सिद्धू मूसेवाला के घर गूंजेगी किलकारियां, IVF से मां देंगी बच्चे को जन्म, जानें ट्रीटमेंट का क्या है प्रोसेस?
Sidhu Moose wala Mother Pregnant: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की मां प्रेग्नेंट हैं। चरणकौर सिंह जल्द ही IVF तकनीक की मदद से बच्चे को जन्म देने वाली हैं। आइये जानते हैं IVF के बारे में डिटेल से।
Sidhu Moose wala's Mother Charan Kaur Pregnancy Through IVF: दिवंगत पंजाबी सिंगर और रैपर सिद्धू मूसेवाला के घर जल्द ही किलकारियां गूंजने वाली हैं। सिंगर की मां चरणकौर सिंह गर्भवती हैं और वो IVF टेक्निक के जरिए मार्च में बच्चे को जन्म देंगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बात की पुष्टि सिंगर के चाचा चमकौर सिंह ने की है। हालांकि, पिता बलकौर सिंह ने अभीतक इस खबर पर कुछ रिएक्ट नहीं किया है। बता दें कि सिद्धू मूसेवाला अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे और साल 2022 में उनकी हत्या हो गई थी। अब उनके पेरेंट्स IVF की मदद से जल्द ही फिर से मां-पिता बनेंगे। ये खबर सुनने के बाद सिंगर के फैंस के बीच खुशी की लहर देखने को मिल रही है। फैंस सिंगर के भाई/बहन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में आज हम जानते हैं कि आखिर आईवीएफ तकनीक क्या है, इसे कौन करवा सकता है, इसमें कितने पैसे लगते हैं और भी बहुत कुछ डिटेल में।
आईवीएफ क्या है?आईवीएफ (IVF) का मतलब होता है इन विट्रो फर्टिलाइजेशन। इस प्रोसेस से संतान की चाह रखने वाले कई कपल की इच्छा पूरी होती है। इसे टेस्ट ट्यूब बेबी (Test Tube Baby) नाम से भी जाना जाता है। जब शरीर अंडों को निषेचित करने में विफल रहता है, तो उन्हें लैब में आर्टिफिशियल रुप से निषेचित किया जाता है, इसी टेक्निक को आईवीएफ कहा जाता है। जब अंडे निषेचित हो जाते हैं, तो भ्रूण को मां के गर्भाशय यानी यूट्रस में ट्रांसफर कर दिया जाता है। आईवीएफ में महिला के अंडों और पुरूष के शुक्राणुओं के साथ मिलाया जाता है। यह प्रक्रिया तब तक पूरी नहीं होती है जब तक की अंडो का निषेचन नहीं हो जाता। हालांकि, आईवीएफ एक जटिल और महंगी प्रक्रिया है। इसका प्रोसेस कई चरणों में पूरा होता है।
कैसे होता है आईवीएफ?आईवीएफ ट्रीटमेंट शुरू करने से लेकर प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉजिटिव आने तक में 5-6 सप्ताह तक का समय लग जाता है। इस प्रोसेस में महिला को हार्मोन इंजेक्शन दिए जाते हैं, ताकि ऑव्यूलेशन की प्रक्रिया में महिला के ज्यादा और अच्छी क्वॉलिटी के एग का उत्पादन कर सकें। इसके बाद इसमें पुरुषों के अच्छी क्वॉलिटी के स्पर्म से महिला के एग को मिलाया जाता है। फिर इसे महिला के यूट्रस में ट्रांसफर कर दिया दिया जाता है। बता दें कि आईवीएफ प्रोसेस प्रेग्नेंसी टेस्ट पॉजिटिव आने तक सफल नहीं माना जाता है। इतना ही नहीं, कंसिव करने के बाद भी प्रेग्नेंट महिला को अपने स्वास्थ का पूरा ध्यान रखना होता है।
कितना होता है आईवीएफ का खर्च?आईवीएफ प्रोसेस का खर्चा 1.5 लाख से 2 लाख रुपए तक होता है कभी-कभी यह खर्चा बढ़कर 5 लाख या उससे ज्यादा भी जा सकता है। अगर आईवीएफ का एक अटैम्प फेल हो जाता है, तो दूसरे अटैम्प के लिए फिर से उतना ही खर्चा आता है।
किन स्थितियों में कराया जाता है आईवीएफ?1) अगर किसी महिला की फैलोपियन ट्यूब्स पूरी तरह से ब्लॉक हैं, तब वो आईवीएफ का सहारा ले सकती हैं।
2) अगर पुरुष में शुक्राणुओं की कमी है तब कपल आईवीएफ तकनीक की मदद लेते हैं।
3) महिला में पीसीओडी (PCOD) की वजह से ओव्यूलेयशन में समस्या हो रही हो, तब ये तकनीक काम आती है।
4) 40 या 40 की उम्र के बाद प्रेग्नेंसी प्लान करने वाले कपल भी आईवीएफ तकनीक का सहारा लेते हैं।
5) एंडोमेट्रियोसिस या अन्य फर्टिलिटी ट्रीटमेंट विफल होने जैसी स्थितियों में IVF कारगर साबित हो सकता है।
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