बालों के साथ अगर करती हैं यह काम तो हो जाएं सावधान! हो सकता है दुर्लभ कैंसर- स्टडी में दावा

वैसे, यूटरीन कैंसर एक दुर्लभ किस्म का कैंसर है। सभी नए कैंसर से जुड़े मामलों में गर्भाशय कैंसर लगभग तीन फीसदी है, पर यह महिला प्रजनन प्रणाली का सबसे आम कैंसर है। साल 2022 में 65,950 नए मामलों का अनुमान है। विभिन्न स्टडी से पता चलता है कि अमेरिका में गर्भाशय के कैंसर की घटनाओं की दर बढ़ रही है।

Hair Straightening

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तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो
अगर आप बाल स्ट्रेटनिंग का इस्तेमाल करती हैं, तब आपको थोड़ा अलर्ट हो जाना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि बाल सीधा करने वाले केमिकल्स के इस्तेमाल से कैंसर का खतरा रहता है। यह बात हाल ही में एक नई स्टडी में सामने आई है। शोध के मुताबिक, जिन महिलाओं ने बाल स्ट्रेटनिंग (सीधे करने वाले) केमिकल प्रोडक्ट इस्तेमाल किए थे, वे यूटरीन कैंसर (गर्भाशय वाला कैंसर) का अधिक खतरा (जिन्होंने यूज नहीं किया, उनकी तुलना में) था। शोध करने वालों ने इस तरह के कैंसर का जोखिम बालों से जुड़े बाकी उत्पादों में नहीं पाया। इनमें हेयर डाई, ब्लीच, हाईलाइट्स और पर्म्स शामिल हैं।
वैसे, यह स्टडी अमेरिका की है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इन्वायरमेंटल हेल्थ साइंसेज (एनआईईएचएस) के नेतृत्व में हुए इस शोध में यूएस की 35 साल से 74 साल की औरतों से जुड़ा डेटा है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, गहराई से चीजों को समझने के लिए इस शोध के तहत महिलाओं पर करीब 11 साल तक "नजर रखी गई" (हेल्थ को ट्रैक और ट्रेस किया गया) और इस दौरान 378 यूटरीन कैंसर के केस सामने आए।
शोधार्थियों ने पाया कि जिन महिलाओं ने बालों को सीधा करने वाले उत्पादों के लगातार इस्तेमाल की जानकारी दी थी (जिन्हें पिछले साल में चार गुना से अधिक के रूप में परिभाषित किया गया था) उनकी तुलना में गर्भाशय कैंसर विकसित होने की संभावना दोगुनी से अधिक (उनके मुकाबले, जिन्होंने उत्पादों का उपयोग नहीं किया था) थी।
एनआईईएचएस एन्वायरमेंट एंड कैंसर एपिडेमियोलॉजी ग्रुप की हेड, प्रमुख लेखिका और पीएचडी होल्डर एलेक्जेंडरा व्हाइट ने बताया- हमने अनुमान लगाया था कि 1.64% महिलाएं जिन्होंने कभी हेयर स्ट्रेटनर का इस्तेमाल नहीं किया, उनमें 70 साल की उम्र तक गर्भाशय का कैंसर हो जाएगा, लेकिन बार-बार इस्तेमाल करने वालों के लिए यह जोखिम 4.05% तक बढ़ जाता है।
वैसे, यूटरीन कैंसर एक दुर्लभ किस्म का कैंसर है। सभी नए कैंसर से जुड़े मामलों में गर्भाशय कैंसर लगभग तीन फीसदी है, पर यह महिला प्रजनन प्रणाली का सबसे आम कैंसर है। साल 2022 में 65,950 नए मामलों का अनुमान है। विभिन्न स्टडी से पता चलता है कि अमेरिका में गर्भाशय के कैंसर की घटनाओं की दर बढ़ रही है। खास तौर पर अश्वेत महिलाओं (Black Women) में। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, बीते साल स्ट्रेटनर का इस्तेमाल करने वाले प्रतिभागियों में से लगभग 60% खुद से पहचान करने वाली अश्वेत महिलाएं थीं।
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अभिषेक गुप्ता author

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