Weight Loss Diet: वजन घटाने के लिए लोग अब ले रहे हैं ऐसी डाइट, लेकिन आज का फर्क कल की सेहत पर करेगा कैसा असर

Weight Loss Diet: आयुर्वेद में पूरे दिन में एक समय भोजन करने की बात कही गई है। इसे इंटरमिटेंट फास्टिंग के एक तरीके से समझिए, जिसे 23:1 कहते हैं। इसमें पूरे दिन में 1 घंटे के अंदर ही अपनी सारी कैलरी लेनी होती हैं। इससे वजन काफी तेजी से कम होता है लेकिन क्या ये सेफ तरीका है? आइए जानते हैं एक टाइम भोजन करने से क्या होता है।

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Weight Loss Diet: भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में एक समय भोजन करने वाले को योगी कहा गया है। योगी आध्यात्म से जुड़ा वो व्यक्ति होता है, जिसे अपने मन पर पूरा काबू होता है। ऐसी डाइट से, विलास से दूर होने के नाते वह दिन भर भोजन नहीं करता है और आयुर्वेद के अनुसार इससे उसकी सेहत भी अच्छी रहती है। वजन कम करने की चाह रखने वाले भी कुछ ऐसी ही डाइट का पालन करते हैं। एक टाइम खाने से वजन तेजी से कम होता है। इससे शरीर में कम कैलरी जाती हैं और शरीर चर्बी भी तेजी से जलाने लगता है। लेकिन क्या ये डाइटिंग का तरीका सेफ है? आइए समझते हैं।

क्या होती है दिन में एक टाइम खाने वाली डाइट

इंटरमिटेंट फास्टिंग के इस तरीके को 23:1 कहते हैं। इसमें आदमी पूरे दिन में बस एक समय भोजन करता है और पूरे दिन किसी और तरह की कैलरी से परहेज करता है। वजन घटाने के इस तेज तरीके में 23 घंटे कुछ न खाने के बाद 1 घंटे में मन भर खा सकता है।

एक टाइम खाना खाने के फायदे

तेजी से वजन कम करने में ये डाइट बहुत कारगर है। इस पर किए गए शोध बताते हैं कि सुबह नाश्ता न करना कुछ दिक्कत पैदा कर सकता है लेकिन इससे कैलरी इनटेक में कमी आती है, जो वजन कम करने में मदद कर सकती है। इससे एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (बैड कोलेस्ट्रॉल) को कम करने में भी मदद मिलती है और साथ ही शुगर भी कंट्रोल में रहता है। इस डाइट से नर्वस सिस्टम भी बेहतर हो जाता है।

एक टाइम भोजन करने के नुकसान

भले ही इस इंटरमिटेंट फास्टिंग से तेजी से फैट लॉस होता हो और वजन में कमी आ जाती हो लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट भी हैं। द अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में छपी एक स्टडी के अनुसार अगर एक सीमा से अधिक कैलरी पर रोक लगाई जाए तो इससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा हो जाता है। टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए ये डाइट का तरीका ठीक नहीं है। इससे हाइपोग्लाइसीमिया की स्थिति हो सकती है, जिसमें ब्लड शुगर लेवल बहुत कम हो जाता है। इससे इंसान को मतली, चक्कर आना, चिड़चिड़ापन, कमजोरी और कब्ज जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। ये तरीका गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं, बूढ़े, बच्चों और किशोरों और खाने के विकार वाले लोगों के लिए भी ठीक नहीं है। इस डाइट प्लान का पालन केवल थोड़े समय के लिए ही ठीक है। लंबे समय में, यह कई स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को जन्म दे सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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मेधा चावला author

हरियाणा की राजनीतिक राजधानी रोहतक की रहने वाली हूं। कई फील्ड्स में करियर की प्लानिंग करते-करते शब्दों की लय इतनी पसंद आई कि फिर पत्रकारिता से जुड़ गई।...और देखें

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