वैज्ञानिकों ने पाया, कोविड-19 के साथ दिल के दौरे के मरीजों में ज्यादा थक्का जमता है

एनएसीएमआई के पिछले शोध से पता चला है कि कोविड-19 और दिल का दौरा पड़ने वाले रोगियों में मृत्यु दर 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। प्रेयरी वैस्कुलर रिसर्च इंक के सह-निदेशक और कनाडा के सस्केचेवान विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर पायम देहघानी ने कहा, कोविड-19 थक्का बनाने वाली बीमारी है और अब हम कोरोनरी धमनियों में इसका प्रभाव देखते हैं।

कोविड-19 के साथ दिल के दौरे के मरीजों में ज्यादा थक्का जमता है (Source:istock)

शोधकर्ताओं ने पाया है कि कोविड-19 से पीड़ित दिल की बीमारी के मरीज की धमनियों में काफी मात्रा में थक्के जम जाते हैं। द नॉर्थ अमेरिकन कोविड-19 के विश्लेषण के अनुसार, 30 प्रतिशत के करीब मरीजों में कई धमनियों में थक्के देखे गए, दिल के दौरे वाले पांच प्रतिशत से कम रोगियों में एक घटना देखी गई, जिन्हें कोविड-19 नहीं है। एसटी-एलिवेटेड मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन या एसटीईएमआई प्रकार का दिल का दौरा कोरोनरी धमनी में अचानक ब्लॉकेज के कारण होता है।

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एनएसीएमआई के पिछले शोध से पता चला है कि कोविड-19 और दिल का दौरा पड़ने वाले रोगियों में मृत्यु दर 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। प्रेयरी वैस्कुलर रिसर्च इंक के सह-निदेशक और कनाडा के सस्केचेवान विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर पायम देहघानी ने कहा, कोविड-19 थक्का बनाने वाली बीमारी है और अब हम कोरोनरी धमनियों में इसका प्रभाव देखते हैं।

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देहघानी ने कहा, ये नई खोज रक्त को पतला करने की रणनीति, शुरूआती हस्तक्षेप और फॉलोअप कार्रवाई की जरूरत की ओर इशारा करती है। अध्ययन के लिए, 17 जगहों (12 यूएस, 5 कनाडा) के 234 रोगियों के एंजियोग्राम का विश्लेषण किया गया।

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