भारत में जोड़ों में तकलीफ को लेकर लोगों में जागरूकता की भारी कमी, दर्द होने पर 10 में से 6 लोग ही लेते हैं डॉक्टर की सलाह - स्टडी में हुआ चौंकाने वाले खुलासा

ज्यादातर लोग जिन्हें जोड़ों से जुड़ी कोई गंभीर समस्या होती है, उनमें इसका एक बड़ा कारण जागरूकता की कमी भी हो सकती है। जोड़ों से जुड़ी किसी भी तरह की स्थिति का विकास होने से पहले लोगों को छोटी-मोटी जोड़ों की तकलीफ परेशान करती हैं, लेकिन तब वे इससे राहत के लिए पेन किलर ले लेते हैं, या पेन रिलीफ जेल लगा लेते हैं। लेकिन ज्यादातर लोग इसको लेकर काफी डॉक्टर से सलाह नहीं लेते हैं। ऐसे में भविष्य में लोग गंभीर जोड़ों की तकलीफ का सामना करते हैं।

Joint Pain Problem

Joint Pain Problem

जोड़ों में दर्द और तकलीफ होना एक बेहद आम समस्या है। इसका सामना आए दिन लोगों करना पड़ता है। लेकिन आमतौर पर इसे सामान्य समझकर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन जब तकलीफ बढ़ने लगती है, तब जाकर लोग डॉक्टर की सलाह लेते हैं। लेकिन कुछ मामलों में लोग तब तक डॉक्टर की सलाह नहीं लेते हैं, जब तक कि जोड़ों की तकलीफ की वजह से उनका चलना-फिरना और उठना-बैठना तक मुश्किल नहीं हो जाता है। लेकिन तब तक स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी होती है कि उनका उपचार कर पाना काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इसका एक बड़ा कारण लोगों में जागरूकता की कमी है।

आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि देश में अधिकांश लोगों में जोड़ों की तकलीफ को लेकर जागरूकता की कमी है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि भारत में 10 में से 6 लोग ही जोड़ों में किसी तरह की तकलीफ होने पर डॉक्टर की सलाह लेते हैं। अध्ययन के परिणाम चौंकाने वाले हैं। जागरूकता की कमी को लोगों में बढ़ती जोड़ों की तकलीफ के लिए जिम्मेदार प्रमुख कारणों में से एक माना जा सकता है।

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तेजी से बढ़ रही हैं जोड़ों से जुड़ी समस्याएं

वर्तमान समय में लोगों में हड्डियों व जोड़ों में तकलीफ की समस्याएं काफी तेजी से बढ़ रही हैं। इनमें गठिया, हाई यूरिक एसिड, ऑस्टियोपोरोसिस, बोन डेंसिटी कम होना, हड्डियों का कमजोर होना, टूट-फूट या फ्रैक्चर आदि शामिल हैं। सभी स्थितियों की शुरुआत में लोगों को हल्की-फुल्की तकलीफ होना शुरू होती है। लेकिन ज्यादातर मामलों में लोग दर्द निवारक गोली या पेन रिलीफ जेल लगाकर इनसे राहत पाने की कोशिश करते हैं। लंबे समय तक लोग इन्हें नजरअंदाज करते हैं। ऐसे में आगे चलकर ये समस्याएं गंभीर रूप ले लेती हैं। जिनकी वजह से व्यक्ति गंभीर दर्द और तकलीफ से गुजरना पड़ता है।

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अवेयरनेस की कमी को लेकर क्या कहती है रिसर्च

हेल्थ केयर प्रोवाइडर 'प्रिस्टिन केयर' के एक सर्वे में य बात सामने आई है कि भारतीय लोगों में हड्डियों व जोड़ों के स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता की कमी काफी अधिक है। शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि जिन लोगों को लगातार जोड़ों में तकलीफ की समस्या रहती है, उनमें से 60 फीसदी लोग की भी तरह की मेडिकल हेल्थ नहीं लेते हैं और न ही डॉक्टर की सलाह लेते हैं।

स्टडी में यह पाया गया है कि देश में सिर्फ 5 में से 1 व्यक्ति को हड्डियों व जोड़ों से जुड़ी समस्याओं के बारे में जानकारी होती है। आपको जानकर हैरानी हो सकती है ज्यादातर लोगों को बोन डेंसिटी टेस्ट क्या होता है, इसके बारे में भी कोई जानकारी नहीं होती है। ऐसे में यह एक गंभीर विषय है, जिसको लेकर लोगों में के बीच जागरूकता बढ़ाना बहुत आवश्यक है।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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Vineet author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं। हेल्थ और फिटनेस जुड़े विषयों में मेरी खास दिलचस्पी है।...और देखें

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