खराब डाइजेशन को चुटकियों में ठीक कर देगी ये आयुर्वेदिक ड्रिंक, एक्सपर्ट ने बताया गट हेल्थ के लिए अमृत, पीते ही आंतों की गंदगी होगी साफ

Buttermilk Benefits For Gut Health In Hindi: आंतों को स्वस्थ रखने के लिए हमेशा यह सलाह दी जाती है कि अपनी डाइट में प्रोबायोटिक्स जरूर शामिल करने चाहिए। इनका सेवन करने से आंतों में अच्छे बैक्टीरिया बढ़ते हैं, जो आंतों को स्वस्थ रखने में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में डाइजेशन को बेहतर बनाने में ये चमत्कारी ड्रिंक बहुत लाभकारी साबित हो सकती है। इसका नियमित सेवन करने से आपको पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।

Buttermilk Benefits For Gut Health In Hindi

Buttermilk Benefits For Gut Health In Hindi: सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए यह बहुत आवश्यक है कि हमारे पाचन स्वास्थ्य दुरुस्त हो। लेकिन ज्यादातर लोगों के साथ यह देखने को मिलता है, वे आए दिन पाचन संबंधी समस्याओं से घिरे रहते हैं। पेट में गैस, एसिडिटी, कब्ज, अपच आदि जैसी समस्याएं उनके दैनिक जीवन का आम हिस्सा बन गई हैं। इसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी महसूस होती है। साथ ही, वे दिनभर काफी असहज भी महसूस करते हैं। डाइजेशन को मजबूत बनाने के लिए वे तरह-तरह के चूर्ण खाते हैं, लेकिन फिर भी उनकी समस्याएं दूर नहीं होती हैं।

आपको बता दें कि डाइजेशन को दुरुस्त रखने में हमारी आंतों की बहुत अहम भूमिका होती है। अगर आंतों में बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ता है, आंतों में छाले या सूजन की समस्या है, तो इसकी वजह से आपको पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में अगर आपको अपनी पाचन क्रिया को दुरुस्त रखना है, तो आपको सबसे पहले अपनी आंतों को सेहतमंद रखने की जरूरत है। जब आंतों को सेहतमंद रखने की बात आती है, तो ऐसे में आपने अक्सर लोगों को दही खाने की सलाह देते सुना होगा। लेकिन आपको बता दें कि एक ऐसी देसी ड्रिंक भी है जो आंतों के लिए दही से भी अधिक फायदेमंद हो सकती है। इसका नियमित सेवन करने से आंतों को स्वस्थ रखने में बहुत मदद मिल सकती है। इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

आंतों को स्वस्थ रखने के लिए पिएं ये चमत्कारी ड्रिंक

हेल्थ इन्फ्लूएंसर और आयुर्वेदिक चिकित्सक ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में बताया है कि आंतों को स्वस्थ रखने के लिए छाछ से बेहतर कुछ नहीं हो सकता है। आयुर्वेद में छाछ को तक्र कहा जाता है। छाछ न तो बहुत अधिक गाढ़ी होती है और न ही बहुत पतली। इसमें दही के समान ही बैक्टीरिया मौजूद होते हैं। दही की तासीर गर्म होती है, जबकि छाछ आंतों के लिए ठंडी होती है। यह पेट की गर्मी को शांत करती है। यह न मीठी होती है और न ही खट्टी, आपको बता दें कि इसमें फैट की मात्रा भी बहुत कम होती है। यह आंत में बैक्टीरिया के संतुलन को बेहतर बनाती है और पाचन क्रिया को दुरुस्त करती है। इसे आयुर्वेद में सेहत के लिए अमृत माना जाता है।

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