भारत के इस हिस्से में लोग खाते हैं लाल चीटियों की चटनी, कई बीमारियों में असरदार

अगर हम अपने आस-पास लाल चींटियों को देखते हैं तो हम उनके डंक के बारे में सोचकर डर जाते हैं लेकिन अगर आपको उन्हें चटनी बनाकर दे दिया जाये तो क्या करेंगे ? जी हाँ! भारत में एक ऐसी जगह है जहां लोग लाल चीटियों की मसालेदार चटनी बनाते हैं। आइये जानते हैं-

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Red Ant Chutney: लाल चींटी की चटनी कहाँ के लोग खाते हैं?

Red Ant Chutney: जब कोई खाने की बात करता है तो हमारे दिमाग में पसंददीदा फ़ूड का फोटो घूमने लगता है। खाने की दुनिया में हम खो जाते हैं, हालांकि दिलचस्प बात यह है की किसी एक का फेवरेट फूड किसी और का टेस्टी फूड कतई नहीं बन सकता है; क्योंकि स्वाद अपना के निजी मामला होता है। इसके साथ ही कई बार खाना, स्थानीय संस्कृति, भूमि और लोगों से भी जुड़ा हुआ होता है। भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग प्रकार का खाना परोसा जाता है।

दुनिया में कई अजीबोगरीब खाने वाले हैं। कुछ देशों में लोग सांपों को खाते हैं तो कुछ देशों में मेंढक, कुत्ते, बिल्ली खाने के शौकीन होते हैं। लेकिन अजीबोगरीब खाना खाने में भारत भी पीछे नहीं है। इन देशों में भारत भी शामिल है। देश के कई हिस्सों में ऐसे लोग हैं जो अलग-अलग तरह का खाना खाना पसंद करते हैं। जैसे भारत में चींटी की चटनी खाई जाती है। जानकर थोड़ा अजीब लगा होगा लेकिन यह सच है। स्थानीय लोग कहते हैं कि यह चटनी बेहद लजीज होती है, इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। यह चटनी इतनी ख़ास है कि इसके लिए GI टैग दिए जाने की मांग भी की जा रही है। खैर आइये विस्तार से इस चटनी के बारे में जानते हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड जैसे राज्यों में आदिवासियों के अलावा अन्य लोग भी चींटी की चटनी खाते हैं। चींटी की चटनी को स्थानीय भाषा में चापड़ा कहा जाता है। आदिवासी खाने के साथ चापड़ा भी बेचते हैं। इससे उन्हें पैसे मिलते हैं। इस चटनी को नमक-मिर्च के साथ पीसकर बनाया जाता है और फिर बड़े चाव से लोग इसे खाते हैं। इस चटनी का उपयोग छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों काफी लंबे समय से किया जा रहा है। लाल चीटियों की चटनी को लोग अब शहरी लोग भी बड़े चाव के साथ खाने लगे हैं। इस लाल रंग की चींटी को स्थानीय भाषा में चींटा भी कहा जाता है। लेकिन चापड़ा के नाम से अधिक फेमस है।

कैसे बनती है लाल चीटियों की चटनी ? - Red Ant Chutney Recipe

लाल चींटी की चटनी लाल चींटियों और उनके अंडों को मिलाकर बनाई गई पेस्ट की तरह होती है। लाल चींटियां पेड़ों की पत्तियों में अपना घर बनाती हैं। ऐसे पत्तों को पहले तोड़ा जाता है, फिर आग में पकाया जाता है। इससे लाल चींटियां और उनके अंडे मर जाते हैं। इसके बाद इन्हें साफ किया जाता है यानी अगर इसमें कोई गंदगी है तो उसे हटा दिया जाता है। फिर इसमें नमक, मिर्च, हल्दी, धनिया मिलाया जाता है और तब यह चटनी तैयार होती है। जानकारों की मानें तो इस चटनी का चटपटा स्वाद चींटियों में मौजूद फॉर्मिक एसिड के कारण होता है। इस चटनी को प्रोटीन से भी भरपूर माना जाता है। चींटियों को इकट्ठा करके बांटा जाता है और फिर स्वादानुसार नमक और मिर्च पाउडर डाला जाता है।

कई बीमारियों में फायदेमंद - Is red ant chutney good for health?

इसका उपयोग भारत के पूर्वी राज्यों, छत्तीसगढ़, ओडिशा और झारखंड में किया जाता है। खाने के अलावा लाल चींटी की चटनी का प्रयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है। जिसका सेवन आंखों के लिए अच्छा माना जाता है और पीलिया, जुकाम, जोड़ों के दर्द, खांसी से पीड़ित लोगों को भी इसे खिलाया जाता है। ग्रामीणों के अनुसार इस चटनी को खाने से मलेरिया या डेंगू जैसे रोग ठीक हो जाते हैं। इस चटनी को सर्दियों में भी खाया जाता है। चापड़ा चटनी आदिवासी लोगों का मुख्य भोजन है।

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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