World Autism Awareness Day: ऑटिज्म क्या है? हर साल 2 अप्रैल को क्यों मनाया जाता है विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस, जानें इसका रोचक इतिहास
World Autism Awareness Day: विश्व भर में ऑटिज्म से काफी लोग पीड़ित हैं और इसकी दर लगातार बढ़ रही है। ऐसे लोगों को समाज में भेदभाव का सामना करना पड़ता है। ऐसे बच्चों को अधिक देखभाल की जरूरत होती है। ऐसे बच्चे भी सामान्य जीवन जी सकते हैं। बस लोगों में इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।
World Autism Awareness Day
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विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है?
इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों में इस मानसिक स्थिति को लेकर जागरूकता बढ़ाना है। ऑटिस्टिक लोग भी समाज का हिस्सा बन सकें और आम लोगों की तरह सामान्य जीवन जी सकें, इस उद्देश्य के साथ विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस इस बात पर जोर देता है कि ऑटिस्टिक लोगों के जीवन को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आमतौर पर इस मानसिक स्थिति से पीड़ित लोग दूसरे लोगों पर बहुत ज्यादा निर्भर होते हैं।
विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस की शुरुआत कब हुई?
विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस की स्थापना संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2007 में की गई थी। 18 दिसंबर 2007 को इसकी स्थापना हुई। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2 अप्रैल को विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस के रूप में घोषित किया। पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2 अप्रैल, 2008 को विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मनाया गया था। तब से हर साल 2 अप्रैल को विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मानाया जा रहा है। जिससे कि ऑटिस्टिक लोगों के जीवन में सुधार करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला जा सके। वे भी एक सामान्य व्यक्ति की तरह पूर्ण और सार्थक जीवन जी सकें। एक अभिन्न अंग के रूप में पूर्ण और सार्थक जीवन जी सकें।
विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस 2024 थीम - World Autism Awareness Day 2024 Theme
हर साल विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस की थीम अलग-अलग होती है, जिनमें ऑटिस्टिक लोगों के जीवन में सुधार के लिए अलग-अलग विषय निर्धारित किए जाते हैं। इस वर्ष विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस 2024 का विषय 'एम्पावरिंग ऑटिस्टिक वॉयस' है। इस बार की थीम का उद्देश्य ऑटिस्टिक लोगों को अधिक समर्थन और सशक्तिकरण प्रदान करना है। इससे उन्हें सार्थक जीवन जीने में मदद मिल सकती है और उन्हें सफल करियर बनाने में सक्षम बनाया जा सकता है।
डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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