Alzheimer's Disease: क्या टीबी का टीका अल्जाइमर से बचा सकता है?

Health Research in Hindi: अध्ययनों से पता चला है कि 60 वर्ष की आयु के बाद किसी को भी अल्जाइमर हो सकता है। 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग या बीमारी के पारिवारिक इतिहास वाले लोगों में अल्जाइमर रोग विकसित होने का अधिक जोखिम होता है। आइये जानते हैं कि टीबी के वैक्सीन से अल्जाइमर का खतरा कम किया जा सकता है क्या ?

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Alzheimer Vaccine: क्या अल्जाइमर रोग के लिए कोई टीका है?

Alzheimer's Disease and TB Vaccine:अल्जाइमर उन बीमारियों में से एक है जो विश्व स्तर पर बढ़ रही है। अल्जाइमर रोग तंत्रिका संबंधी विकारों में से एक है। अमेरिका में 60 लाख लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं, वहीं भारत में भी इस बीमारी के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसा देखा गया है कि अल्जाइमर की समस्या 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में बहुत ज्यादा होती है। अल्जाइमर रोग के बढ़ते जोखिम और इसे रोकने के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस मनाया जाता है।

अल्जाइमर एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। इससे दिमाग का कुछ हिस्सा सिकुड़ जाता है। ब्रेन सेल्स डैमेज हो सकते हैं। अल्जाइमर को डिमेंशिया के सबसे सामान्य कारणों में से एक माना जाता है। इन दोनों स्थितियों में व्यक्ति की सोच, व्यवहार और सामाजिक कौशल में लगातार गिरावट आती है। दैनिक जीवन के सामान्य कार्यों को करने में भी कई मुश्किलें आ सकती हैं। बीमारी के शुरुआती लक्षणों में हाल की घटनाओं या बातचीत को भूलने जैसी समस्याएं शामिल हैं।

हाल ही में एक अध्ययन से पता है चलता है कि 100 साल पुराना टीबी का टीका बैसिलस कैलमेट-गुएरिन (बीसीजी) वैक्सीन अल्जाइमर रोग और संबंधित डिमेंशिया के जोखिम को कम कर सकता है। बीसीजी वैक्सीन कई लाभकारी प्रभाव प्रदान करता है और यह वर्तमान में नॉन मसल्स इनवेसिव ब्लैडर कैंसर के लिए रकमेंडड थेरेपी है। जामा नेटवर्क ओपन में प्रकाशित निष्कर्षों से पता चला है कि बीसीजी वैक्सीन के साथ किया गया उपचार अल्जाइमर रोग और संबंधित डिमेंशिया के 20 प्रतिशत कम जोखिम से जुड़ा था। 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के रोगियों में प्रोटेक्टिव एसोसिएशन अधिक था और मृत्यु का जोखिम कम था।

मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल (MGH) के साथ ब्रिघम और विमेंस हॉस्पिटल (BWH) के शोधकर्ताओं ने नॉन मसल्स इनवेसिव ब्लैडर कैंसर का निदान करने के बाद 15 साल तक 6,467 व्यक्तियों का अध्ययन किया। स्टडी के इस समूह में 3,388 मरीज शामिल थे; जिनके उपचार के लिए बीसीजी वैक्सीन का इस्तेमाल किया गया था और 3,079 मरीज ऐसे थे जिनकी बीमारी में लाभ हुआ था। हालांकि यह सभी उम्र, लिंग और मेडिकल कोमोरबिडिटीज जैसे कारकों से मेल खाते थे। कोमोरबिडिटीज का मतलब है कि एक ही व्यक्ति को दो या दो से अधिक बीमारियों का एक साथ होना।

फॉलो-अप के दौरान बीसीजी वैक्सीन समूह में 202 और नियंत्रण समूह में 262 रोगियों ने अल्जाइमर रोग और संबंधित डिमेंशिया विकसित किया। शोधकर्ताओं ने कहा कि दरें संबंधित समूहों में 8.8 प्रति 1,000 व्यक्ति-वर्ष और 12.1 प्रति 1,000 व्यक्ति-वर्ष थीं। विश्लेषण से पता चला है कि बीसीजी वैक्सीन के साथ उपचार अल्जाइमर रोग और संबंधित डिमेंशिया के 20 प्रतिशत कम जोखिम से जुड़ा था।

एमजीएच में साइकेट्रिस्ट मार्क वेनबर्ग ने कहा, "बीसीजी जैसा टीका, यदि प्रभावी साबित होता है, तो अल्जाइमर रोग जैसी विनाशकारी बीमारी के लिए जनसंख्या-आधारित स्वास्थ्य लागतों में समाधान का एक आदर्श उदाहरण हो सकता है।" उन्होंने कहा, "हम अल्जाइमर रोग से संबंधित क्लिनिकल ट्रायल बुजुर्ग वयस्कों के बीसीजी टीकाकरण के संभावित लाभों का अध्ययन करने की ओर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।"

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प्रणव मिश्र author

मीडिया में पिछले 5 वर्षों से कार्यरत हैं। इस दौरान इन्होंने मुख्य रूप से टीवी प्रोग्राम के लिए रिसर्च, रिपोर्टिंग और डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए काम किया...और देखें

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