Thyroid in women: पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में क्यों ज्यादा होता है थायराइड? डॉक्टर से समझें इसके कारण और बचाव के उपाय
Thyroid in Female in Hindi : थायराइड की समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है। यदि नहीं तो आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं कि थायराइड महिलाओं को ज्यादा क्यों परेशान करता है?
Thyroid in Women
क्या है थायराइड? - What is Thyroid
कैसे होता है थायराइड? - How does thyroid occur?
कितनी तरह का होता है थायराइड? - Types of Thyroid
क्या है हाइपोथायरायडिज्म? - What is Hypothyroidism?
क्या है हाइपरथायरायडिज्म? - What is Hyperthyroidism?
पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को क्यों होता है थायराइड? - why thyroid disease more common in females
महिलाओं में हाइपरथायरायडिज्म के लक्षण - Hyperthyroidism symptoms in Female
- स्वभाव में चिड़चिड़ापन होना।
- लगातार बिना कारण वजन कम होना।
- थायराइड ग्रंथि का साइज बढ़ जाना या गण्डमाला होना।
- हाथ-पैरों में कंपन की समस्या हो जाना।
- बहुत अधिक गर्मी लगना।
- मासिक धर्म की अनियमितता या पूरी तरह बंद होना।
महिलाओं में हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण - Hypothyroidism Symptoms in Female
- लगातार थका हुआ फील करना।
- तेजी से वजन बढ़ना।
- दिमाग की क्षमता (भूलने की समस्या) कमजोर होना।
- मासिक धर्म के दौरान अधिक मात्रा में खून आना।
- बालों का रूखा और मोटा होना।
- बहुत अधिक ठंड लगना।
क्या है थायराइड का नॉर्मल लेवल? - Normal Range of Thyroid
आयु | थायराइड का नॉर्मल लेवल |
18-50 | 0.5 mU/L – 4.1 mU/L |
51-70 | 0.5 mU/L से 4.5 |
थायराइड के कारण क्या हैं? - Causes of Thyroid?
- थायरॉयडिटिस रोग के कारण थायराइड ग्लैंड में सूजन आ जाती है, जो थायराइड रोग का कारण बनता है।
- आयोडीन की कमी भी थायराइड (हाइपोथायरायडिज्म) के होने का एक बड़ा कारण होती है।
- आयोडीन की अधिकता भी अधिकता भी थायराइड (हाइपरथायरायडिज्म) का एक मुख्य कारण होती है।
- ग्रेव्स रोग थायराइड रोग का एक मुख्य कारण है जिसमें हमारी थायराइड ग्लैंड का साइज बढ़ने लगता है।
- थायराइड ग्रंथि का ठीक से काम न करना भी इस रोग का कारण बनता है, जो जन्मजात समस्या होती है।
थायराइड से बचाव के उपाय - How to prevent Thyroid
- इससे बचाव के लिए आपको नियमित व्यायाम को लाइफस्टाइल का हिस्सा बना लें, जिसमें वॉक, योगा, जिम और साइक्लिंग जैसी चीजें शामिल करें।
- आपको अपनी डाइट में हेल्दी फूड्स को शामिल करना चाहिए, वहीं आयोडीन की मात्रा को लेकर काफी सतर्क रहना चाहिए।
- अनहेल्दी फूड्स जैसे मसालेदार, फ्राइड और प्रोसेस्ड फूड को खाने से परहेज करना चाहिए।
- आपको 7-8 घंटे की भरपूर नींद लेनी चाहिए, यह आपको थायराइड के प्रबंधन में मदद करती है।
- अपने तनाव को कम करने का प्रयास करें, क्योंकि तनाव भी थायराइड इंबैलेंस का बड़ा कारण बन जाता है।
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