लंबे समय तक जीवित रहना हैं तो गांठ बांध लें आयुर्वेद का ये नियम, एक्सपर्ट ने बताया फॉलो करने का आसान तरीका

Want To Live Longer Then Follow This Ayurvedic Rule: आजकल लोग कम उम्र में ही दुनिया को अलविदा कह रहे हैं। ऐसे में लोगों के मन में अक्सर यह सवाल आता है कि लंबे समय तक जीवित रहने के लिए क्या करना चाहिए। आपको बता दें कि आयुर्वेद में लंबा जीवन जीने का बहुत ही आसान तरीका बताया गया है।

Ayurvedic Rule To Live Longer In Hindi

Ayurvedic Rule To Live Longer In Hindi

Want To Live Longer Then Follow This Ayurvedic Rule: आपने देखा होगा कि हमारे दादा-दादा परदादा 80-80 साल तक जीवित रहते थे। लेकिन आजकल लोग इससे आधी उम्र में ही दुनिया को अलविदा देते हैं। आज के समय में न तो पहले के जैसा खानपान बचा है और न ही कुछ वातावारण। इसकी वजह से लोगों की उम्र धीरे-धीरे लगातार कम होती जा रही है। साथ ही, लोगों के शरीर में गंभीर बीमारियां भी बन रही हैं। आजकल हम देखते हैं कि लोगों को 40 की उम्र में ही अपनी जान गंवानी पड़ती है। जब तक व्यक्ति अपने मध्यम आयु तक पहुंचते हैं, उनमें मोटापा, हृदय रोग, कैंसर, डायबिटीज, बीपी और कोलेस्ट्रॉल आदि जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं, जो व्यक्ति के शरीर को धीरे-धीरे खोखला करती हैं। आज के समय में लंबे समय तक जीवित रहना किसी चुनौती से कम नहीं है।
लेकिन आयुर्वेद के नियमों को फॉलो करके आप आज भी अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं और लंबे समय जीवित रह सकते हैं। हेल्थ इन्फ्लूएंसर और आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. वरलक्ष्मी यनामंद्र ने ऐसा आयुर्वेदिक नियम शयर किया है, जिसे अगर आप अपनी जीवनशैली की हिस्सा बना लें, तो अपनी उम्र बढ़ सकेत हैं और अपने जीवन में कुछ साल और जोड़ सकते हैं। इस लेख में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

लंबे समय तक जीने का आयुर्वेदिक नियम - Ayurvedic Rule To Live Longer In Hindi

डॉ. वरलक्ष्मी की मानें तो आयुर्वेद के अनुसार, लंबे समय तक जीवित रहने का सीक्रेट है हल्का भोजन। आयुर्वेद में नव और पुराण नामक एक अवधारणा है! नव का अर्थ है नई कटाई और पुराण का अर्थ है एक वर्ष पुराना। कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ होते हैं जो पुराने होने पर हल्के हो जाते हैं। अगर आप इन फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करें, तो यह आपके जीवन की उम्र बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

कौन से फूड पुराने होने पर हल्के होते हैं

आयुर्वेद के अनुसार, शहद, गुड़ और चावल को जब हम 1 साल तक स्टोर करके रखते हैं तो वे हल्के हो जाते हैं। इन फूड्स को 1 वर्ष तक स्टोर करने और उसके बाद खाने से मोटापा, डायबिटीज, कफ दोष संबंधी समस्याएं जैसे मेटाबॉलिक रोग आदि से बचाव में मदद मिलती है। साथ ही, ये किसी भी लंबे समय से चली आ रही बीमारियों के उपचार में भी मदद करते हैं।
हल्का अनाज खाना गर्मी, वसंत और बरसात जैसे मौसमों में भी सेहत के लिए लाभकारी होता है। यह अभ्यास लंबे समय तक जीने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है!
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Vineet author

मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर चीफ कॉपी एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से दिल्ली का रहने वाला हूं। हेल्थ और फिटनेस जुड़े विषयों में मेरी खास दिलचस्पी है।...और देखें

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