सनस्क्रीन लगाना फायदेमंद है या नुकसानदेह, रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, 90% लोग नहीं जानते ये बात
Sunscreen Is Good Or Bad For Skin: आजकल सनस्क्रीन के इस्तेमाल को लोगों के बीच भ्रांतियां काफी बढ़ रही हैं। कुछ लोग इसे त्वचा के लिए लाभकारी बताते हैं, तो वहीं आजकल सनस्क्रीन की वजह से होने वाले नुकसान को लेकर भी काफी चर्चा देखने को मिल रही है। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर सनस्क्रीन लगाना फायदेमंद है या नुकसानदायक। यहां जानें आखिर इसको लेकर रिसर्च क्या कहती है...

Sunscreen Is Good Or Bad For Skin
Sunscreen Is Good Or Bad For Skin: गर्मी आते ही सबसे ज्यादा चिंता होती है - “चेहरे का क्या करें?” धूप में निकलने से टैनिंग, झाइयां और स्किन बर्न जैसी परेशानियां होती हैं। ऐसे में ज्यादातर लोग सनस्क्रीन का नाम तो जानते हैं, लेकिन क्या वाकई ये फायदेमंद है या नुकसानदेह? क्या इसे रोज़ लगाना सही है? और SPF 15 लगाएं या 50?
एक नई रिसर्च ने लोगों की इस उलझन को लेकर कई जरूरी बातें सामने रखी हैं। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के अनुसार, सूरज की अल्ट्रावायलेट (UV) किरणें हमारी त्वचा को अंदर तक नुकसान पहुंचा सकती हैं। लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि 90% लोग अब भी सनस्क्रीन के सही इस्तेमाल और उसके फायदे नहीं जानते। आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि सनस्क्रीन के बारे में रिसर्च क्या कहती है और हमें क्या करना चाहिए।
धूप से स्किन को असली खतरा क्या है?
कई बार हमें लगता है कि हल्की धूप से कुछ नहीं होगा, लेकिन असल में UV किरणें बिना धूप के तेज़ दिखे भी स्किन को नुकसान पहुंचा सकती हैं। रिसर्च के मुताबिक, ये किरणें स्किन की कोशिकाओं के DNA और प्रोटीन को तोड़ देती हैं। इससे स्किन एजिंग तो तेज होती ही है, साथ ही स्किन कैंसर का भी खतरा बढ़ता है।
SPF का मतलब क्या होता है और क्यों जरूरी है?
सनस्क्रीन में मौजूद SPF यानी सन प्रोटेक्शन फैक्टर, स्किन को UV किरणों से बचाने का काम करता है। जितना ज़्यादा SPF, उतना अच्छा प्रोटेक्शन। अगर आप सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच बाहर जाते हैं, तो कम से कम SPF 30 वाला सनस्क्रीन ज़रूर लगाएं। यह स्किन पर एक ढाल की तरह काम करता है।
कब और कैसे लगाएं सनस्क्रीन?
अक्सर लोग घर से निकलते वक़्त जल्दी में सनस्क्रीन लगा लेते हैं, लेकिन यह तरीका सही नहीं है। इसे घर से निकलने के 20-30 मिनट पहले लगाना चाहिए ताकि ये त्वचा में अच्छे से समा जाए। अगर आप ज़्यादा पसीना करते हैं, या स्वीमिंग जैसी एक्टिविटी में रहते हैं तो हर 2 घंटे में दोबारा लगाएं।
हर स्किन टाइप के लिए एक जैसा नहीं होता सनस्क्रीन
हर किसी की स्किन एक जैसी नहीं होती। जिनकी स्किन सेंसिटिव होती है, उनके लिए मिनरल बेस्ड सनस्क्रीन जैसे जिंक ऑक्साइड या टाइटेनियम डाइऑक्साइड वाले प्रोडक्ट बेहतर होते हैं। जबकि केमिकल बेस्ड सनस्क्रीन कुछ लोगों की स्किन पर जलन कर सकते हैं। इसलिए अपनी स्किन के अनुसार सनस्क्रीन चुनें।
कुछ आम गलतफहमियां
बहुत से लोग सोचते हैं कि बादल होने पर सनस्क्रीन की जरूरत नहीं या घर में रहने पर इसे छोड़ सकते हैं। जबकि UV किरणें बादलों के पार भी स्किन तक पहुंचती हैं। दूसरी भ्रांति ये है कि सनस्क्रीन लगाने से शरीर में विटामिन D कम बनता है। रिसर्च बताती है कि आम तौर पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ता।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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