सोशल मीडिया की लत उड़ा रही लोगों की नींद, देर रात मोबाइल यूज करने वाले ज्यादातर लोग नींद की कमी का शिकार, स्टडी में हुआ खुलासा

Social Media Addiction Is Destroying People's Sleep: सोशल मीडिया का अधिक उपयोग नींद से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है। यह आपकी नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करके मानसिक रूप से बीमार बनी सकती है। एक नए अध्ययन में सोशल मीडिया और नींद पर इसके प्रभाव को लेकर चौंका देने वाला खुलासा हुआ है। यहां जानें इसके बारे में...

Social Media Addiction Is Destroying People's Sleep

Social Media Addiction Is Destroying People's Sleep: आजकल लोगों में चिंता, तनाव और डिप्रेशन जैसी मानसिक स्थितियां काफी देखने को मिलती हैं। इसका एक बड़ा कारण लोगों में नींद की कमी है। आजकल लोग अपना ज्यादातर समय मोबाइल पर सोशल मीडिया स्क्रोल करते हुए बिताते हैं। वे दिन भर मोबाइल फोन से चिपके रहते हैं। सिर्फ दिन में ही नहीं, रात में भी वे मोबाइल चलाते रहते हैं। आपको बता दें कि अब एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि जो लोग लोग मोबाइल में सोशल मीडिया यूज करते हुए अधिक समय बिताते हैं, खासकर रात के समय, ऐसे लोगों में नींद की कमी अधिक देखने को मिलती है। यह आदत लोगों की नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। इसका उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। यह अध्ययन जर्नल ऑफ एडोलिसेंट हेल्थ में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन में क्या कुछ पाया गया है।

मोबाइल यूज करने से नींद कैसे प्रभावित होती है

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन फ्रांसिस्को में बाल चिकित्सा के एसोसिएट प्रोफेसर और अध्ययन के मुख्य लेखक जेसन नागाटा बताते हैं कि हमारे में यह पता चला है कि अगर व्यक्ति साइलेंट मोड में भी फोन के नोटिफिकेशन चालू रखता है, तो उनमें ऐसे लोगों की तुलना में नींद की कमी देखने को मिलती है, जो फोन को पूरी तरह से बंद या बेडरूम के बाहर रखते हैं। अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने 11-12 आयु वर्ग के 9,398 किशोरों के डेटा का विश्लेषण किया।

किशोरों और उनके माता-पिता से उनके बच्चों की नींद और आदतों को लेकर सवाल पूछे गए। साथ ही, युवाओं से सोते समय उनकी स्क्रीन और सोशल मीडिया के उपयोग के बारे में पूछा गया। एक चौथाई बच्चों में नींद से जुड़ी समस्या का पता चला। 16.2% के साथ यह देखने को मिला कि उन्होंने पिछले सप्ताह में कम से कम एक बार सोते समय फोन कॉल, टेक्स्ट संदेश या ईमेल से उनकी नींद खुल गई। सिर्फ इतना ही नहीं, 19.3% लोगों ने इसकी जानकारी दी कि वे रात में जागते हुए मोबाइल फोन या अन्य किसी डिवाइस का यूज करते हैं।

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