बारिश के मौसम में दूषित पानी पीने से होती हैं ये गंभीर बीमारियां, ऐसे पानी पिएंगे तो नहीं पड़ेंगे बीमार, मिलेंगे चमत्कारी फायदे
Contaminated Water Side Effects: अगर आप बारिश के मौसम में बीमार नहीं पड़ना चाहते हैं, तो आपको ऐसे में दूषित पानी पीने से बचना चाहिए। साथ ही, पानी पीते समय कुछ जरूरी सावधानी भी बरतनी चाहिए। यहां जानें पानी पीने के खास तरीका है, जो आपकी मानसून में हेल्दी और फिट रखने में मदद करेगा।
Contaminated Water Side Effects
Contaminated Water Side Effects: बारिश के मौसम के मौसम में ज्यादातर लोगों के घरों में गंदा पानी आता है। नल और नदियों का पानी भी इस दौरान काफी गंदा होता है। इस तरह के दूषित पानी को पीने की वजह से हर साल लाखों लोग बीमार पड़ते हैं। दूषित पानी वह है जिसमें मिट्टी, हानिकारक केमिकल, बैक्टीरिया आदि मौजूद होते हैं। बारिश के मौसम में पानी के दूषित होने की समस्या सबसे अधिक देखने को मिलती है। इस पानी को पीने की वजह से शरीर में गंभीर बीमारियां पनपने लगती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, पानी पीते समय स्वच्छता का ध्यान न रखना और दूषित पानी पीने की वजह से हैजा, दस्त, पेचिश, हेपेटाइटिस ए, टाइफाइड और पीलिया जैसी बीमारियों का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। यही कारण है कि इस दौरान लोग ज्यादा बीमार क्यों पड़ते हैं। अगर आपको मानसून में इन गंभीर बीमारियों से बचना है और सेहतमंद रहना है, तो आपको पानी पीते समय बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है। हेल्थ इन्फ्लूएंसर और आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. दीक्षा भावसार ने एक सोशल मीडिया पर पानी पीने का एक जबरदस्त तरीका शेयर किया है, जो न सिर्फ आपको मानसून में बीमार पड़ने से बचाएगा, बल्कि कई स्वास्थ्य लाभ भी देगा। इस लेख में जानें इसके बारे में...
बारिश के मौसम में बीमार पड़ने से बचने के लिए ऐसे पिएं पानी
इसके लिए आपको 1 लीटर पानी लेना है। एक टी पैन, भगौने या केतली में पानी डालें और इसमें आधा चम्मच सोंठ डालें। इस पानी को तब तक उबालें तब तक पानी 3/4 न रह जाए। आपका पानी जलने के बाद 750 मिलीलीटर तक बचना चाहिए। इस पानी को स्टोर करके रख लें और ठंडा होने दें। जब भी आपको प्यास लगे इस पानी को पिएं। इसके अलावा, दिनभर पीने के पानी को हमेशा पहले उबालें, छानें और उसके बाद ही इसका सेवन करें।
सोंठ का पानी पीने से मिलेंगे चमत्कारी फायदे - Benefits Of Dry Ginger Powder Water In Hindi
आयुर्वेद में सोंठ को शुंठी के नाम से जाना जाता है। ताजी अदरक की तुलना में इसे पचाना हल्का (आसान) होता है। ताजा अदरक के विपरीत इसकी प्रकृति आंतों को बांधने वाली होती है। यह कफ को कम करने और अग्नि को बढ़ाने के लिए एक बेहतर स्टीमुलेंट और कफ निस्सारक है। सोंठ का उपयोग मसाले या औषधि के रूप में हर मौसम में किया जा सकता है।
- यह पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है।
- वजन कंट्रोल करने में मदद करता है।
- आपको सर्दी - खांसी से दूर रखता है।
- आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करता है और बीमार पड़ने से बचाता है।
- यह पेट की सूजन, गैस और पेट दर्द को कम करता है।
यह भी ध्यान रखें
इस पानी की प्रकृति गर्म है, इसलिए जिन लोगों को अत्यधिक पित्त दोष संबंधी रोग जैसे ब्लीडिंग आदि है, उन्हें इस पानी में 1 दरदरी कुटी हुई इलाइची जरूर मिक्स करनी चाहिए। जिन लोगों को अदरक पसंद नहीं है, उन्हें सोंठ छोड़कर इसके स्थान पर 5 तुलसी के पत्तों का उपयोग करना चाहिए।
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मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं। हेल्थ और फिटनेस जुड़े विषयों में मेरी खास दिलचस्पी है।...और देखें
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