सर्जरी के बाद इन्फेक्शन के मामले में कई देशों से आगे निकला भारत, हर साल लाखों लोग हो रहे पीड़ित, ICMR ने किया खुलासा
Surgical Infection Rate higher in India than Many Countries: हाल ही में प्रकाशित भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की एक रिपोर्ट के हिसाब से देश में सर्जरी के बाद होने वाले इंफेक्शन का करीब 15 लाख लोग शिकार बनते हैं। आइए जानते हैं इस रिपोर्ट के बारे में, ये भी समझेंगे कि सर्जिकल साइट इन्फेक्शन क्या होता है और इसका इलाज कैसे होता है।
lakhs of indian suffer surgical site infection
सर्जिकल साइट इन्फेक्शन (SSI) यानी ऑपरेशन की जगह पर इंफेक्शन हो जाना देश में एक आम समस्या है। इस बात का खुलासा ICMR की एक रिपोर्ट से हुआ है। भारत में सर्जरी के बाद इंफेक्शन हो जाने की दर 5.2 प्रतिशत है, जो कई उच्च आय वाले देशों से ज्यादा है। हर साल इस इंफेक्शन से करीब 15 लाख भारतीय पीड़ित होते हैं। इससे निपटने के लिए ICMR ने सर्जिकल साइट इन्फेक्शन की निगरानी के लिए एक नेटवर्क शुरू किया है। जिसका मकसद देश भर के डॉक्टरों को इंफेक्शन कम करने के लिए कुछ कदम उठाना है। आइए जानते हैं इस रिपोर्ट के बारे में।
क्या कहती है ICMR की रिपोर्ट
ICMR की सर्जिकल साइट इंफेक्शन पर छपी रिपोर्ट कहती है कि आर्थोपेडिक सर्जरी के केसेस में ये बात देखी गई है कि सर्जरी के बाद ऑपरेशन की जगह पर लगभग 54.2 प्रतिशत मामलों में इंफेक्शन हो जाता है। देश के तीन बड़े अस्पतालों के 3,090 मरीजों पर किए इस स्टडी में ये भी पता चला कि जो ऑपरेशन 2 घंटे से ज्यादा चलता है उसमें सर्जिकल साइट इन्फेक्शन होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। और सर्जिकल साइट इन्फेक्शन से शरीर में कई दूसरी परेशानियों का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं क्या होता है सर्जिकल साइट इंफेक्शन।
सर्जिकल साइट इन्फेक्शन क्या होता है
सर्जरी के दौरान या सर्जरी के बाद बैक्टीरिया घाव में चले जाते हैं जिससे बैक्टीरियल इंफेक्शन हो जाता है, इसे सर्जिकल साइट इन्फेक्शन कहते हैं। इसमें ऑपरेशन वाली जगह के टिश्यू प्रभावित होते हैं। सर्जिकल साइट इन्फेक्शन से अंगों को भी नुकसान पहुंच सकता है। कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में और सर्जरी के बाद ध्यान नहीं रखने पर इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
इंफेक्शन हो जाने पर सर्जरी की जगह पर सूजन आ जाती है और दर्द होता है। चीरे के पास पस जमा हो सकता है और मरीज को बुखार भी हो सकता है। ऐसा कोई लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
कैसे होता है सर्जिकल साइट इंफेक्शन का इलाज
सर्जिकल साइट इंफेक्शन के इलाज में एंटीबॉयोटिक्स की मदद ली जाती है, जो गोलियों या इंजेक्शन के रूप में दी जा सकती हैं। इंफेक्शन बढ़ जाने पर सर्जरी की जरूरत भी पड़ सकती है, इसमें स्टेपल या टांकों को हटाकर संक्रमित टिश्यू को निकाला जाता है। ये बैक्टीरिया पर भी निर्भर करता है कि इलाज का तरीका कैसा हो। इससे बचने के लिए सर्जन के बताए सभी निर्देशों का पालन करें और अगर ऊपर बताए गए लक्षणों में कोई भी लक्षण दिखता है तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
डिस्क्लेमर: इस लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सकीय सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
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हरियाणा की राजनीतिक राजधानी रोहतक की रहने वाली हूं। कई फील्ड्स में करियर की प्लानिंग करते-करते शब्दों की लय इतनी पसंद आई कि फिर पत्रकारिता से जुड़ गई।...और देखें
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