Tunisha Sharma Suicide Case: प्यार में धोखा और मौत का फसाना, आखिर क्यों जिया से लेकर तुनिषा शर्मा तक ने गंवाई जान
Tunisha Sharma Death : डब्ल्यूएचओ (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पूरी दुनिया में करीब 26 करोड़ लोग डिप्रेशन की बीमारी से गुजर रहे हैं। डिप्रेशन के मरीज हर समय अकेला महसूस करते हैं और इसके साथ ही ऐसे लोगों के मन में किसी भी स्थिति में फंसा होने पर नकारात्मक विचार आते हैं। जरूरत है कि हम समय रहते अपने डिप्रेशन को पहचानें।
प्यार, धोखा, सुसाइड: आखिर क्यों जिया से लेकर तुनिषा शर्मा तक ने गंवाई जान
- डिप्रेशन की वजह से मन में आते हैं आत्महत्या के विचार
- तुनिषा शर्मा की मौत से हैं सब हैरान, ब्रेकअप से थीं परेशान
- डिप्रेशन से जूझ रहे इंसान के मन में आते हैं सुसाइड के ख्याल
डिप्रेशन की वजह से व्यक्ति के मन में आत्महत्या करने के ख्याल आने लगते हैं, जिसको पहचानना जरूरी है। मनोचिकित्सकों का कहना है कि ग्लैमर वर्ल्ड में अकसर एक्टर्स अनजान प्रेशर रहते हैं। ग्लैमर वर्ल्ड में बने रहने का, अच्छा काम मिलने का, फेल न होने का, ऐसे में तनाव बढ़ जाता है। वहीं जब किसी रिश्ते में धोखा मिलता है तो इमोशनली टूट जाते हैं।
डिप्रेशन क्या है-
डिप्रेशन एक तरह का मेंटल डिसऑर्डर होता है, जिसकी गंभीर रोगों में गिनती की जाती है। जो लोग इससे पीड़ित होते हैं उनका मन हमेशा उदास रहता है और उनके दिल में हर वक्त नेगेटिव ख्याल आते रहते हैं और जब इसकी सीमा धीरे-धीरे खत्म होने लगती है तो ऐसे में उस व्यक्ति के मन में अपनी लाइफ को खत्म करने की सोच पैदा होने लगती है। डिप्रेशन से जूझ रहे व्यक्ति को नॉर्मल लाइफ जीने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। डिप्रेशन के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मस्तिष्क की संरचना, कोई बड़ा हादसा, ड्रग्स की लत, मेडिकल कंडीशन, अपनी सोच के हिसाब से चीजें ना होना, रिलेशनशिप में परेशानी, नौकरी, पढ़ाई, कर्ज में हताश होने की वजह से भी इंसान डिप्रेशन का शिकार हो सकता है।
डिप्रेशन के लक्षण
डिप्रेशन के कारण पर्सनालिटी में कई तरीके के बदलाव नजर आने लगते हैं जिसमें हर समय असहाय महसूस होना, बेचैनी, चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग, गुस्सा, अनिद्रा, मन में नेगेटिव थॉट्स आना, हमेशा उदासी, ज्यादा थकावट महसूस करना और किसी भी काम में मन ना लगने की समस्या के साथ-साथ हर समय सिर दर्द रहना डिप्रेशन के संकेत बताए जाते हैं। डब्ल्यूएचओ (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, डिप्रेशन के कारण हर साल लगभग 8,00,000 लोग अपनी जान से हाथ धोते हैं। डिप्रेशन बढ़ने पर खुदकुशी के विचार आने लगते हैं।
हार का सामना करना भी सिखाएं बच्चों को
मनोचिकित्सक डॉ. अनीता गौतम का कहना है कि माता-पिता अपने बच्चों को हर सुविधा देने की कोशिश करते हैं। उन्हें किसी भी परेशानी से दूर रखने का पूरा प्रयास करते हैं। लेकिन इस बीच अकसर बच्चों को हार्ड वर्क का महत्व समझाना और हार का सामना करने का सबक देना भूल जाते हैं। ऐसे में पढ़ाई हो या फिर वर्क और रिलेशन विकट समय में बच्चे जल्द ही हार मान जाते हैं और सुसाइड जैसे विचार उनके मन में आने लगते हैं। यही कारण है कि पिछले कुछ सालों में सुसाइड की प्रवृति बढ़ी है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों को बचपन से ही सिखाएं कि सफलता और असफलता दोनों ही जिंदगी का हिस्सा हैं।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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