Spinal Muscular Atrophy Disease: खतरनाक है ये बीमारी..इलाज में लगते हैं करोड़ो, जानें इसके लक्षण व इलाज
Spinal Muscular Atrophy Treatment, Symptoms, Injection: स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी सबसे भयावह बीमारियों में से एक है। यह नवजात शिशुओं को अपने चपेट में लेती है। इस बीमारी के चपेट में आने के बाद स्पाइनल कॉर्ड कमजोर होने लगता है, बच्चा एक के बाद एक गंभीर बीमारियों के चपेट में आ जाता है। यदि सही समय पर इका इलाज न करवाया जाए तो बच्चा अपनी जान भी गंवा सकता है। यहां जानें क्या है ये बीमारी। इसके कारण, लक्षण और इलाज।
क्या है स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी, जानें इसके लक्षण, कारण और इलाज
Spinal Muscular Atrophy Treatment, Symptoms, Injection: स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) यह एक जेनेटिक बीमारी है। इससे सीने की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं और व्यक्ति को सांस लेने में समस्या आती है। यदि सही समय पर इसका इलाज न करवाया जाए तो व्यक्ति को अपनी जान गंवानी पड़ सकती है। इस बीमारी का इलाज करवाना भी एक आम आदमी के लिए इतना आसान (Spinal Muscular Atrophy Treatment) नहीं है। इस वायरस के चपेट में आने से बच्चे की मांसपेशियां कमजोर होत जाती हैं, वो बिना सहारे के बैठ या खड़े नहीं हो पाते। साथ ही खाना निगलने में भी परेशानी होती है। बता दें इस बीमारी के चपेट में आने के बाद स्पाइनल कॉर्ड काम करना बंद कर देता है, जिससे मांसपेशियां सूखने लगती हैं और बच्चा एक के बाद एक भयावह बीमारी से ग्रस्त होता चला जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट की मानें तो ब्रिटेन में 60 में से एक बच्चा इस भयावह बीमारी से (Spinal Muscular Atrophy Symptoms)संक्रमित है। ये बीमारी अधिकतर नवजात शिशुओं में देखने को मिलती है। इस बीमारी का इलाज भी बहुत दुर्लभ होता है इसके लिए इंजेक्शन बाहर से इंपोर्ट करवाना पड़ता है। ऐसे में इस लेख के माध्यम से आइए जानते हैं क्या है स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी और कौन सा स्टेज होता है खतरनाक।
क्या है स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी, Spinal Muscular Atrophy
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक वंशानुगत बीमारी है जिसमें बच्चें की मशपेशिया कमजोर होती हैं। वह अच्छे से चल नहीं पाता। साथ ही सांस लेने में भी कठिनाई होती है । यह बीमारी अधिकतर नवजात शिशु या एक से तीन वर्ष के बच्चों में पाई जाती है । यजि सही समय पर इसका इलाज न करवाया जाए तो शिशु अपनी जान भी गंवा सकता है। इस बीमारी के लिए बहुत महंगे इंजेक्शन लगते हैं, जिससे उम्र 20 हफ्तों तक बढ़ाई जा सकती है।
क्या हैं इस बीमारी के लक्षण, Spinal Muscular Atrophy Symptoms
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से ग्रस्त बच्चे की मांसपेशियां दिन प्रतिदिन कमजोर होती चली जाती हैं। बच्चों के शरीर में पानी की कमी होने लगती है और सांस लेने में दिक्कत आती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे बच्चों को स्तनपान करने में भी परेशानी होती है। साथ ही उन्हें बिना सहारे के उठने बैठने में भी परेशानी होती है। स्पाइनल मस्कुल एट्रोफी तीन टाइप का होता है, जिसमें टाइप 1 सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है।
Spinal Muscular Atrophy Type 1, स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप 1
यह सबसे गंभीर स्टेज है, इसमें मुंह व गले की मांसपेशियां नियंत्रण करने वाली तंत्रिकाओं पर प्रभाव पड़ता है। इस स्टेज का शिशु के जन्म के 6 महीने के भीतर पता चल जाता है। आमतौर पर ये बच्चे दो साल तक ही जीवित रहते हैं।
Spinal Muscular Atrophy Type 2, स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप 2
इसके लक्षण बच्चों में 7 से 18 माह के बाद देखने को मिलते हैं। इस स्टेज में बच्चा बिना सहायता के खड़ा नहीं हो पाता और न ही चल पाता है। उसकी मांसपेशियां बिल्कुल कमजोर होती चली जाती हैं।
Spinal Muscular Atrophy Type 3, स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप 3
टाइप 3 टाइप 1 और टाइप 2 से कम खतरनाक होता है। इस संक्रमित बच्चों के पैर ज्यादा प्रभावित होते हैं, बच्चे खुद से खड़े नहीं हो पाते।
क्या है इसका इलाज, Spinal Muscular Atrophy Treatment
बता दें अभी इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन मेडिकल साइंस की वजह से इस बीमारी से होने वाली परेशानियों को कम किया जा सकता है। टीकाकरण करवा कर बच्चे को बीमारी से बचाया जा सकता है। जिससे बच्चे को एक अच्छा जीवन मिल सकता है इस बीमारी के उपचार की खोज के लिए दुनिया भर में वैज्ञानिक अभी प्रयास कर रहे हैं।
क्या इस बीमारी का पता गर्भ से चल सकता है ?
अगर परिवार में कोई बच्चा पहले से ही इस बीमारी से ग्रस्त है तो इसका पता गर्भ में लगाना आसान होता है। यही कारण है कि गर्भ में पल रहे बच्चों का लगातार चेकअप किया जाता है।
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