...तो इस वजह से बच्चों में बढ़ रहा डिप्रेशन का खतरा, सोशल मीडिया नहीं है कारण, नए शोध में खुलासा

एक शोध से यह बात सामने आई है कि इंस्टाग्राम, यूट्यूब और फेसबुक (NASDAQ:META) के बढ़ते उपयोग से 10-16 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों में चिंता और अवसाद के लक्षण नहीं हो सकते हैं। नॉर्वेजियन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एनटीएनयू) के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर सिल्जे स्टीन्सबेक ने कहा कि बहुत से लोग ऐसा मानते हैं कि सोशल मीडिया के उपयोग से चिंता और अवसाद का प्रचलन बढ़ गया है।

depression in children

एक शोध से यह बात सामने आई है कि इंस्टाग्राम, यूट्यूब और फेसबुक (NASDAQ:META) के बढ़ते उपयोग से 10-16 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों में चिंता और अवसाद के लक्षण नहीं हो सकते हैं। नॉर्वेजियन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एनटीएनयू) के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर सिल्जे स्टीन्सबेक ने कहा कि बहुत से लोग ऐसा मानते हैं कि सोशल मीडिया के उपयोग से चिंता और अवसाद का प्रचलन बढ़ गया है।

उन्‍होंने कहा कि अगर हम जर्नल कम्प्यूटर्स इन ह्यूमन बिहेवियर में प्रकाशित अध्ययन के नतीजों पर विश्वास करें तो ऐसा नहीं है। स्टीन्सबेक ने कहा, "युवा लोगों द्वारा सोशल मीडिया का उपयोग एक ऐसा विषय है जो अक्सर मजबूत भावनाएं पैदा करता है, मगर माता-पिता और पेशेवरों दोनों के बीच इसे लेकर काफी चिंता है।"

अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने सोशल मीडिया के उपयोग और मानसिक बीमारी के लक्षणों के विकास के बीच संबंध खोजने के लिए नॉर्वे के एक शहर ट्रॉनहैम में छह साल की अवधि में 800 बच्चों पर शोध किया। उन्होंने 10 साल के बच्चों का हर दूसरे साल डेटा इकट्ठा किया, जब तक वह 16 साल के नहीं हो गए।बच्चों और उनके माता-पिता दोनों के साथ साक्षात्कार के माध्यम से चिंता और अवसाद के लक्षणों की पहचान की गई।

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