष (वात-पित्त-कफ) असंतुलित हो जाते हैं। इसकी वजह से हमारी पाचन अग्नि और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बहुत कमजोर होती है। ऐसे में लोगों के पाचन संबंधी समस्याओं का सामना अधिक करना पड़ता है। इसलिए ऐसी जीवनशैली फॉलो करनी चाहिए, जिससे शरीर के दोषों को बैलेंस करने में मदद मिल सके।

सावन में स्वस्थ रहने के लिए ऐसी जीवनशैली करें फॉलो

  • हल्का भोजन करें। आपका भोजन ताजा होना चाहिए।
  • पुराने अनाज, जौ, चावल और गेहूं आदि से बना भोजन करें।
  • गर्म और ताजा पका हुआ भोजन ही करें। कोशिश करें कि इस दौरान कच्ची सब्जियां या सलाह खाने से परहेज करें।
  • उबले हुए पानी में सोंठ मिलाकर पिएं। या फिर हर्बल चाय का सेवन करें।
  • दही या आइसक्रीम खाने से परहेज करें। इनसे फ्लू और बुखार का खतरा बढ़ता है।
  • पेट पर अत्यधिक दबाव से बचने के लिए फास्टिंग करें। दिन में 1 बार ही भोजनA करना सबसे अच्छा है।
  • ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन न करें। पानी भी सिर्फ पर्याप्त मात्रा में पिएं। अधिक तरल पदार्श मेटाबॉलिज्म को धीमा बनाते हैं।
  • खट्टे, नमकीन और मीठे स्वाद वाले भोजन का सेवन करें।
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