सावन में दही से किया जाता है भोलेनाथ का अभिषेक, मगर सेहत के लिए मानी जाती है नुकसानदेह - जानें क्यों Sawan में करते हैं दही से परहेज
Why Should Avoid Eating Curd In Sawan In Hindi: सावन में आपने देखा होगा कि लोग भगवान शिव का दही से अभिषेक तो करते हैं, लेकिन सावन में इसके सेवन से बचते हैं। साथ ही, हेल्थ एक्सपर्ट भी ऐसा करने से बचने के लिए सलाह देते हैं। बहुत से लोग अक्सर पूछते हैं कि ऐसा क्यों है? यहां जानें सावन में क्यों न खाएं दही
Why Should Avoid Eating Curd In Sawan
Why Should Avoid Eating Curd In Sawan In Hindi: सावन में लोग मंदिर जाकर रोज भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही, शिवलिंग पर दूध और दही आदि से अभिषेक करते हैं। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, सावन में नियमित ऐसा करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मंगलकामनाएं पूर्ण करते हैं। लेकिन अक्सर हम देखते हैं कि सावन में लोग दही से भगवान शिव का अभिषेक तो करते हैं, लेकिन इस माह में दही के सेवन से परहेज करते हैं। साथ ही, आयुर्वेद में भी सावन के महीने में दही से परहेज करने की सलाह दी जाती है। लेकिन क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सावन में दही का सेवन सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। इसका सेवन करने से सेहत को कई नुकसान हो सकते हैं। इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं...
सावन में क्यों नहीं खानी चाहिए दही - Why Should Avoid Eating Curd In Sawan In Hindi
असल में सावन के मौसम में लगातार बरसात होती है। ऐसे में मौसम में दूध और इससे बनी चीजों को खाने से परहेज इसलिए किया जाता है, क्योंकि इस दौरान में हानिकारक बैक्टीरिया पैदा होते हैं। दही में पहले से गुड बैक्टीरिया होते हैं, जो आंतों के लिए अच्छे होते हैं। लेकिन बरसात के मौसम में वातावरण में पहले से हानिकारक बैक्टीरिया मौजूद होते हैं। बरसात में दही में बैक्टीरिया अधिक बढ़ सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, अगर आप इस मौसम में दही का सेवन करते हैं, तो इससे शरीर में त्रिदोष (वात, पित्त और कफ) का संतुलन बिगड़ सकता है, जिसकी वजह से कई स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिल सकती हैं जैसे,
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- कमजोर इम्यूनिटी
- पाचन शक्ति कमजोर होना
- पाचन संबंधी समस्याएं
- गले में खराश
- गले में दर्द
- त्वचा में एलर्जी की समस्या
- सर्दी-जुकाम
- खांसी और बलगम
- बुखार आदि।
फिर भी दही खाते हैं तो इस बात रखें ध्यान
अगर आपका फिर भी दही खाने का मन करता है और इसका सेवन करना चाहते हैं, तो दही में थोड़ा पानी मिलाकर खाएं, जिससे कि दही थोड़ी पतली हो जाए। इसके अलावा, अधिक मात्रा में दही का सेवन करने से बचें। सुबह या रात में देर से भी सेवन करने से बचें। दिन के समय दही का सेवन करें।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं। हेल्थ और फिटनेस जुड़े विषयों में मेरी खास दिलचस्पी है।...और देखें
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