इन संकेतों और लक्षणों से रहें सावधान, डॉक्टर से जानिए किन वजहों से हो सकता है ब्रेन ट्यूमर?
विश्व मस्तिष्क ट्यूमर दिवस 2023 (World Brain Tumor Day) पर एक विशेषज्ञ से कुछ सामान्य लक्षणों के बारे में जानते हैं जो ब्रेन ट्यूमर की ओर इशारा कर सकते हैं। कुछ ऐसे संकेत और लक्षण हो सकते हैं जो आगे चलकर कैंसर का रूप धारण कर सकते हैं। ये लक्षण विभिन्न स्थितियों के कारण हो सकते हैं, इसलिए इन्हें डायग्नोज कर इनका इलाज करना आवश्यक है।
Brain Tumor Symptoms: आमतौर पर ब्रेन ट्यूमर का पहला लक्षण क्या होता है?
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ब्रेन ट्यूमर के लक्षण और लक्षण ट्यूमर के स्थान, आकार और प्रकार के आधार पर अलग-अलग होते हैं। कुछ छोटे ट्यूमर तब तक कोई लक्षण नहीं दिखाते जब तक वे बड़े नहीं हो जाते और संयोगवश कुछ अन्य कारणों से ब्रेन इमेजिंग करते समय पाए जा सकते हैं। जब ब्रेन ट्यूमर के इलाज की बात आती है तो शुरुआती पहचान महत्वपूर्ण होती है और इसलिए संकेतों (Brain Tumour Day: Early Signs And Symptoms) को अनदेखा नहीं करना आवश्यक है।
- सिरदर्द
- दृष्टि में परिवर्तन
- मिर्गी के दौरे
- स्मृति समस्याएं
- व्यवहार परिवर्तन
- मतली और उल्टी
- कमजोरी या सुन्नता
- बोलने में कठिनाई
- सुनने में परिवर्तन
- थकान
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि ये लक्षण विभिन्न स्थितियों के कारण हो सकते हैं, और इनमें से एक या अधिक लक्षणों का अनुभव करने का मतलब यह नहीं है कि आपको ब्रेन ट्यूमर है। हालांकि, यदि आप चिंतित हैं, तो चिकित्सकीय ध्यान देने की सलाह दी जाती है।
उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के न्यूरोसर्जन डॉ. शशि शेखर सिंह ने टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल से बातचीत में बताया कि ब्रेन ट्यूमर का खतरा कई वजहों से बढ़ सकता है। यह इससे तय होता है कि ट्यूमर किस तरह का है। वैसे, ब्रेन ट्यूमर होने का असली कारण अक्सर पता ही नहीं चल पाता। लेकिन कुछ फैक्ट ऐसे हैं, जिन्हें ब्रेन ट्यूमर होने के खतरे से जोड़कर देखा जाता है। इनमें से कुछ ये हैं :
उम्र : ब्रेन ट्यूमर होने का खतरा उम्र (Age Factors) के साथ बढ़ता जाता है। ग्लायोमा जैसे कुछ ब्रेन ट्यूमर्स एडल्ट्स में कॉमन होते हैं, जबकि मेडुलोब्लास्टोमास जैसे ट्यूमर्स होने का खतरा बच्चों में ज्यादा होता है।
फैमिली हिस्ट्री और जैनेटिक फैक्टर्स : थोड़े ट्यूमर्स ऐसे भी हैं, जिनका संबंध जैनेटिक कंडीशंस और फैमिली हिस्ट्री से होता है। एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक जाने वाली जैनेटिक बीमारियां (Family History and Genetic Factors) जैसे : न्यूरोफाइब्रोमेटोसिस, वॉन हिप्पेल-लिंडौ डिजीज और ली-फ्रामेनी सिंड्रोम से ब्रेन ट्यूमर होने का खतरा बढ़ जाता है। किसी नजदीकी रिश्तेदार को ब्रेन ट्यूमर होने पर भी इसका खतरा ज्यादा होता है।
आयोनाइजिंग रेडिएशन से संपर्क : पहले कभी हाई-डोज आयोनाइजिंग रेडिएशन (Exposure to Ionizing Radiation) के संपर्क में रहने पर भी बाद में ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ जाता है। यह पिछले कैंसर के दौरान रेडिएशन थेरेपी लेने या परमाणु हादसों से निकलने वाले रेडिएशन के संपर्क में आने पर हो सकता है।
जेंडर : मेनिंगियोमा जैसे कुछ ब्रेन ट्यूमर्स का खतरा महिलाओं (Gender Factors) में ज्यादा होता है, जबकि ग्लायोमा जैसे ट्यूमर्स पुरुषों में ज्यादा हो सकते हैं। हालांकि, ऐसा होने की वजह के बारे में अभी पूरी तरह पता नहीं चला है।
पर्यावरण से जुड़े कारण : इस बात को लेकर रिसर्च की जा रही है कि कहीं ब्रेन ट्यूमर की वजहों में पर्यावरण की कोई भूमिका (Environmental Factors) तो नहीं है। कुछ स्टडीज में यह इशारा किया गया है कि खास तरह के केमिकल्स और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड्स के संपर्क में आने से ब्रेन ट्यूमर होने का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि, दावे से कुछ कहने के लिए अभी और रिसर्च की जरूरत है।
इस बात पर ध्यान देना होगा कि ब्रेन ट्यूमर के ज्यादातर मामले ऐसे लोगों में दिखाई देते हैं, जिनमें इसके खतरे के कोई लक्षण ही नहीं थे। ज्यादातर मामले चौंकाने वाले होते हैं, यानी उनमें ट्यूमर अचानक सामने आता है, जिसका कारण भी पता नहीं चलता। अगर आपको भी ब्रेन ट्यूमर के खतरे की चिंता सता रही है, तो सबसे अच्छा यही रहेगा कि हेल्थकेयर प्रोफेशनल की तुरंत मदद लें। वह आपके शरीर की स्थिति देखकर कुछ तय करेगा और आपको सही सलाह देगा।
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