Rheumatoid Arthritis Awareness Day: रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या से दूर रहने के लिए ये योगासन

Rheumatoid Arthritis Awareness Day: रूमेटाइड आर्थराइटिस के बारे में लोगों में अवरेनेस को बढ़ाने के लिए हर साल 2 फरवरी को रूमेटाइड आर्थराइटिस अवेयरनेस डे मनाया जाता है। रूमेटाइड आर्थराइटिस एक ऑटोइम्युन कंडिशन है। कुछ योगासन इस समस्या से राहत पाने में मददगार हो सकते हैं। यहां हम आपके साथ योगासन से जुड़ी जानकारी शेयर करने जा रहें हैं।

Rheumatoid Arthritis Awareness Day

रूमेटाइड आर्थराइटिस अवेयरनेस डे

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • रूमेटाइड आर्थराइटिस में शरीर का इम्यून सिस्टम अपने खुद के टिश्यूज पर अटैक करता है, जिसमें जॉइंट्स भी शामिल हैं।
  • रूमेटाइड आर्थराइटिस के बारे में लोगों में अवरेनेस को बढ़ाने के लिए हर साल 2 फरवरी को रूमेटाइड आर्थराइटिस अवेयरनेस डे मनाया जाता है।
  • कुछ योगासन इस समस्या को दूर करने में प्रभावी हैं।
Rheumatoid Arthritis Awareness Day: ऐसा माना जाता है कि आर्थराइटिस उम्र के बढ़ने के कारण होने वाली समस्या है। लेकिन, यह रोग किसी भी उम्र हो सकता है। रूमेटाइड आर्थराइटिस के बारे में लोगों में अवरेनेस को बढ़ाने के लिए हर साल 2 फरवरी को रूमेटाइड आर्थराइटिस अवेयरनेस डे मनाया जाता है। 2013 में रूमेटाइड पेशेंट फाउंडेशन ने लोगों को इसके बारे में जागरूक करने और इससे जुडी भ्रांतियों को दूर करने के लिए इस दिन की शुरुआत की थी। रूमेटाइड आर्थराइटिस एक ऑटोइम्युन कंडिशन है। इस कंडिशन का कोई इलाज नहीं है। ऐसे में, इस बीमारी के बारे में अवेयरनेस होना और किस तरह से इस कंडिशन से लड़ा जा सकता है, इस बारे में जानकारी होना जरूरी है। कुछ योगासन इस समस्या को दूर करने में प्रभावी हैं। आइए जानें रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या से दूर रहने के लिए योगासन के बारे में।
रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या से दूर रहने के लिए योगासन
रूमेटाइड आर्थराइटिस में शरीर का इम्यून सिस्टम अपने खुद के टिश्यूज पर अटैक करता है, जिसमें जॉइंट्स भी शामिल हैं। गंभीर मामलों में, यह इंटरनल ऑर्गन्स पर भी अटैक कर सकता है। रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या से दूर रहने के लिए ये योगासन फायदेमंद हैं:
वृक्षासन- वृक्षासन यानी ट्री पोज बैलेंस और कोऑर्डिनेशन की कमी को कम किया जा सकता है। इसके करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं। अपने दाहिने घुटने को मोड़ें और दाएं पैर को अपनी जांघ पर रखें। कुछ देर इसी स्थिति में रहें और उसके बाद पोजीशन बदलें।
सेतुबंधासन- सेतुबंधासन यानी ब्रिज पोज रूमेटाइड आर्थराइटिस के साथ-साथ कई योग प्रैक्टिसेज में लाभदायक है। इसे करने के लिए पीठ के बल लेटें और हाथों को साइड में रखें। अब अपने पैरों को मोड़ें और कूल्हों के पास ले आएं। सांस रोककर कुछ देर इसी स्थिति में रहें और उसके बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं।
मार्जरी आसन पोज- रूमेटाइड आर्थराइटिस के लिए इस योगासन को भी फायदेमंद माना गया है। इसे करने के लिए सबसे पहले जानवर की तरह झुक जाएं। इस दौरान हाथ सीधे होने चाहिए और पैरों के बीच सही दूरी होनी चाहिए। अब सिर और गर्दन को नीचे की तरफ ले जाएं। उसके बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं।
हर साल 2 फरवरी को रूमेटाइड आर्थराइटिस अवेयरनेस डे मनाया जाता है, ताकि लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जा सके। रूमेटाइड आर्थराइटिस एक ऐसी समस्या है जिसका कोई इलाज नहीं है। इसलिए यह योगासन इस समस्या से कुछ हद तक राहत पाने में मदद कर सकते हैं।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)
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